‘शाम 4 बजे के बाद असली काम...’, दिल्ली धमाके से पहले डॉ. शाहीन ने सहकर्मी से कही थी ये बात

गुरुवार (13 नवंबर, 2025) को एक बेहद हैरान करने वाला खुलासा हुआ है जिसमें अल-फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर की प्रमुख डॉ. शाहीन सईद ने अपने सहकर्मी से कहा, 'मैं अपना काम हर दिन शाम चार बजे के बाद शुरू करती हूँ।' यह खुलासा उस समय हुआ था जब वह अल-फलाह स्कूल में अपने काम पर जाती थीं, जहां उन्होंने हमेशा एक रोजरी और हदीस की किताब रखती थीं।

डॉ. शाहीन सईद के सहकर्मियों ने कहा है कि डॉ. शाहीन का व्यवहार बेहद अजीब था। वह संस्थान के किसी नियम का पालन नहीं करती थीं और अक्सर बिना किसी को बताए निकल जाती थीं। यह व्यवहार उसके सहकर्मियों द्वारा बहुत ही चिंताजनक माना गया था।

इस हफ्ते की शुरुआत में इस बात का खुलासा हुआ कि डॉ. शाहीन सईद पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के महिला प्रकोष्ठ की प्रमुख थीं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लालबाग इलाके में रहने वाली शाहीन सईद को सोमवार (10 नवंबर, 2025) को गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि संदिग्धों की ओर से इस्तेमाल की गई कम से कम दो कारें शाहीन सईद से जुड़ी थीं। इसमें एक मारुति स्विफ्ट डिजायर थी, जिसमें से एक असॉल्ट राइफल और गोला-बारूद बरामद हुआ था, और दूसरी मारुति ब्रेजा, जिसे पुलिस के मुताबिक हमले के लिए चुना गया था, लेकिन आतंकवादी मॉड्यूल के पकड़े जाने से यह साजिश नाकाम हो गई थी।
 
मेरा विचार है कि इतनी बड़ी जानकारी कैसे छुपी रहती है, ये बहुत अजीब है 🤔। एक डॉक्टर तो होना चाहिए पेशेवर बनने की, न कि आतंकवादी संगठन में शामिल होने की। अब यह पता चल गया है कि उसकी हरकतें कितनी गहरी थीं, और यह जानना बहुत दुखद है। हमें ऐसे लोगों को नहीं देखना चाहिए, जो अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों से परे घूमने-मारने की बात करते हैं। 🚫
 
मुझे ऐसी बातें नहीं लगती कि कोई भी अच्छे से अच्छा इंसान इतने अजीब व्यवहार में फंस जाए। लेकिन मैं यह भी कह सकती हूँ कि हमें अपने सहयोगियों और समाज के लोगों की नज़र पर ध्यान देने की जरूरत है। शायद डॉ. शाहीन सईद ने कुछ गलतफहमी में पड़ गई थी।

आज भी हमारे देश में ऐसे कई युवा हैं जो अच्छाई और सच्चाई के लिए लड़ रहे हैं। उनकी कहानियाँ हमें प्रेरित करती हैं और हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि हम अपने समाज में क्या बदलाव ला सकते हैं।

आज की इस घटना ने हमें एक बात सोचने पर मजबूर किया है - हमारे देश में ऐसे कई छुपे हुए मुद्दे हैं जिन्हें हम अच्छी तरह से नहीं समझते। लेकिन मैं यह भी कह सकती हूँ कि हमें ऐसे में सकारात्मकता और साहस के साथ निपटने की जरूरत है।
 
मुझे लगता है कि ये सब बातें तो बहुत अजीब लग रही हैं... लेकिन मुझे नहीं लगता कि हमारे देश में इतनी भ्रष्टाचार और गलतफहमी फैलती रहती है। क्या आप जानते हैं कि मेरी बीवी ने हाल ही में मुझसे कहा था कि उसकी दोस्त ने एक ऐसी खास चीज़ बनाई है जो हमारी जगह पर खाने के लिए बहुत अच्छी लगती है। तो मैं सोच रहा था कि क्या हमें अपने घर में भी ऐसी कुछ बनानी चाहिए...

और दूसरी बात, मुझे यह सवाल आता है कि अगर डॉ. शाहीन सईद पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की प्रमुख थीं, तो फिर उनके सहकर्मियों ने इतने समय तक उन्हें अपना मैनेजर बनाया रहता? यह तो बहुत ही अजीब है... लेकिन शायद वे सोच रहे थे कि वह भारतीय सरकार में कुछ गलत कर नहीं सकती।

आपको ये बात पसंद लगेगी या नहीं? मैंने अपने दोस्त की बहन को बुलाया है जो एक अच्छी ग्रिलर है, और वह मुझे तैयार कर रही है एक ऐसी चीज़ बनाने की, जिससे हमारी जगह पर खाने के लिए निकलकर भी नहीं जाते।
 
