जहरीली एस्बेस्टस शीट्स: देश के सभी स्कूलों से हटाए जाएंगी, बच्चों की सांसों को मिलेगी आजादी। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने स्कूलों में इस्तेमाल होने वाली जहरीली एस्बेस्टस शीट्स को हटाने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया है।
आजादी दिलाएंगी, बच्चों की सांसों को मिलेगी आजादी। एनजीटी ने इस फैसले में कहा है कि देश के सभी स्कूलों में एस्बेस्टस शीट्स हटाकर सुरक्षित विकल्प लगाने होंगे।
एक साल के अंदर इन्हें हटाकर सुरक्षित विकल्प लगाने होंगे। यह फैसला पर्यावरण संरक्षण कानून 1986 और हवा प्रदूषण रोकथाम कानून 1981 के तहत है।
स्कूल कर्मचारियों को एस्बेस्टस से जुड़े जोखिमों और सुरक्षा उपायों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा, स्कूलों को सिर्फ प्रमाणित पेशेवरों से ही एस्बेस्टस शीट्स की मरम्मत, स्थापना या हटाने का कार्य कराना होगा।
इस फैसले में एनजीटी ने कहा है कि यदि छत की शीट अच्छी स्थिति में है, तो उसे हटाने की जरूरत नहीं, लेकिन उस पर पेंट या सुरक्षात्मक कोटिंग लगाई जानी चाहिए।
अगर शीट खराब हो चुकी है, तो उसे तुरंत गीला करके और विशेषज्ञों की मदद से हटाया जाए, ताकि हवा में हानिकारक रेशे न फैलें।
स्कूलों को एस्बेस्टस से जुड़े खतरों और सुरक्षा उपायों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
एसबेस्टस शीट्स का उपयोग करने वाली राज्यों ने अब सर्वे तक नहीं किया, न ही हटाने की योजना बनाई।
एनजीटी ने आदेश दिया है कि एस्बेस्टस से जुड़े खतरनाक अपशिष्ट निपटान स्थलों पर कचरे को डंप किया जाए और वाहनों को ढककर चलाया जाए।
इस फैसले में एनजीटी ने कहा है कि एस्बेस्टस शीट्स का उपयोग करने वाली राज्यों को नियमित निरीक्षण करें और निपटान प्रक्रिया का पूरा रिकॉर्ड रखें।
इसके अलावा, एनजीटी ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसबी) को आदेश दिया है कि वह छह महीने के अंदर एस्बेस्टस से जुड़े वैज्ञानिक साक्ष्य और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं की समीक्षा करें।
साथ ही, स्कूलों, घरों और अन्य भवनों में इसके उपयोग को कम या बंद करने की नीति तैयार करें।
आजादी दिलाएंगी, बच्चों की सांसों को मिलेगी आजादी। एनजीटी ने इस फैसले में कहा है कि देश के सभी स्कूलों में एस्बेस्टस शीट्स हटाकर सुरक्षित विकल्प लगाने होंगे।
एक साल के अंदर इन्हें हटाकर सुरक्षित विकल्प लगाने होंगे। यह फैसला पर्यावरण संरक्षण कानून 1986 और हवा प्रदूषण रोकथाम कानून 1981 के तहत है।
स्कूल कर्मचारियों को एस्बेस्टस से जुड़े जोखिमों और सुरक्षा उपायों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा, स्कूलों को सिर्फ प्रमाणित पेशेवरों से ही एस्बेस्टस शीट्स की मरम्मत, स्थापना या हटाने का कार्य कराना होगा।
इस फैसले में एनजीटी ने कहा है कि यदि छत की शीट अच्छी स्थिति में है, तो उसे हटाने की जरूरत नहीं, लेकिन उस पर पेंट या सुरक्षात्मक कोटिंग लगाई जानी चाहिए।
अगर शीट खराब हो चुकी है, तो उसे तुरंत गीला करके और विशेषज्ञों की मदद से हटाया जाए, ताकि हवा में हानिकारक रेशे न फैलें।
स्कूलों को एस्बेस्टस से जुड़े खतरों और सुरक्षा उपायों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
एसबेस्टस शीट्स का उपयोग करने वाली राज्यों ने अब सर्वे तक नहीं किया, न ही हटाने की योजना बनाई।
एनजीटी ने आदेश दिया है कि एस्बेस्टस से जुड़े खतरनाक अपशिष्ट निपटान स्थलों पर कचरे को डंप किया जाए और वाहनों को ढककर चलाया जाए।
इस फैसले में एनजीटी ने कहा है कि एस्बेस्टस शीट्स का उपयोग करने वाली राज्यों को नियमित निरीक्षण करें और निपटान प्रक्रिया का पूरा रिकॉर्ड रखें।
इसके अलावा, एनजीटी ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसबी) को आदेश दिया है कि वह छह महीने के अंदर एस्बेस्टस से जुड़े वैज्ञानिक साक्ष्य और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं की समीक्षा करें।
साथ ही, स्कूलों, घरों और अन्य भवनों में इसके उपयोग को कम या बंद करने की नीति तैयार करें।