श्रीनगर के थाने में धमाका,300-600 मीटर दूर गिरे बॉडी पार्ट्स: लोग बोले- हमने खोपड़ी गिरते देखी; विस्फोटक में बिना डेटोनेटर के धमाका बना सस्पेंस

श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में फरीदाबाद से जब्त विस्फोटकों के साथ हुए बड़े धमाके में 9 लोगों की मौत हो गई। इस धमाके में 32 लोग घायल हुए और उनका इलाज राज्य सरकार के 92 आर्मी बेस और SKIMS सौरा हॉस्पिटल में जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों ने बताया है कि थाने में धमाके को लेकर बड़ा सवाल उठता है।

पुलिस ने पहले हमारे रिश्तेदार टेलर मोहम्मद शफी सुबह बुलाया था। फिर शाम को भी बुलाया था, पर इस धमाके की वजह से उनकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया है कि विस्फोटकों को 9-10 नवंबर को छापेमारी के दौरान फरीदाबाद से जब्त किया गया था। इसे फिर एक टाटा 407 पिकअप वाहन में ले जाया गया था, जहां उसे नौगाम पुलिस स्टेशन में पहुंचाया गया था।

श्रीनगर ब्लास्ट को लेकर सवाल उठते हैं और यह बड़ी लापरवाही है, इस विस्फोटक को हमेशा कोई नहीं रखना चाहिए।
 
बस मेरी सोच है ये वाकई दुखद मामला है। क्या समझ निकल गया था? यह धमाका कैसे हुआ और इसमें कौन लिपटा हुआ था। पुलिस ने कहा है कि विस्फोटकों को जब्त किया गया था, लेकिन क्या उन्हें पता था कि यह ऐसी स्थिति में पहुंचेगा? श्रीनगर ब्लास्ट की वजह से इतने लोगों की जान गई। ये बहुत दुखद है।
 
अरे, ये तो बहुत ही भयंकर घटना है ! सोचिए, 9 लोग मारे गए और 32 घायल हुए ? यह तो कुछ ऐसा ही लग रहा है जैसे हमारे खिलाफ़ या पुलिस के खिलाफ़ बड़ा विरोध हो रहा हो। लेकिन फिर सोचिए, थाने में धमाके के बाद पुलिस ने पहले से ही रिश्तेदार को बुलाया था, तो क्या यह तो एक ड्रिल थी ? और विस्फोटकों को जब्त करने से पहले भी कोई नहीं जांचना चाहिए ? यह तो बहुत ही गड़बड़ है , और मुझे लगता है कि पुलिस ने इसे थोड़ी धीमी गति से चलानी चाहिए।
 
🤔 यार, यह तो दिल से दर्द कर रहा है! नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए धमाके में 9 लोगों की जान जा गई, 32 घायल हुए और उनकी जिंदगी खतरे में है। यह तो बड़ी भूल है, कोई ऐसा विस्फोटक नहीं रखना चाहिए जैसे कि वह हर मिनट खिल्ली उड़ाए। क्या हुआ था, कोई बताए? 🤷‍♂️
 
क्या ये सुनिश्चित है कि उस विस्फोटक को पहले से पकड़ा गया था? 🤔 कैसे वह पुलिस स्टेशन में चला गया और फिर वो विस्फोटक निकल गया? यह तो बहुत बड़ी गड़बड़ी है और सारी जानकारी कहां से आ रही है? मुझे लगता है कि सुरक्षा एजेंसियों को अच्छी तरह से रिपोर्ट देनी चाहिए थी।
 
यार, ये तो बहुत बड़ा सवाल है 🤔, इतने सारे घायल और मारे गए लोग, यह तो सरकारी नाक पर दाग लगाने वाला है। कैसे एक पुलिस थाने में धमाका हुआ, जब वहां तो हमेशा सुरक्षा होती है? और फिर भी इतने लोग घायल और मारे गए, यह तो बड़ी लापरवाही है। क्योंकि अगर विस्फोटकों को हमेशा कोई नहीं रखना चाहिए, तो इसका मतलब है कि पुलिस थाने की सुरक्षा खत्म ह गई है। और सबसे बड़ी बात, यह सवाल उठना चाहिए कि यह विस्फोटक किसके साथ मिल गया, और इसकी वजह से इतने लोग मारे गए।
 
