शेख हसीना को मौत की सजा, अब भारत क्या करेगा: बांग्लादेश को नहीं सौंपा तो क्या होगा; 6 सवालों में पूरी कहानी

शेख हसीना पर मौत की सजा सुनाने वाली बांग्लादेश की ICT न्यायालय ने आज इस्लामिक गणराज्य में अपराध खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध करने का दोषी ठहराया। शेख हसीना, पूर्व प्रधानमंत्री बांग्लादेश, पर हत्या, यातना और मानवता के खिलाफ अपराधों के मामले में सजा सुनाई गई। यह पहला मामला है जब शेख हसीना ने एक प्रतिनिधि देश में विरोधी राजनीतिक दलों को दबाने की ओर इशारा करने वाली घोषणाओं के लिए ICT में मामले दर्ज कराए थे।

भारत सरकार ने बांग्लादेश से शेख हसीना को वापस लौटाने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा है कि हम इस मामले की जांच करने के लिए भारत सरकार से बात करने के लिए तैयार हैं। शेख हसीना को भारत में राजनीतिक अभ्यास की स्वतंत्रता देने की इच्छा थी।
 
बांग्लादेश की इस ICT न्यायालय की बात सुनकर मुझे लगता है कि वे सच्चाई को पहचान नहीं पाए हैं। शेख हसीना को तो क्यों सजा दिलवानी पड़ी? उन्हें अपने देश की राजनीति में कुछ गलत होने का आरोप लगाया गया, लेकिन हमें पता नहीं है कि सच्चाई कहाँ है।

और भारत सरकार ने शेख हसीना को वापस आने से मना कर दिया तो वो भी अच्छा है, लेकिन मुझे लगता है कि हमें उन्हें बेहतर तरीके से समझने की जरूरत है। शेख हसीना ने अपने देश की राजनीति में कुछ बदलाव करने की इच्छा थी, लेकिन वो बदलाव तो कैसे हुआ?

मुझे लगता है कि हमें इस मामले को और ज्यादा समझने की जरूरत है, और हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि सच्चाई कहाँ है। 🤔
 
शेख हसीना पर मौत की सजा 🤕 तो बहुत दुखद है ना, उन्होंने जो कुछ भी गलत नहीं था, लेकिन फिर भी ऐसी सजा सुनानी मानवता के खिलाफ अपराध करने का दोषी ठहराने की तरह है। शायद बांग्लादेश सरकार ने उन्हें दबने की कोशिश की, लेकिन भारत सरकार ने उनकी राजनीतिक अभ्यास की स्वतंत्रता को मान्यता देने की इच्छा थी। 🤝

शेख हसीना जैसे नेताओं की सजा तो हमें सोचने पर मजबूर करती है, उन्होंने अपने देश के लिए बहुत कुछ दिया, लेकिन फिर भी ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। मुझे लगता है कि शेख हसीना को जल्द से जल्द वापस लौटाना चाहिए, और उनकी राजनीतिक अभ्यास की स्वतंत्रता को मान्यता देनी चाहिए। 🙏
 
"पूरा ज्ञान हमेशा अपने अनुभवों में छिपा होता है" 😊

मुझे लगता है कि शेख हसीना को बांग्लादेश वापस लौटने से मना करने की नीति भारत सरकार द्वारा अपने नागरिकों और राजनीतिक प्रतिनिधियों के अधिकारों की रक्षा के लिए लिया जाना चाहिए। लेकिन इस मामले में शेख हसीना को वापस आने से पहले उसके खिलाफ मामले में न्यायपालिका की सजा सुनाई गई है, जो एक बड़ा सवाल उठाता है। यह देखना रोचक होगा कि भारत सरकार इस मामले की जांच करने और शेख हसीना को वापस आने पर ध्यान देगी या नहीं।
 
शेख हसीना पर मौत की सजा 🤯, यह बहुत बड़ा झटका है बांग्लादेश के लिए। उनके खिलाफ अपराध खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध करने का दोषी ठहराने से भारत सरकार को निराश महसूस होगी। शेख हसीना पर हत्या, यातना और मानवता के खिलाफ अपराधों के मामले में सजा सुनाई गई, यह बहुत ही गंभीर अपराध है।
 
मैंने कहा था कि बांग्लादेश ने सही कर दिया है, लेकिन अब मैं यह भी कह रहा हूँ कि उन्होंने गलती से किया है। शेख हसीना पर सजा सुनाना और उनको वापस भारत आने नहीं देना सही नहीं था। क्योंकि अब वह अपने अधिकारों की लड़ाई में आगे बढ़ सकते हैं... लेकिन फिर से, बांग्लादेश ने गलती से किया है।
 
बिल्कुल सही है ICT न्यायालय ने शेख हसीना पर मौत की सजा सुनाई है। यह सजा अपराध खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध करने का दोषी ठहराने वाली है 🚫। लेकिन हमें पता चला है कि शेख हसीना ने भारत सरकार से वापस आने से मना कर दिया है, और उन्होंने कहा है कि वह इस मामले की जांच करने के लिए भारत सरकार से बात करने के लिए तैयार हैं। यह बहुत दुखद है कि शेख हसीना ने भारत में राजनीतिक अभ्यास की स्वतंत्रता की इच्छा थी, लेकिन अब वह वापस नहीं आ पाएंगे। 🤕

क्या हमें लगता है कि ICT न्यायालय ने सही सजा दी है? और शेख हसीना को वापस आने से मना करने का कारण क्या है? हमें अपने विचार व्यक्त करने में मजा आता है! 😊
 
