निम्मा लोहारके की गीतकारी की यादें:
उन्होंने साल 1994 में 10वीं के बाद संगीत सीखने के लिए लुधियाना का रुख किया। शुरुआती दिनों में गांव से निकलकर बड़े शहर में रहना मुश्किल लगा, परंतु स्थानीय गायकों की संगत ने उन्हें लेखन की ओर और अधिक प्रेरित किया। उन्होंने अपने नाम निरमलजीत सिंह को नया नाम निम्मा जोड़ा।
उनका पहला गीत रिकॉर्ड 1995 में हुआ, जब लुधियाना में रहते हुए उनका पहला गीत चिठ्ठी मैं तैनूं लिखां लाल वे गाया। दूसरा गीत गायक परगट खान ने गाया, जिसके बोल-हाए ओए रब्बा उच्चियां हवेलियां बचपन दा प्यार खोह के लै गईयां गया।
इसके बाद गायक कुलविंदर ढिल्लों की एल्बम गरीबां ने की प्यार करना में निम्मा के दो गीत शामिल किए गए, जिन्हें लोगों ने खूब सराहा। 2002 में नछत्तर गिल की आवाज में आया उनका गीत असीं तेरे नाल लाईयां सी निभाउण वास्ते ने निम्मा को सारी दुनिया में पापुलर कर दिया।
उन्होंने साल 1994 में 10वीं के बाद संगीत सीखने के लिए लुधियाना का रुख किया। शुरुआती दिनों में गांव से निकलकर बड़े शहर में रहना मुश्किल लगा, परंतु स्थानीय गायकों की संगत ने उन्हें लेखन की ओर और अधिक प्रेरित किया। उन्होंने अपने नाम निरमलजीत सिंह को नया नाम निम्मा जोड़ा।
उनका पहला गीत रिकॉर्ड 1995 में हुआ, जब लुधियाना में रहते हुए उनका पहला गीत चिठ्ठी मैं तैनूं लिखां लाल वे गाया। दूसरा गीत गायक परगट खान ने गाया, जिसके बोल-हाए ओए रब्बा उच्चियां हवेलियां बचपन दा प्यार खोह के लै गईयां गया।
इसके बाद गायक कुलविंदर ढिल्लों की एल्बम गरीबां ने की प्यार करना में निम्मा के दो गीत शामिल किए गए, जिन्हें लोगों ने खूब सराहा। 2002 में नछत्तर गिल की आवाज में आया उनका गीत असीं तेरे नाल लाईयां सी निभाउण वास्ते ने निम्मा को सारी दुनिया में पापुलर कर दिया।