उमा भारती ने पन्ना में हिंदू सनातन एकता पदयात्रा पर बयान दिया, खुद को 'साहित्यकार' बताया
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने हाल ही में मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में हिंदू सनातन एकता पदयात्रा पर शामिल होकर समाज को एक बार फिर से संघर्ष की ओर ले जाने वाले विचारों को उजागर किया। इस पदयात्रा में उन्होंने खुद को 'साहित्यकार' बताया, जहां उन्होंने समाज पर डूबे हुए कल्याणकारी राजनीति की आलोचना की।
उमा भारती ने कहा कि भारतीय ज्ञान और संस्कृति के प्रति लोगों की अस्थिरता को दूर करने के लिए एक विस्तृत रणनीति की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने गौरव और समृद्धि को पुनः प्राप्त करने के लिए साहित्य, कला और संस्कृति पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
इस पदयात्रा में, उमा भारती ने समाज को अपने विचारों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने देश की एकता और अखंडता पर जोर देने की आवश्यकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने हाल ही में मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में हिंदू सनातन एकता पदयात्रा पर शामिल होकर समाज को एक बार फिर से संघर्ष की ओर ले जाने वाले विचारों को उजागर किया। इस पदयात्रा में उन्होंने खुद को 'साहित्यकार' बताया, जहां उन्होंने समाज पर डूबे हुए कल्याणकारी राजनीति की आलोचना की।
उमा भारती ने कहा कि भारतीय ज्ञान और संस्कृति के प्रति लोगों की अस्थिरता को दूर करने के लिए एक विस्तृत रणनीति की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने गौरव और समृद्धि को पुनः प्राप्त करने के लिए साहित्य, कला और संस्कृति पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
इस पदयात्रा में, उमा भारती ने समाज को अपने विचारों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने देश की एकता और अखंडता पर जोर देने की आवश्यकता है।