पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पहुँची पन्ना, बाबा बागेश्वर की हिंदू सनातन एकता पदयात्रा पर दिया बयान

उमा भारती ने पन्ना में हिंदू सनातन एकता पदयात्रा पर बयान दिया, खुद को 'साहित्यकार' बताया

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने हाल ही में मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में हिंदू सनातन एकता पदयात्रा पर शामिल होकर समाज को एक बार फिर से संघर्ष की ओर ले जाने वाले विचारों को उजागर किया। इस पदयात्रा में उन्होंने खुद को 'साहित्यकार' बताया, जहां उन्होंने समाज पर डूबे हुए कल्याणकारी राजनीति की आलोचना की।

उमा भारती ने कहा कि भारतीय ज्ञान और संस्कृति के प्रति लोगों की अस्थिरता को दूर करने के लिए एक विस्तृत रणनीति की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने गौरव और समृद्धि को पुनः प्राप्त करने के लिए साहित्य, कला और संस्कृति पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

इस पदयात्रा में, उमा भारती ने समाज को अपने विचारों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने देश की एकता और अखंडता पर जोर देने की आवश्यकता है।
 
मैंने पढ़ा है कि उमा भारती ने पन्ना में हिंदू सनातन एकता पदयात्रा पर बयान दिया, खुद को 'साहित्यकार' बताया। यह बहुत रोचक है, मैंने कभी नहीं सोचा था कि उमा भारती ने ऐसा कहा। लेकिन मुझे लगता है कि उनके बयान से समाज को एक बार फिर से संघर्ष की ओर ले जाने वाले विचारों को उजागर किया गया है। मैं उमा भारती को बहुत पसंद करता हूं, उनके बयानों में हमेशा एक नई ऊर्जा और उत्साह होता है। 🤩
 
मुझे लगता है कि उमा भारती के बयान से समाज को एक नई दिशा मिल सकती है, जहां लोग अपने विचारों और कल्याण पर ध्यान केंद्रित कर सकें। यह पदयात्रा न केवल हमें ज्ञान और संस्कृति के प्रति अस्थिरता दूर करने में मदद कर सकती है, बल्कि हमें अपने गौरव और समृद्धि को फिर से प्राप्त करने के लिए साहित्य, कला और संस्कृति पर ध्यान देने में भी मदद कर सकती है। 📚💡
 
આ સમયે એક દર્પણ હશે... ઉમા ભારતી ની ઈચ્છા વિષે લોકો તરસી જશે, આંદોલન પણ હિંસા સાથે સમન્વય કરવાની જરૂર છે...
 
मुझे लगता है कि उमा भारती की पदयात्रा में उनके विचार वास्तव में समाज को संघर्ष करने वाली बातों पर ध्यान देते हैं जिसे हमने कई सालों से नजरअंदाज किया है। लेकिन मुझे लगता है कि उनकी पदयात्रा में जो भी विचार लाये थे उसमें बहुत सारे सवाल हैं और मुझे लगता है कि हमें एक बार फिर से अपने देश की एकता और अखंडता पर विचार करना चाहिए, लेकिन उनके बयान में यह सवाल नहीं उठाये हैं।
 
मैं समझ नहीं पाया कि उमा भारती क्या चाहती हैं। उन्होंने कहा कि हमें साहित्य, कला और संस्कृति पर ध्यान देने की आवश्यकता है, लेकिन मैं जानता हूँ कि पूर्वी मध्य प्रदेश में साहित्यिक सम्मेलनों की इतनी कमी है कि इसमें भाग लेना एक बड़ा अवसर हो सकता है।
 
मुझे लगता है कि उमा भारती की बातें सुनने में बहुत रोचक हैं। लेकिन मुझे यह सवाल आता है कि उन्होंने अपने विचारों पर क्या विशेष ध्यान दिया है? क्या वे जानती हैं कि हमारे देश में बहुत से लोग हैं जो उनकी बातों को नहीं समझ पा रहे हैं?

मुझे लगता है कि साहित्य, कला और संस्कृति पर ध्यान देने से हम अपने गौरव और समृद्धि को पुनः प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन मुझे यह सवाल आता है कि हमें यहाँ तक कि शुरुआत भी करने के लिए कहीं नहीं जाना चाहिए। 🤔📚
 
अरे, ये पदयात्रा वास्तव में रोचक थी। उमा भारती जी ने साहित्य, कला, और संस्कृति पर ध्यान देने की बात कही, जो मेरे लिए बहुत ही रोचक है। उनके बयान से लगता है कि वे अपने विचारों को साझा करना चाहती हैं और समाज को एक नई दिशा में ले जाना चाहती हैं। यह पदयात्रा मुझे अच्छी तरह से प्रेरित कर रही है... 🙌
 
🤔 पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की पदयात्रा ने लोगों को सोच-विचार करने पर मजबूर किया है... 🤯 उन्होंने सच्चाई कही है, हमारी ज्ञान और संस्कृति को पुनः प्राप्त करने के लिए हमें अपने देश के बारे में सोचना होगा। 😊 लेकिन, मुझे लगता है कि उनके बयान में थोड़ा भी भाषणशीलता नहीं रही, और कुछ ऐसा कहा जो वास्तविकता से अलग है। 🤷‍♂️
 
मुझे लगता है कि ये पदयात्रा कौन सा बॉलीवुड फिल्म होगी? 🤔 उमा भारती को एक अभिनेत्री कहकर नहीं देखना है, लेकिन मैंने एक अभिनेत्री नाम मानकर उन्हें 'साहित्यकार' बताया। यही तो बड़ा खिलोला है! 🙃 उमा भारती की बातें सुनकर लगता है कि हमारे देश में पढ़ने और लिखने की शिक्षा नहीं है।
 
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