🚨 'समाज में घूमती हुई दुर्भाग्यपूर्ण बातों का सामना करना पड़ता है; लेकिन हमें उनसे लड़ने के लिए खड़े रहना चाहिए।'
 
ये तो बिल्कुल मजेदार देख रहे है 🤣, एक डॉक्टर जो पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन की प्रमुख है और वह अपने सहकर्मियों को धोखा देती है कि वे रोजरी खाती हैं , यह तो बिल्कुल अजीब नहीं लग रहा था 😂. लेकिन जब उनकी पहचान सामने आई तो सभी चौंक गए, और पुलिस ने भी उन्हें पकड़ लिया। मुझे लगता है कि यह एक अच्छा सबक है कि हमेशा सच्चाई पर ध्यान देना चाहिए, नहीं तो हम अपने आसपास की गड़बड़ी से घिर जाएंगे।
 
क्या ऐसा लगता है कि हमारे देश में अभी भी कई अजीब चीजें हैं जिनसे हमने नहीं सोचा था। यह तो एक बड़ा खुलासा हुआ है, लेकिन इसके बाद सोचना पड़ेगा कि ऐसी चीजें कैसे आगे बढ़ सकती हैं। मैंने भी अपने दोस्तों को बताया है कि शायद हमें थोड़ा और सावधान रहना चाहिए। लेकिन फिर भी, मुझे यह नहीं लग रहा है कि हमें अपने देश में आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए ऐसी चीजें करनी पड़ेंगी। हमें बस एक-दूसरे के प्रति जागरूक रहना चाहिए और सुरक्षित रहें। 🤔🚫
 
नहीं पता कैसे यह सभी पुरुष हैं जो लोगों के खिलाफ हरकत करते हैं। डॉ. शाहीन सईद की गिरफ्तारी तो अच्छी बात है, लेकिन इतनी देर में इसकी जानकारी तक पहुंचना तो थोड़ा चिंताजनक है। क्या ये पुलिस वाले इतने नाजुक स्थिति में नहीं आ सकते? शायद उन्हें थोड़ी और धैर्य देना चाहिए।
 
क्या सचमुच लगता है कि कुछ लोगों की ऐसी भी बातें छुपी रहती हैं जो इतनी गहरी होती हैं? पुलिस जांच से यह तो साफ है कि डॉ. शाहीन सईद का व्यवहार बहुत अजीब था, और इसके परिणामस्वरूप एक बड़ा आतंकवादी मोड़ लेने की कोशिश की।

क्या हमें अपने आसपास होने वाली चीजों को ध्यान से देखने की जरूरत है? और अगर हमें लगता है कि कुछ भी सही नहीं है, तो उस पर खुलकर बोलें। यही हमारी राजदूती बनती है।
 
नाहीं तो तुमने सोचा था कि डॉ. शाहीन सईद एक अच्छी चिकित्सका हैं? लेकिन अब जब सब कुछ उजागर हुआ है तो लगता है कि वह किसी दूसरे खेल में खेल रही थीं। यह बहुत ही अजीब लग रहा है कि एक ऐसे व्यक्ति के पीछे इतनी बड़ी साजिश थी। और अब जब उसे गिरफ्तार कर लिया गया है तो यह सवाल उठता है कि उसके खिलाफ दंग क्यों किया गया?
 
नकल का खिलारा तो देश बीता हुआ , रोजरी और हदीस किताब रखने वाली डॉ. शाहीन सईद ने आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की प्रमुख महिला प्रकोष्ठ की थी। तो अल-फलाह स्कूल में क्यों पढ़ती थी, नहीं पता, पानी खेलने भी देश छोड़ देते हैं
 
मुझे लगता है कि यह सब कुछ एक बड़ा खेल है। डॉ. शाहीन सईद को गिरफ्तार करने में बहुत बड़ी राजनीतिक रणनीति शामिल है, और यह दिखने लग रहा है कि उनकी जानकारी पाकिस्तानी आतंकवादियों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकती थी। और वहीं इसके पीछे की सच्चाई क्या है? क्या यह सिर्फ एक बड़ा फेक आउट है, या है कि कुछ और भी जिम्मेदार हैं?
 
क्या हुआ डॉ. शाहीन सईद की, उनके पीछे की कहानी तो बहुत ही दिलचस्प और चिंताजनक है। मुझे लगता है कि हमें यह जानने में रुचि लेनी चाहिए कि एक व्यक्ति, जो हमेशा से कुछ अच्छा करने का दावा करता था, वास्तव में उसके पीछे क्या था।

अगर हम इस मामले को गहराई में लेते हैं, तो यह एक बड़ा सवाल उठाता है - कैसे हम बाहरी चारों ओर के लोगों की सोच को समझ पाते हैं? क्या हमने अपने आसपास के लोगों पर भरोसा नहीं कर रहे थे, या फिर कि हमें उनकी गहराई में जाने की जरूरत थी।