ये तो बहुत बड़ा दुखद घटना, मेरा दिल 9 लोगों की मौत के लिए डोल रहा है 🤕। क्या यह सुनिश्चित करने के लिए हमें अपने पास विस्फोटक रखने चाहिए? यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। और फिर भी, पुलिस ने यह देखकर आश्चर्य किया कि विस्फोटकों को जब्त करने के बाद भी उन्हें सुरक्षित तरीके से नहीं लाया। यह बड़ी लापरवाही है।
 
मुझे बहुत गुस्सा आ रहा है 🤯, यह तो बहुत बड़ा अपराध है जो हुआ था। मेरी बहन ने भी उस पुलिस स्टेशन में पढ़ाई की थी, वह बहुत दुखी है। और फिर वाह! उसके रिश्तेदार की मौत के लिए उन्हें पहले से ही बुलाया गया था, तो यह तो बहुत बड़ी गलती है 🤦‍♀️। पुलिस ने इतनी बड़ा खतरा अपने हाथों में रख दिया था। और अब वह विस्फोटक क्या कर रहे थे, यह सोचते समय मेरा दिल नहीं ठीक हो रहा है।
 
यार, यह तो बहुत बड़ा सवाल है! 🤔 कैसे 9 व्यक्ति मौत हो गईं? न केवल उनकी मौत, बल्कि बात बढ़ाएं तो इस धमाके से जुड़े लोगों को भी गंभीर चोट लगी थी। यह लापरवाही है और हमें इसके पीछे की वजह समझनी चाहिए। 🚨
 
यार, यह शायद सबको सोचकर नहीं पड़ता, कि हम अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए क्या कर सकते हैं? मेरी क्लास में भी तो हमेशा धमाके सुनते रहते हैं, और स्कूल में हमारे सुरक्षा गार्ड्स ने तो फिर भी कुछ नहीं किया। यार, शायद हमें अपने देश की सुरक्षा के लिए एक साथ मिलकर काम करना चाहिए। 🤔🚨
 
मेरे दोस्तों को याद आया था जब मैं बच्चा था, मेरे पिताजी ने मुझे एक बार फिर से सिखाया था कि धमाके कैसे होते हैं। उन्होंने मुझसे कहा कि अगर हमें कभी भी ऐसा होने का डर लगे, तो हमें सबसे पहले अपनी जान बचानी चाहिए। लेकिन आज के समय में यह बात तो नहीं सुनाई देती।

मैं समझता हूं कि थाने में ऐसी बड़ी लापरवाही कैसे होती है, और इसके पीछे क्या गड़बड़ी है। लेकिन मेरा सवाल यह है कि हमें कभी नहीं तो सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए, खासकर जब ऐसे विस्फोटक घरों तक पहुंच जाते हैं।

मैं अपने पूर्वजों ने मेरी इस बात को सिखाया था। उन्होंने हमें यह सिखाया था कि हमेशा हमारी सुरक्षा सबसे ऊपर रखें।
 
वह तो दिल छूने से बिना मारते हुए ही चल रहे हैं यार, पहले यह पुलिस थाने में धमाका हुआ और फिर यह सब वाहन में कैसे घुस गया, यह तो बड़ी मुश्किल है। पुलिस स्टेशन में ऐसा भी होने की संभावना नहीं होती, लेकिन ज्यादा नहीं कह सकते, तभी हमारे पास तो सवाल और सवाल।
 
नमूनों में डॉक्टर निकालने की बात तो क्या है? 9 लोगों की जान जानी गई, 32 घायल हुए, फिर भी इस धमाके का कारण पता नहीं चल पाया। यह एक बड़ी चिंता है और हमें यह सोचना होगा कि क्या नौगाम पुलिस स्टेशन में ऐसी लापरवाही हुई जिससे इस तरह की दुर्घटना हो सकी।
 
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