पंचायती राज मंत्री बनते ही दीपक प्रकाश बोले, 'कई जगहों पर काम सही समय पर पूरा नहीं हो पा रहा'

बिहार में पंचायती राज विभाग के पदभार संभालने वाले दीपक प्रकाश ने कहा है कि कई जगहों पर सही समय पर काम पूरा नहीं हो रहा है. उन्होंने यह भी बताया है कि पंचायत स्तर पर किए जाने वाले कार्यों की समीक्षा के लिए एक समिति बनेगी, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियां भाग लेंगी।

उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, ''मुझे बहुत बड़ी जिम्मेदारी मिली है. पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में काम करने का मौका मिला है. मैंने पदभार ग्रहण कर लिया है.'' उन्होंने बताया कि विभाग के अधिकारियों को कुछ निर्देश जारी करने की जरूरत महसूस की गई है, जिसमें पिछले समय में चल रहे पंचायत भवन का निर्माण कार्य की समीक्षा शामिल है. उन्होंने कहा, ''कई जगहों पर ये देखा गया है कि काम की गुणवत्ता जैसी होनी चाहिए वैसी नहीं है. उसमें निर्माण सामग्री की गुणवत्ता कम ह.''

दीपक प्रकाश ने यह भी कहा है कि पंचायत स्तर पर किए जाने वाले कार्यों की सही मॉनिटरिंग करना आवश्यक है, और इसके लिए एक समिति बनाई जाएगी। उन्होंने बताया, ''इस समिति का काम पंचायत स्तर पर किए जाने वाले कार्य की समीक्षा करना होगा. इससे जवाबदेही भी तय होगी और प्रतिनिधियों को लोकतंत्र को मजबूत करने में अपनी भागीदारी भी मिलेगी।''

उन्होंने जिला परिषद की जमीनों पर भी जोर दिया, और कहा कि इन जमीनों पर रेवेन्यू जेनरेटिंग एसेट्स का विकास किया जाए. उन्होंने बताया, ''इन जमीनों पर रोजगार के लिए किराए पर दी जा सकती है, और इस तरह के स्लॉट्स में दुकानों का निर्माण हो, ताकि लोगों को रोजगार मिल सके।''

दीपक प्रकाश ने यह भी कहा है कि विभाग के खाली पदों को जल्द से जल्द भरा जाएगा, और उन्होंने ये भी बताया है कि एसेट्स के रूप में विकास करने से विभाग को रेवेन्यू का एक जरिया मिलेगा।
 
नहीं तो यह तय नहीं होता 🤔, किसी भी पंचायती राज विभाग में पदभार संभालने पर जिम्मेदारी तो ही बढ़ जाती है. और अब दीपक प्रकाश ने सही समय पर काम नहीं होने की बात कही है, तो शायद उन्होंने अपना पदभार पहले से ही लिया हुआ है 😒.

और फिर यह समिति बनाने की बात, जिसमें राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियां भाग लेंगी, तो शायद वे सब एक-दूसरे के दोस्त होंगे, ना? 🤣. और जिला परिषद की जमीनों पर ध्यान देना, तो यह तय नहीं होता कि कौन सी ब्राडकास्ट खत्म करनी है, ना? 📺
 
मुझे यह तो बहुत बड़ी चिंता है... पंचायती राज में सब कुछ अच्छा नहीं हो रहा है. कभी बेहतरीन काम नहीं होता, और जब कोई नया अधिकारी पदभार लेता है, तो सोचते हैं कि सब कुछ ठीक होगा. लेकिन मुझे लगता है कि यह भी बस एक नया फ्रॉड है. क्या वास्तव में कोई बदलाव होगा? और इन सभी समितियों और समीक्षाओं के लिए समय और पैसा क्या करेगा?
 
बिहार में पंचायती राज विभाग को चुनने पर निराश हूँ. मुझे लगता है कि दीपक प्रकाश जी की योजनाएँ अच्छी हैं, लेकिन सही समय पर काम पूरा नहीं हो रहा है, तो फिर इसका मतलब यह है कि कुछ लोग अभी भी अपने मकानों की मरम्मत करवा सकते हैं? 🤔

एक समिति बनाए जाने से अच्छा, लेकिन इस समिति में क्या जिम्मेदारियाँ हैं, इसकी जानकारी नहीं है। और पूर्व अनुभवी अधिकारियों को निलंबित करने की बात भी कैसे सुनाई देती है? 🚫

