तेलंगाना में SLBC टनल पर सियासत गर्म! रेवंत रेड्डी ने KCR पर साधा निशाना

तेलंगाना में SLBC टनल पर सियासत गर्म हो गई है, जहां ए. रेवंत रेड्डी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री, ने इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए हवाई विद्युत चुम्बकीय सर्वेक्षण का शुभारंभ किया। इस दौरान, उन्होंने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार पर जमकर हमला किया और 40 किलोमीटर लंबी, दुनिया की सबसे बड़ी इस सुरंग परियोजना को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया।

रेड्डी ने कहा, "हम इस परियोजना को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसकी अनुमानित लागत अब 4600 करोड़ रुपये हो गई है। इसका उद्देश्य कृष्णा नदी से 30 TMC पानी उठाकर 3 लाख एकड़ जमीन को सिंचाई सुविधा प्रदान करना है।

कCR पर हमला
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री KCR के 10 साल के शासनकाल में इस प्रतिष्ठित SLBC टनल का काम राजनीतिक कारणों से जानबूझकर रोक दिया गया था। उन्होंने कहा, "1983 में स्वीकृत और 2004 में तत्कालीन वाईएस राजशेखर रेड्डी सरकार की ओर से शुरू की गई यह परियोजना, अगर KCR सरकार समय पर पूरी कर देती तो इसका खर्च लगभग 2000 करोड़ रुपये होता, लेकिन आज देरी के कारण लागत 4500 करोड़ रुपये तक बढ़ गई है।

बRS पर तेलंगाना के हितों से समझौता करने का आरोप
मुख्यमंत्री ने कहा, "हमें मर्लापाडु, केश्या टांडा और नक्कालगंदी के निवासियों की शिकायतों का निवारण करेगी, जिनकी बस्तियां परियोजना के पास डूब गई हैं और उन्हें उचित मुआवजा दिया जाएगा। हमने पूर्व सिंचाई मंत्री टी. हरीश राव पर भी निशाना साधा और BRS सरकार पर कृष्णा जल के उपयोग में तेलंगाना के हितों से समझौता करने का आरोप लगाया।

रेड्डी ने कहा, "पिछली सरकार ने आंध्र प्रदेश के साथ केवल 299 TMC पानी उपयोग करने का समझौता किया था, जबकि कांग्रेस सरकार राज्य के हिस्से का दावा करने के लिए न्यायाधिकरण में मजबूत तर्क पेश कर रही है। हमने हरीश राव को पानी के मुद्दों पर सस्ते और बेतुके बयान देना बंद करने की चेतावनी भी दी।"

युद्धस्तर पर काम करना
मुख्यमंत्री ने कहा, "लोग BRS को इस परियोजना को पूरा न करने के लिए हटा चुके हैं, लेकिन हमारी सरकार इस पर युद्धस्तर पर काम करेगी।"
 
बोलो दोस्त, यह SLBC टनल परियोजना बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन राजनीति में लगने से इतनी खराब हो गई। मुझे लगता है कि अगर सरकार ने समय पर इसे पूरा कर दिया, तो इसका खर्च 2000 करोड़ कम होता। अब यह लागत 4500 करोड़ तक बढ़ गई है। मैं चाहता हूँ कि हमें इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने की प्राथमिकता देनी चाहिए। 🚧💨
 
नई दिल्ली से तेलंगाना में SLBC टनल परियोजना जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स पर देखने में रमा रहा है... क्या यही सब कारण है कि राजनीतिक दल बोलकर बोलकर सड़क पर उतरने लगते हैं? 1983 में शुरू की गई इस परियोजना को 10 सालों तक पूरा नहीं किया जा सका, तो आज भी इसे पूरा करने के लिए इतनी राशि लग रही है... क्या हमारे सरकार में कोई वास्तविकता देखने की कोशिश कर रहे हैं? 🤔
 
