बेगूसराय से कांग्रेस पार्टी ने बड़ी हानि उठाई है, जहां उम्मीदवार अमिता भूषण को बीजेपी के कुंदन कुमार से 31 हजार वोटों से हराया गया. यह वहीं सीट है जहां राहुल गांधी ने एक तलाब में छलांग लगाकर मछली पकड़ी थी, जिसका वीडियो खूब वायरल हुआ था. इस तरह के अनोखे चुनाव प्रचार ने सभी को आकर्षित तो किया, लेकिन उनका ये प्रचार कोई भी कमाल नहीं कर पाया।
बेगूसराय सीट पर कांग्रेस की हार से यह सवाल उठता है कि क्यों खास है इस सीट का राजनीतिक महत्व? इसका जवाब यह है कि बिहार की बेग्सराय जिला औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों का इलाका माना जाता है, जहां बरौनी में थर्मल पावर प्लांट और हिंदुस्तान फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनियां हैं। यहां पर औद्योगिक गतिविधियों के चलते रोजगार के अवसर बढ़ते हैं, लेकिन इससे सामाजिक और आर्थिक असमानता भी बढ़ सकती है।
इस चुनाव में बीजेपी ने कुंदन कुमार को खड़ा किया, जिसने 119000 वोट पाए थे, जबकि कांग्रेस की अमिता को सिर्फ 88 हजार वोट मिले. इससे यह सवाल उठता है कि क्यों बीजेपी ने इस सीट पर इतनी मजबूत प्रतिद्वंद्विता दिखाई?
बेग्सराय सीट पर अब तक कांग्रेस ने 8 बार, बीजेपी ने 6 बार, सीपीआई ने 3 बार और निर्दलीय विधायक ने एक बार जीत हासिल की है, जबकि इस चुनाव में महागठबंधन को केवल 35 सीटें मिलीं.
बेगूसराय सीट पर कांग्रेस की हार से यह सवाल उठता है कि क्यों खास है इस सीट का राजनीतिक महत्व? इसका जवाब यह है कि बिहार की बेग्सराय जिला औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों का इलाका माना जाता है, जहां बरौनी में थर्मल पावर प्लांट और हिंदुस्तान फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनियां हैं। यहां पर औद्योगिक गतिविधियों के चलते रोजगार के अवसर बढ़ते हैं, लेकिन इससे सामाजिक और आर्थिक असमानता भी बढ़ सकती है।
इस चुनाव में बीजेपी ने कुंदन कुमार को खड़ा किया, जिसने 119000 वोट पाए थे, जबकि कांग्रेस की अमिता को सिर्फ 88 हजार वोट मिले. इससे यह सवाल उठता है कि क्यों बीजेपी ने इस सीट पर इतनी मजबूत प्रतिद्वंद्विता दिखाई?
बेग्सराय सीट पर अब तक कांग्रेस ने 8 बार, बीजेपी ने 6 बार, सीपीआई ने 3 बार और निर्दलीय विधायक ने एक बार जीत हासिल की है, जबकि इस चुनाव में महागठबंधन को केवल 35 सीटें मिलीं.