मनमोहन सिंह के नेतृत्व में भारत-अमेरिका परमाणु समझौते, जिसे कई लोगों ने उस समय इसकी उचित सराहना नहीं की, इस पर मोंटेक अहलूवालिया ने अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा कदम था, जिसने देश और दुनिया को प्रभावित किया।
उन्होंने बताया, इस समझौते की शुरुआत में बहुत से लोग इसके समर्थन में नहीं थे। वाम दल और कई कांग्रेसी नेता इसके खिलाफ विरोध कर रहे थे। लेकिन मनमोहन सिंह ने राजनीतिक प्रबंधन करके इस समझौते को सफल बनाया। उन्होंने यह दिखाया कि एक नेता अपने राजनीतिक प्रोपागांडा के माध्यम से अपने विचारों को लोकप्रिय बना सकता है।
उन्होंने बताया, इस समझौते की शुरुआत में बहुत से लोग इसके समर्थन में नहीं थे। वाम दल और कई कांग्रेसी नेता इसके खिलाफ विरोध कर रहे थे। लेकिन मनमोहन सिंह ने राजनीतिक प्रबंधन करके इस समझौते को सफल बनाया। उन्होंने यह दिखाया कि एक नेता अपने राजनीतिक प्रोपागांडा के माध्यम से अपने विचारों को लोकप्रिय बना सकता है।