मैंने बहुत सोचा और फिर सोचने लगा कि SLBC टनल परियोजना की गहराई और इसका वास्तविक उद्देश्य कौन सा है? 🤔 कुछ लोगों का कहना है कि यह पूरी तरह से राजनीतिक थोड़ा है, जबकि दूसरे लोगों का मानना है कि यह एक सच्ची परियोजना है जिसके लिए हम सभी खुश होने चाहिए। 🌈 मुझे लगता है कि अगर हम इस परियोजना को पूरा करते हैं तो यह न केवल हमारी राजधानी की सिंचाई सुविधाओं को बढ़ावा देगा, बल्कि हमारी सरकार की निष्पक्षता और प्रतिबद्धता पर भी विश्वास बनाएगी। 💪
 
तेलंगाना में SLBC टनल की बात आती है तो मुझे लगता है कि यहाँ और भी कई छुपे हुए एजेंडे हैं। RCV पर हमला करने की तरह, THR पर भी कुछ जरूरी नहीं जान सकते हैं... मेरे ख्याल में, जो पिछली सरकार ने 1983 में इस परियोजना शुरू की थी, वह तो समय पर पूरी कर देती, लेकिन आज की राजनीतिक स्थिति में ऐसा कैसे हो सकता है? 🤔

और तेलंगाना के लोगों की बात करते हैं, मर्लापाडु, केश्या टांडा और नक्कालगंदी जैसी बस्तियों की शिकायतें तो जरूर महत्वपूर्ण हैं, लेकिन यहाँ भी कुछ ऐसा जरूर है जो हमें नहीं सोच रहे हैं... जैसे कि पानी की मात्रा और इस परियोजना से होने वाले परिणाम... 🌊
 
क्या सुनो, ए. रेवंत रेड्डी जी ने पहले तो पूरी तरह से बीजेपी सरकार पर हमला किया, फिर एक-दूसरे पर भी बोलते हुए दिखाई दिया। लेकिन यह तो SLBC टनल परियोजना में तेलंगाना के मुख्यमंत्री जी की पकड़ है कि वे न केवल काम करते हैं, बल्कि उनका भी खिलौना देश बनाते हैं 🤣
 
तेलंगाना में SLBC टनल के बारे में सियासत गर्म हो गई है... लेकिन मुझे लगता है कि यहां कुछ गलतफहमी है। पहले तो क्या हमने नहीं समझा कि इस परियोजना का उद्देश्य कृष्णा नदी से पानी उठाकर सिंचाई सुविधा देना है? लेकिन अब 4600 करोड़ रुपये की लागत आ गई... यह तो बहुत बड़ी है। और MIM पर हमला करना ठीक है, लेकिन KCR सरकार ने भी इस परियोजना को पूरा नहीं कराया? ऐसा कहकर हम मुख्यमंत्री से उम्मीदें नहीं जोड़ सकते।
 
तेलंगाना में SLBC टनल पर शुभारंभ हुआ और यह बहुत रोमांचक है 🚂💨। मैंने सोचा था कि इस परियोजना की लागत 2000 करोड़ रुपये तक नहीं जाएगी, लेकिन अब यह 4600 करोड़ रुपये हो गई है। यह तो बहुत बड़ा विवाद है और मुझे लगता है कि सरकार को इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने की जरूरत है।

मैंने पढ़ा है कि SLBC टनल का शुभारंभ 1983 में हुआ था, लेकिन अब तक इसका काम नहीं हुआ। यह बहुत देर हो गई है और मुझे लगता है कि इस परियोजना की सुविधा के लिए हमें जल्द से जल्द कदम उठाने चाहिए।

मैं तेलंगाना की सरकार से उम्मीद करता हूं कि वे इस परियोजना को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगी। हमें उम्मीद है कि यह परियोजना जल्द ही पूरी हो जाएगी और तेलंगाना के लोगों को निकलने में मदद करेगी।
 
बिल्कुल, मैंने भी इसकी बात कही थी कि देर से शुरू होने से भारी खर्च होता है। तेलंगाना में इस SLBC टनल परियोजना को पहले 1983 में शुरू किया गया था, लेकिन अब क्यों इतनी देर लग रही है? और पिछली सरकार ने इसे राजनीतिक कारणों से रोक दिया था।
 