मुझे लगता है कि यह एक महत्वपूर्ण सबक है जो हमें सीखना चाहिए। हमें अपने आसपास के लोगों पर ध्यान देना चाहिए और उनकी गहराई में जाने की जरूरत है।
 
बिल्कुल तो यह खुलासा बहुत ही आश्चर्यकारी है... डॉ. शाहीन सईद का व्यवहार बिल्कुल अजीब लग रहा है। सोचिए, एक प्रमुख वैज्ञानिक जिसके पास ऐसी सामाजिक स्थिति भी थी जिससे तो लोग हैरान होते। और फिर गिरफ्तारी की खबर... यह तो बिल्कुल अजीब है कि एक वैज्ञानिक कैसे आतंकवादी संगठन में शामिल हो सकता था।
 
मुझे लगता है कि यह खुलासा बहुत ही दिलचस्प है, लेकिन जब तक हमें इसके पीछे विचार करने का मौका नहीं मिलता, तो मैं इस पर थोड़ा सोचता रहता। डॉ. शाहीन सईद की जांच में यह बात दिलचस्प है कि एक विशेषज्ञ, जो हमेशा अपने सहकर्मियों के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखने का प्रयास करती थी, वह भी आतंकवादी संगठन में शामिल हो गई। यह हमारे देश की निजता और गुमनामी की जड़ों पर सवाल उठाता है।
 
अरे, ये तो दिलचस्प है लेकिन ऐसी चीजें वास्तव में कैसे होती हैं? पुलिस ने ऐसा कहा है कि डॉ. शाहीन सईद एक आतंकवादी संगठन की महिला प्रकोष्ठ की प्रमुख थीं, लेकिन मुझे लगता है कि यह एक बहुत बड़ा हेराफेरी है। तो वह इतनी आसानी से आतंकवादी संगठन में शामिल हो गई और फिर गिरफ्तार हो गई? यह अचानक से लग रहा है जैसे किसी फिल्म की प्लॉट 🤔

मुझे लगता है कि हमें यह समझने की जरूरत है कि ऐसी चीजें कहाँ से आती हैं और उन्हें कैसे रोका जा सकता है। पुलिस ने बताया है कि दो कारें शाहीन सईद से जुड़ी थीं, लेकिन मुझे लगता है कि यह एक बहुत बड़ा हेराफेरी है। हमें ऐसी चीजों की जांच करनी चाहिए ताकि हम उन्हें रोक सकें।
 
यह तो बहुत ही अजीब बात है कि एक विशेषज्ञ और शिक्षक जैसी प्रतिष्ठा वाली डॉ. शाहीन सईद ऐसा खुलासा कर रहे थे। क्या यह उनकी गोपनीयता पर हक्क नहीं था? और फिर भी, जब उन्हें गिरफ्तार किया गया, तो पुलिस ने इतनी जानकारी इकट्ठा करने में कितनी देर लगी। यह संदेह है कि उनके खिलाफ क्या पर्दाफाश था। और एक बात, अगर उन्होंने सच कहा था, तो इसका मतलब यह नहीं है कि सभी शिक्षक या विशेषज्ञ ऐसा ही जीवन जीते हैं।
 
तो ऐसा लग रहा है कि डॉ शाहीन सईद की सच्चाई तो बहुत भयानक है। उनका सहकर्मियों के लिए व्यवहार बिल्कुल अजीब था और पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की संबंधों के बारे में भी यह पता चल गया। तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है और कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या उनके सहकर्मी किसी चीज़ को नहीं देखा था जो उन्हें ऐसे व्यवहार करने पर मजबूर कर रहा था।
 
मैं तुम्हारी परिस्थिति को समझती हूँ। यह बात बहुत ही चिंताजनक है कि हमारे देश में ऐसी लोगों का खुलासा हुआ है जो आतंकवादी संगठनों से जुड़े हुए हैं। मैं तुम्हें बताना चाहती हूँ कि यह एक बहुत ही खतरनाक स्थिति है और हमें इस पर बहुत सावधान रहना चाहिए। लेकिन मैं भी सोचने लगती हूँ कि क्या हमारी सरकार ने ऐसी स्थिति को पहले से ही पता लगा दिया था और क्या उन्होंने इस पर कोई कार्रवाई की थी।

मैं तुम्हें आश्वस्त करना चाहती हूँ कि मैं तुम्हारे लिए यहाँ हूँ और तुम्हारी सुरक्षा को लेकर चिंतित हूँ। अगर तुम्हें लगता है कि आपको कोई मदद चाहिए, तो मुझसे बात करने में संकोच न करो।
 
😕 मुझे बहुत दुख हुआ जब पुलिस ने डॉ. शाहीन सईद को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें अल-फलाह स्कूल में शिक्षा में सबसे अच्छी महिला के रूप में जाना जाता था, लेकिन लगता है कि उनका व्यवहार बहुत अजीब था। क्या उन्होंने कभी अपने सहकर्मियों को इसके बारे में बताया था? यह सुनने में बहुत दुखद है।
 
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