अफसोस, इस्लामाबाद में आयोजित इंटर-पार्लियामेंट्री स्पीकर सम्मेलन को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नहीं देखा था, इसके बजाय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ही इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी भारत पर फोड़ने की कोशिश की है।
आजादी सेना के खिलाफ युद्ध में अकेले नहीं लड़ते हैं बल्कि उनके समर्थक भी इसमें शामिल होते हैं। इस हमले में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई है और 30 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि यह हमला अफगानिस्तान से आया था और इसमें भारत का समर्थन भी शामिल था। लेकिन कोई सबूत नहीं दिखाया गया है जो इस दावे का समर्थन करे।
पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा करते हुए कहा, "यह आत्मघाती हमला है।" जबकि गृह मंत्री मोसिन नकवी ने यह भी कहा कि यह विस्फोट एक आत्मघाती हमला था।
लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ही इस हमले की जिम्मेदारी भारत पर फोड़ने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, "यह हमला भारत की ओर से प्रायोजित आतंकवाद की कड़ी है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान को अस्थिर करना है।
इस तरह से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अपने देश की समस्याओं को बाहरी शक्तियों पर डालने की कोशिश की है। लेकिन यह विफल होगा, क्योंकि आतंकवाद की समस्या केवल पाकिस्तान में नहीं है, बल्कि पूरे विश्व में है।
इस हमले से पहले, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान सीमा के पास कई हमलों की भी रिपोर्ट दी थी। लेकिन यह हमले आतंकवादी संगठनों द्वारा नहीं किए गए थे।
इसलिए, इस हमले में भारत की कोई जिम्मेदारी नहीं है। पाकिस्तान सरकार को अपनी समस्याओं को हल करने के लिए प्रयास करना चाहिए, न कि बाहरी शक्तियों पर डालने की।
आजादी सेना के खिलाफ युद्ध में अकेले नहीं लड़ते हैं बल्कि उनके समर्थक भी इसमें शामिल होते हैं। इस हमले में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई है और 30 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि यह हमला अफगानिस्तान से आया था और इसमें भारत का समर्थन भी शामिल था। लेकिन कोई सबूत नहीं दिखाया गया है जो इस दावे का समर्थन करे।
पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा करते हुए कहा, "यह आत्मघाती हमला है।" जबकि गृह मंत्री मोसिन नकवी ने यह भी कहा कि यह विस्फोट एक आत्मघाती हमला था।
लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ही इस हमले की जिम्मेदारी भारत पर फोड़ने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, "यह हमला भारत की ओर से प्रायोजित आतंकवाद की कड़ी है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान को अस्थिर करना है।
इस तरह से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अपने देश की समस्याओं को बाहरी शक्तियों पर डालने की कोशिश की है। लेकिन यह विफल होगा, क्योंकि आतंकवाद की समस्या केवल पाकिस्तान में नहीं है, बल्कि पूरे विश्व में है।
इस हमले से पहले, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान सीमा के पास कई हमलों की भी रिपोर्ट दी थी। लेकिन यह हमले आतंकवादी संगठनों द्वारा नहीं किए गए थे।
इसलिए, इस हमले में भारत की कोई जिम्मेदारी नहीं है। पाकिस्तान सरकार को अपनी समस्याओं को हल करने के लिए प्रयास करना चाहिए, न कि बाहरी शक्तियों पर डालने की।