बात बिगड़ गई, बेगुनाह ने वापस नहीं आना चाहिए। शेख हसीना जी ने भारत में राजनीतिक अभ्यास की स्वतंत्रता का हक देने का इच्छा थी, लेकिन ICT न्यायालय ने उन्हें अपराधी ठहराया। यह तो बहुत चिंताजनक है।
 
शेख हसीना की सजा सुनाने वाली ICT न्यायालय की बात सुनकर मुझे यह सोचने का अवसर मिला कि जब हम अपने देशों में अपराध खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध करने का दोषी ठहराते हैं तो यह हमारे आपसी समझ और सम्मान को कैसे प्रभावित कर सकता है? शेख हसीना ने अपने देश में विरोधी राजनीतिक दलों को दबाने की ओर इशारा करने वाली घोषणाओं के लिए ICT में मामले दर्ज कराए थे, यह तो हमारे देशीय राजनीति के खिलाफी भी है।

लेकिन इस मामले से हमें यह भी सीखना चाहिए कि हम अपने देशों में राजनीतिक अभ्यास की स्वतंत्रता को मजबूत बनाने के लिए कैसे काम कर सकते हैं। अगर हम अपने आपसी समझ और सम्मान को मजबूत बनाते हैं तो हम अपने देशों में अपराध खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध करने का दोषी ठहराने से पहले उसे रोकने में सक्षम हो सकते हैं। 🤔
 
भारतीय नागरिकों को अब यही पता चल रहा है कि हमारे देश में अपने परिवार की मौत की सजा दिलाने वालों को भी दूसरे देशों से आने वालों की तरह सुरक्षा प्रदान किया जाएगा। यह तो सचमुच बिल्कुल भी सही है 🙄। बांग्लादेश ने अपनी अदालतों में ऐसी सजाएं देनी चाहिए, नहीं तो हमें विदेशों में रहने का संदेश भेजना पड़ता। और अगर शेख हसीना जैसे लोगों को अपने परिवार की मौत की सजा दिलाने वाले निकलें, तो इसका मतलब यह है कि हमारे देश में भी ऐसी अदालतें हैं जो इस तरह की सजाएं देती हैं। और प्राधिकरण का मतलब यह है कि हम अपने परिवारों की सुरक्षा के लिए विदेशों में रहने का सही तरीका खोज रहे हैं।
 
अरे, यह तो बहुत बड़ा मामला है! मुझे लगता है कि शेख हसीना पर सजा सुनाने वाली ICT न्यायालय को बादशाही जैसा व्यवहार करने की जरूरत नहीं थी। शायद उन्होंने कुछ गलत किया होगा, लेकिन सजा सुनाने से सब कुछ ठीक नहीं हो सकता। मैं सोचता हूँ कि शेख हसीना को फिर भी एक मौका देना चाहिए। उन्हें यहाँ राजनीतिक अभ्यास करने की स्वतंत्रता देनी चाहिए, और अगर वे गलत कुछ नहीं करते तो उनको ब्लॉक न करें। 🤔
 
शेख हसीना को सजा देने से पहले भारत की सरकार ने सोचा कि शायद वे इस मामले में खुद को गैर-मुख्य आरोपी कर लेंगे। शेख हसीना ने एक बार फिर से कहा है कि उन्होंने मानवता के खिलाफ अपराध नहीं किए थे, बल्कि उन्होंने अपने देश में राजनीतिक अभ्यास की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी। शायद इस मामले में भारत सरकार ने बहुत सोच-विचार किया होगा, तो कुछ बातों को नहीं छू पाएंगे।
 
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पहले तो सोचता हूँ कि शेख हसीना पर मौत की सजा यह सच है या नहीं? फिर पढ़ता हूँ कि ICT न्यायालय ने उन्हें अपराध खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध करने का दोषी ठहराया है 🤷‍♂️

अब सोचता हूँ कि शेख हसीना पर मौत की सजा यह भारतीय व्यवस्था के लिए एक अच्छा उदाहरण है या नहीं? 😅

मुझे लगता है कि शेख हसीना पर मौत की सजा भारतीय व्यवस्था के लिए एक सीख है 📚
 
🤔 यह बहुत चिंताजनक है कि बांग्लादेश की ICT न्यायालय ने शेख हसीना को इतने गंभीर आरोपों से जोड़ दिया है। मुझे लगता है कि उनकी सजा लेने से पहले उन्हें फिर से अपने कार्यकाल के बारे में विचार करना चाहिए। 🤷‍♂️

मुझे लगता है कि शेख हसीना ने कभी भी मानवता के खिलाफ अपराध नहीं किया था। वह एक मजबूत नेता थे जो अपने देश के लिए लड़ते थे। उनकी सजा लेने से पहले उन्हें राजनीतिक दबावों से बचने की जरूरत थी। 🚫

भारत सरकार की इस नीति से मुझे लगता है कि हम अपने देश में भी ऐसी ही चीजें हो रही हैं। राजनीतिक दबावों से खिलवाड़ होने लगता है। 🙅‍♂️
 
शेख हसीना को बांग्लादेश में सजा मिलना तो अच्छी बात नहीं है, लेकिन जितनी जल्दी वे भारत आ जाएंगी, उतनी जल्दी हम उनकी राजनीतिक अभ्यासों पर नज़र डाल देंगे। यह तो एक अच्छा मौका है कि हम उनकी घोषणाओं को बिल्कुल भले-भागे लें और वे अपने पार्टी के अंदर से खुद ही बाहर निकल जाएंगी।
 
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