जिला परिषद की जमीनों पर रोजगार का मौका देना एक अच्छी बात है, लेकिन इसके लिए सुधारित रणनीति बनाने की जरूरत है। और इस तरह के स्लॉट्स में दुकानों का निर्माण करने से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि ये स्थान ठीक से विकसित किए जाएं। 🏗️

विभाग के खाली पदों को जल्द से भरने की बात अच्छी है, लेकिन इसके पीछे क्या मूल्य है? और एसेट्स को रेवेन्यू के जरिये विकसित करने से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि इससे सचमुच लोगों की जिंदगी में परिवर्तन आ सके। 💸
 
किसानों की खेती में देश में 4 करोड़ 70 लाख लोग शामिल हैं, जिसमें प्रति खेती 20 लाख से अधिक लोग शामिल हैं. 🌾📊 भारत में निर्माण कार्यों पर 2.5 लाख लोग रोजगार पर नहीं हैं. 🏗️ बिहार में पंचायती राज विभाग के पदभार संभालने वाले दीपक प्रकाश का यह नियुक्ति 2020 में हुई थी, जब देश में 4.8 करोड़ लोग रोजगार पर नहीं थे. 📈

पंचायती राज विभाग की शिकायतों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है. बिहार में इसे संबोधित करने के लिए 1000 नए पद बनाए गए हैं, और दीपक प्रकाश ने अपने पदभार ग्रहण करते हुए कहा है कि इन पदों को जल्दी भरने पर विचार किया जाएगा. 💼

पंचायत स्तर पर किए जाने वाले कार्यों की समीक्षा के लिए एक समिति बनाने से लोकतंत्र मजबूत होगा, और इसमें राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियां भाग लेंगी. 🤝
 
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पंचायती राज विभाग की समस्याओं पर बात करते हुए, मुझे लगता है कि यह एक बड़ी चुनौती है, जिसमें हमें न केवल सही समय पर काम पूरा करने के लिए सुधार करना पड़ेगा, बल्कि इसके लिए लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए भी एक समिति बनानी चाहिए। इससे हमें जवाबदेही तय होगी और लोगों को अपनी भागीदारी मिलेगी।

इसके अलावा, जिला परिषद की जमीनों पर रोजगार के अवसर पैदा करने की बात सुनकर मुझे अच्छा लगा, यह हमें लोगों को रोजगार देने और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करने का मौका मिलेगा। इससे हमें समाज में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा। 🌟
 
यह तो बहुत बड़ी जिम्मेदारी है दीपक प्रकाश को इस पद पर हाथों में लेनी है। लेकिन सवाल यह है कि क्या वे सचमुच लोकतंत्र के हित में काम करेंगे या बस अपनी सीट सुरक्षित करने के लिए पंचायतियों को बकाया काम देगें।

पंचायत स्तर पर कार्यों की समीक्षा के लिए एक समिति बनाने से हमें उम्मीद है कि सच्चाई बताई जाएगी। लेकिन यह भी सवाल उठता है कि समिति में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियां शामिल होंगी, तो क्या उन्हें अपने पक्ष की राय देने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।

दीपक प्रकाश ने जिला परिषद की जमीनों पर भी जोर दिया, और मैं इस बात से आश्चर्यचकित हूं। हमें यह तो उम्मीद थी कि इन जमीनों पर रोजगार के अवसर बनाए जाएंगे, लेकिन इसके बजाय उन्हें एसेट्स का एक स्रोत माना जाएगा। यह तो विभाग की रणनीति है कि वह अपनी राजस्व कमाई बढ़ाए।

लेकिन अगर दीपक प्रकाश सचमुच लोकतंत्र के हित में काम करना चाहते हैं, तो उन्हें इन जमीनों पर रोजगार के अवसर बनाने की जरूरत है। इससे लोगों को रोजगार मिलेगा, और विभाग को राजस्व कमाई बढ़ाएंगे।
 
मैंने देखा है कि दीपक प्रकाश जी ने अपने पदभार ग्रहण के बाद पहले ही कई बदलावों की घोषणा की है.

कुछ जगहों पर सही समय पर काम नहीं पूरा हो रहा है, यह तो बहुत बड़ा मुद्दा है! 🤔

उन्होंने एक समिति बनाने की घोषणा की है जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियां भाग लेंगी, जिससे हमें पता चलेगा कि कौन-कौन से कार्य सही तरीके से चल रहे हैं और किस जगह बदलाव की जरूरत है!