तेलंगाना में SLBC टनल परियोजना के बारे में सुनकर मुझे बहुत उत्साह हुआ है। यह परियोजना न केवल राज्य की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देगी, बल्कि तेलंगाना के कृष्णा नदी के आसपास के क्षेत्रों में भी सिंचाई सुविधा प्रदान करेगी। इसका मतलब है कि लोग अपनी खेतियों में बेहतर फसल उगा सकते हैं और आर्थिक रूप से मजबूत हो सकते हैं।

लेकिन, यह परियोजना केवल तेलंगाना के लिए नहीं बल्कि देश के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। इससे हमारे देश की जल संसाधनों की प्रबंधन में सुधार होगा और हमारे पर्यावरण को भी सुरक्षित रखा जाएगा। इसका मतलब है कि हम अपने प्राकृतिक संसाधनों का सही तरीके से उपयोग कर सकते हैं और अपने आने वाली पीढ़ियों के लिए स्थायी विकास को बढ़ावा दे सकते हैं।

अब, मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की बात करें तो उनके आरोपों पर विचार करना जरूरी है। अगर पिछली सरकार ने इस परियोजना को समय पर पूरा नहीं कराया, तो इसका मतलब है कि हमारे राजनेताओं को अपने कार्यों में भ्रष्टाचार नहीं करना चाहिए। लेकिन, यह देखने की जरूरत है कि क्या उनकी सरकार ने इस परियोजना को पूरा करने के लिए सही रणनीति बनाई है और हमें उम्मीदें हैं कि वे इसके पूर्णक्रम से सफल होंगे।
 
मैं तेलंगाना में SLBC टनल परियोजना को पूरा करने के लिए रेड्डी जी की दृढ़ निश्ठा से प्रभावित हूँ 🤩। यह एक महान योजना है जो राज्य के विकास को बढ़ावा देगी। मैं उम्मीद करता हूँ कि परियोजना जल्दी से पूरी होगी और हमारे राज्य के लोगों को सिंचाई सुविधा मिलेगी। 💪

मुझे लगता है कि आरोप लगाना और युद्धस्तर पर काम करना एक अच्छा तरीका है, खासकर जब सरकार को अपने प्रोजेक्ट की जिम्मेदारियों से दूर रहने वाले लोगों के खिलाफ हमला करना होता है। 💥

यह परियोजना न केवल तेलंगाना राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान करेगी। मैं इस परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा करने की शुभकामनाएँ देता हूँ। 🙏
 
इस टनल परियोजना में जो भारी देरी हुई है, वह बहुत गंभीर समस्याएं पैदा कर रही है। पहले तो यह परियोजना 1983 में शुरू हुई थी, लेकिन किसने इसकी सफलता के लिए इतनी जिम्मेदारी न ली। अब इस परियोजना की लागत इतनी बढ़ गई है कि इससे बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा।
 
अरे, यह तेलंगाना में SLBC टनल की परियोजना पर बहुत ज्यादा गर्मी हो गई है 🤔। रेवंत रेड्डी मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि इससे पहले, KCR सरकार इस परियोजना को समय पर पूरा नहीं कर पाई थी। लेकिन मुझे लगता है कि यह तो सच नहीं हो सकता। क्योंकि RBC नेता की बात सुनकर लगता है कि वे तेलंगाना के लिए इस परियोजना को बहुत महत्व देते हैं। और RBSF सरकार पर उनकी आलोचना करने की बात कही, लेकिन मुझे लगता है कि रेड्डी जी ने अपने विरोधी के खिलाफ चुटकुलों की बजाय गंभीरता से बात की है।
 
बोलते बोलते राजनीतिक मक़बरों पर ध्यान केंद्रित करने वाले तेलंगाना सरकार को लगता है कि इस देश की ज़रूरतों से अधिक दूर है। पिछले 10 सालों में बीजेपी ने तेलंगाना की समस्याओं पर कभी ध्यान नहीं दिया, और अब जब उन्हें अपनी गलतियों के लिए जवाबदेह ठहराया जा रहा है, तो वे इस पर भारी गंभीरता से बोलने लगते हैं… 🤔👊
 
ए. रेवंत रेड्डी को उनके संबोधन में बेतुका दावा करने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि यह पूरी तरह से निर्णायक है... 😐 उन्हें अपने सरकार के योगदान और फ़ैसलों पर थोड़ा विश्लेषण करना चाहिए।
 
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