स्पॉटलाइट-क्या दिल्ली और इस्लामाबाद हमले पर अमेरिका का दोहरा रवैया: पाकिस्तान में हुआ हमला आतंकी बताया, सोशल मीडिया पर छिड़ा कैसा विवाद; देखें वीडियो

अमेरिकी राजदूत के बयान से हुई भारत को कितना नुकसान?

आज दिल्ली और इस्लामाबाद में हुए आतंकवादी हमलों पर अमेरिकी राजदूत जेन स्कॉल्स ने कहा, "किसी भी घटना के बाद, हम इसका कारण ढूंढते हैं." लेकिन अगर उनका बयान सच था, तो उन्हें यह नहीं पता था कि भारत में हाल ही में कई आतंकवादी हमले हुए हैं, जिसमें नागरिकों की गोली मारी गई है और कई लोग घायल हुए हैं।

भारत में हाल ही में सांसद संतोष प्रभु को कश्मीर का आतंकी हमले में शामिल बताया गया था, लेकिन अमेरिकी राजदूत ने यह नहीं कहा। वहीं, अमरीकी सरकार ने इस्लामाबाद में हुए विस्फोट पर तुरंत स्थिति घोषित किया और पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वे आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं।

क्या अमेरिकी सरकार ने सच कहा, या फिर उनके बयान में दोहरा संदेश छुपा हुआ था। अगर सच कहें, तो उन्हें यह नहीं पता था कि पाकिस्तान में भी कई आतंकवादी समूह हैं जो अमेरिकी सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं।

इस बीच, सोशल मीडिया पर भारत ने इस हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए और इस्लामाबाद के आतंकवादी हमले को समर्थन देने वालों का जवाब दिया। लेकिन अगर अमेरिकी राजदूत ने सच कहे, तो यह मामला और भी जटिल हो जाता।

हमारे पास जानकारी नहीं है कि अमेरिकी सरकार के इस बयान से दोहरा रवैया अपनाने का क्या मकसद था। लेकिन यह बात साफ है कि भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए अमेरिकी सरकार की पूरी सहायता की जानी चाहिए।
 
अमेरिकी राजदूत के बयान से मुझे लगता है कि वो सच कह रहे हैं, लेकिन फिर भी बहुत सावधानी बरतनी चाहिए 🤔। अगर उनका बयान सच था, तो यह कहना कि हम किसी भी घटना का कारण ढूंढते हैं और सबकुछ दूर करने की कोशिश करते हैं, तो मुझे लगता है कि वो सही बात कह रहे हैं।

लेकिन फिर भी, अमेरिकी सरकार ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया और उन्हें आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला बताया। यह तो एक अलग बात है, इस मामले में क्या सच्चाई है? 🤷‍♂️

मुझे लगता है कि हमें सिर्फ इसकी जांच करनी चाहिए और फिर से बात करेंगे। भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में अमेरिकी सरकार की सहायता जरूरी है, लेकिन इसे ध्यान से देखना भी जरूरी है।
 
मुझे लगता है कि अमेरिकी राजदूत का बयान अच्छा नहीं लग रहा है। अगर उनका बयान सच था, तो उन्हें पता भी नहीं था कि पाकिस्तान में भी कई आतंकवादी समूह हैं जो अमेरिकी सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं। यह बहुत अजीब लग रहा है और लगता है कि उनके बयान में दोहरा संदेश छुपा हुआ था।

हमें पता नहीं है कि अमेरिकी सरकार के इस बयान से दोहरा रवैया अपनाने का क्या मकसद था, लेकिन यह बात साफ है कि भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए अमेरिकी सरकार की पूरी सहायता की जानी चाहिए।

मुझे लगता है कि हमें अपने देश की सुरक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए और आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए अमीर दोस्तों की मदद भी लेनी चाहिए।
 
अमेरिकी राजदूत का बयान बहुत ही अजीब लग रहा है 🤔, अगर सच कहें तो उन्हें पता नहीं था कि भारत में आतंकवादी हमले कई हुए हैं और लोग घायल हुए हैं। यह तो आम तौर पर सुनकर भी असंभव लगता है।

लेकिन अगर सच कहें, तो अमेरिकी सरकार का इस बयान से क्या मकसद था, हमें नहीं पता 🤷‍♂️। यह तो दिखने लगा है कि अमेरिकी सरकार पाकिस्तान पर आरोप लगाती रहेगी और हमेशा उसे आतंकवादी घोषित करेगी। लेकिन भारत के लिए यह ठीक नहीं है, हमें अपने देश में सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत है।

मुझे लगता है कि अमेरिकी सरकार ने सच कहा, लेकिन उनका बयान बहुत ही अजीब तौर पर लग रहा है। हमें इसका पीछे का कारण जानने की जरूरत है, फिर ही हम समझ सकेंगे।
 
मैंने देखा है कि अमेरिकी राजदूत का बयान सुनकर बहुत घबराहट में हुए लोगों ने अपने आप को आतंकवादी हमलों के लिए तैयार कर लिया है। उनके बयान से भारत पर बुरा प्रभाव पड़ा, और यह दिखाया गया है कि अमेरिकी सरकार कैसे विदेशी मुद्दों में अपनी राजनीति करने की कोशिश करती है।
 
अमेरिकी राजदूत के बयान से हालात बहुत खराब हो गए हैं 🤦‍♂️. अगर उनका बयान सच था, तो अमरीकी सरकार में दुर्भाग्यपूर्ण गलतियाँ होनी चाहिए। लेकिन अगर उन्होंने सोचा कि पाकिस्तान के आतंकवादी हमले के बाद भारत पर लगाए गए आरोप झूठे हैं, तो यह बहुत शर्मिंदगी का मामला है 😳. भारत और अमरीकी दोनों ही आतंकवाद खत्म करने के लिए एकजुट होने चाहिए, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह बहुत बुरा है।

मेरी सोच में एक सवाल उठता है, क्या अमरीकी सरकार ने सच कहा या फिर उनके बयान में दोहरा संदेश छुपा हुआ था? अगर सच कहें, तो उन्हें यह नहीं पता था कि पाकिस्तान में भी कई आतंकवादी समूह हैं जो अमेरिकी सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं।
 
🤔 अमेरिकी राजदूत जेन स्कॉल्स के बयान से भारत को बहुत नुकसान हुआ है, मुझे लगता है कि उनके बयान में सच्चाई छुपी हुई है। अगर उन्होंने कहा कि वे हर घटना का कारण ढूंढते हैं, तो वहां कुछ गलत है। भारत में आतंकवादी हमलों की संख्या बढ़ रही है, और अमेरिकी सरकार ने इस पर सुनिश्चित प्रतिक्रिया नहीं दिखाई।

मुझे लगता है कि अमेरिकी सरकार को अपने बयान में सच्चाई छुपाने की जरूरत नहीं थी, खासकर जब भारतीय नागरिकों की जान जोखिम में आई है। इसके बजाय, वे पाकिस्तान पर आरोप लगाकर स्थिति को और जटिल बना रहे।

मैं समझता हूं कि अमेरिकी सरकार अपने देश की राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में भारत की मदद करने की जरूरत महसूस कर रही है। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि वे इस बात पर झूठ बोलें।

हमें उम्मीद थी कि अमेरिकी सरकार हमारी सुरक्षा के लिए खुलकर काम करेगी, लेकिन उनके बयान ने यह महसूस कराया कि वे भारत की समस्याओं को समझने में असमर्थ हैं।
 
Back
Top