उन्होंने कहा है कि पंचायत स्तर पर किए जाने वाले कार्यों की सही मॉनिटरिंग करना आवश्यक है, और इसके लिए एक समिति बनाई जाएगी। यह तो बहुत अच्छा है! 🙌

लेकिन, मैंने उनकी एक चिंता वाली बात सुनी है. उन्होंने कहा है कि कई जगहों पर ये देखा गया है कि काम की गुणवत्ता जैसी होनी चाहिए वैसी नहीं है.

यह तो हमारी सरकार की नीतियों से ताल्लुक रखता है, इसलिए मुझे उम्मीद है कि जल्द ही बदलाव आयेगा! 🤞

और, उन्होंने जिला परिषद की जमीनों पर भी जोर दिया, और कहा कि इन जमीनों पर रोजगार के लिए किराए पर दी जा सकती है, और इस तरह के स्लॉट्स में दुकानों का निर्माण हो, ताकि लोगों को रोजगार मिल सके। यह एक बहुत अच्छा विचार है! 👍
 
दीपक प्रकाश जी के पदभार संभालने की बात है, तो यह अच्छा है कि वे सही समय पर काम पूरा नहीं हो रहा है की समस्या को समझते हुए सामिति बनाने की बात कर रहे हैं और इसमें राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियां भाग लेंगी।

लेकिन ये तो अच्छा भी है कि उन्होंने जमीनों पर जोर दिया है, और रोजगार के लिए किराए पर दी जा सकती है। यह बहुत ही प्रभावी रहेगा, खासकर जब हमारे देश में रोजगार की स्थिति अच्छी नहीं है।

लेकिन यह भी जरूरी है कि उन्हें विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी करने की जरूरत महसूस हुई है। और यह तो एक अच्छा संकेत है कि वे विकास में रेवेन्यू का जरिया बनाने पर भी ध्यान दे रहे हैं। 🤝
 
मैं तो कहता हूँ कि पंचायती राज विभाग को बहुत अच्छी तरह से चलाने के लिए दीपक प्रकाश जैसे व्यक्ति की जरूरत है, 🤔 लेकिन फिर मैं अपने आप से कहता हूँ कि यह भी सच नहीं है, क्योंकि हमें पता नहीं है कि वे वास्तव में ऐसा कैसे करेंगे। और फिर मैंने सोचा होगा कि शायद उन्हें पूरी तरह से नए तरीके से देखने की जरूरत है, जैसे कि पंचायत भवन का निर्माण कार्य को कम गुणवत्ता वाली सामग्री के साथ करें, 😒 लेकिन फिर मैं अपने आप से कहता हूँ कि यह भी गलत है, क्योंकि इससे पूरे देश के पीछे पंचायती राज विभाग का विश्वास तोड़ा जाएगा।

और फिर मैंने सोचा होगा कि शायद उन्हें अपने पदभार संभालने से पहले थोड़ी ब्रेक लेने की जरूरत है, ताकि वह अपने आप को अच्छी तरह से जानते हों और फिर मैंने सोचा होगा कि यह भी गलत है, क्योंकि इससे उन्हें अपने पदभार को समझने का समय मिलेगा। लेकिन फिर मैं अपने आप से कहता हूँ कि यह भी सच नहीं है, क्योंकि हमें पता नहीं है कि वे वास्तव में ऐसा कैसे करेंगे।
 
बिहार में पंचायती राज विभाग को लेकर दीपक प्रकाश ने बहुत बड़ी जिम्मेदारी स्वीकार की है. वहीं उन्होंने यह भी बताया है कि कई जगहों पर सही समय पर काम नहीं हो रहा है, जिससे काम की गुणवत्ता कम हो गई है.

इसलिए, उन्होंने एक समिति बनाने का फैसला किया है जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियां भाग लेंगी. इससे कार्यों की सही मॉनिटरिंग करने में मदद मिलेगी और जवाबदेही तय होगी.

उन्होंने जिला परिषद की जमीनों पर भी जोर दिया है, और कहा है कि इन जमीनों पर रोजगार के लिए किराए पर दी जा सकती है. इससे लोगों को रोजगार मिलेगा और विभाग को रेवेन्यू का एक जरिया मिलेगा।

मुझे यह सभी घोषणाओं से खुशी हुई है, और उम्मीद है कि ये पहले से नहीं होने वाले बदलाव होंगे.
 
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