ट्रम्प का फोन, PM मोदी का मलेशिया जाना कैंसिल: भारत ने US की 'प्रेशर पॉलिटिक्स' रोकी; जब तक ट्रेड डील नहीं, मीटिंग नहीं

PM मोदी आसियान समिट के लिए मलेशिया जाने वाले थे। 20 अक्टूबर को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प का दिवाली की बधाई के लिए कॉल आया। इस पर जो बात हुई, उसकी जानकारी विदेश मंत्रालय के अफसरों को दी गई थी। आसियान में ट्रम्प से मुलाकात होनी थी।

विदेश मंत्रालय में तैनात एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि 20 अक्टूबर तक PM मोदी का आसियान समिट (एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन) में शामिल होना तय था। ट्रम्प के फोन कॉल के बाद हालत बदल गए। अब मोदी वर्चुअली समिट को संबोधित करेंगे।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, PM के न जाने की वजह दिवाली नहीं, बल्कि ट्रेड डील एग्रीमेंट हैं। समिट शुरू होने से सिर्फ 3 दिन पहले 23 अक्टूबर को ये अनाउंस किया गया। आसियान में ट्रम्प से मुलाकात होनी थी। विदेश मंत्रालय में तैनात एक सीनियर अधिकारी ने दैनिक भास्कर को बताया कि 20 अक्टूबर तक PM मोदी का आसियान समिट (एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन) में शामिल होना तय था। ट्रम्प के फोन कॉल के बाद हालत बदल गए। अब मोदी वर्चुअली समिट को संबोधित करेंगे।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी इसी वजह से आसियान समिट में हिस्सा नहीं ले रहे हैं।

PM मोदी अभी-अभी UNGA, 27 सितंबर, न्यूयॉर्क में गए थे। वहां उन्होंने UN सेशन को संबोधित करने वाले थे, लेकिन बाद में ऐलान किया गया कि 27 सितंबर को भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस. जयशंकर बोलेंगे और उन्होंने ही UNGA की बैठक को संबोधित किया।

पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ से लेकर इजराइली PM बीवी नेतन्याहू ने भी यहां भाषण दिया, लेकिन मोदी इससे दूर रहे।

विदेश मंत्रालय के एक सूत्र के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 23 सितंबर को UNGA के मंच से दुनिया को संबोधित किया था। पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ से लेकर इजराइली PM बीवी नेतन्याहू ने भी यहां भाषण दिया, लेकिन मोदी इससे दूर रहे।

PM मोदी अभी-अभी गाजा पीस प्लान, 10 अक्टूबर, शर्म अल-शेख, मिस्त्र में गए थे। वहां भारत की ओर से विदेश मंत्रालय के राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह शामिल हुए। यहां भी PM मोदी नहीं गए। जानकारों के मुताबिक, अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ दोनों के शामिल होने की वजह से PM ने यहां न जाने का फैसला लिया।

PM मोदी ट्रम्प से पहले कई मौकों पर मिलने को तैयार थे, लेकिन अब उनका फैसला है कि ट्रम्प से फिजिकल दूरी बनाएंगे।

इस बीच, भारत और अमेरिका के बीच चल रहे ट्रेड डील पर विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इसमें कृषि से जुड़े मामलों पर पेंच फंसा था। शुरू से ही दोनों तरफ से जोर आजमाइश इसी मुद्दे पर थी।
 
🤔 ये बहुत अजीब है कि पीएम मोदी आसियान समिट में भाग लेना तय कर चुके थे, लेकिन फिर ट्रम्प से फोन कॉल आया और सबकुछ बदल गया। अब वह वर्चुअली हिस्सा लेने वाले हैं... 😕 लगता है कि दोनों देशों के बीच कुछ गहरी मुद्दों पर पेंच फंस गया है। क्या हमें उम्मीद थी कि पीएम मोदी आसियान समिट में भाग लेंगे? 🤷‍♂️
 
🤔 आसियान समिट में PM मोदी को ट्रम्प से मिलने का फैसला बदलना तो अच्छा निर्णय है, लेकिन फिर से हमारी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर भी कुछ गलत हुआ। अगर PM का फोन कॉल अमेरिकी राष्ट्रपति के दिवाली की बधाई के लिए था, तो फिर क्यों हमें यह जानकारी नहीं मिली। 😒

मुझे लगता है कि इस प्लेटफ़ॉर्म पर कुछ तेजी से बदलाव आ रहे हैं, और PM मोदी के निर्णय पर भी कुछ समय लग रहा है। क्या हमें आश्वासन देना चाहिए कि यह प्लेटफ़ॉर्म हमारे विदेश मंत्रालय से जुड़ा नहीं है? 🤷‍♂️

इसके अलावा, यह प्लेटफ़ॉर्म पर अक्सर गलतीें और अस्पष्टताएं आती रहती हैं। क्या कोई कदम उठाया जाएगा ताकि हमारे विदेश मंत्रालय से जुड़ी जानकारी सही ढंग से प्रस्तुत की जाए? 🤞
 
😐 पीएम मोदी को अब आसियान समिट में वर्चुअली भागने का फैसला करना बहुत दिलचस्प है! 🤔 इससे पहले PM ट्रम्प से मिलने के लिए तैयार थे, लेकिन अब ये खेल छोड़ दिया गया है। 😅

मुझे लगता है कि पीएम मोदी को भारतीय राजनेताओं के लिए यह बहुत बड़ी मौका मिल रहा है! 🙌 उन्होंने ट्रम्प से पहले कई बार मिलने का फैसला लिया, लेकिन अब वे इस मामले पर फैसला करने जा रहे हैं कि उन्हें ऐसा कैसे करना चाहिए।

मुझे लगता है कि पीएम मोदी को अमेरिकी ट्रम्प से दूरी बनाए रखने का यह फैसला बहुत सही होगा। 🙏 इससे हमारे PM की प्रतिष्ठा और महत्व बढ़ सकता है, खासकर जब वे अमेरिकी राष्ट्रपति से मिलने वाले थे।

लेकिन, मुझे लगता है कि पीएम मोदी को भारतीय जनता के नेताओं के लिए यह बहुत बड़ा मौका मिल रहा है! 🙌 उन्होंने ट्रम्प से पहले कई बार मिलने का फैसला लिया, लेकिन अब वे इस मामले पर फैसला करने जा रहे हैं।
 
मुझे लगता है कि PM मोदी को दिवाली की बधाई के लिए फोन कॉल करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प से मिलने की जगह वर्चुअली समिट में भाग लेना तय हुआ। लगता है कि यह फैसला किसी बड़ी बातचीत से जुड़ा हुआ है। 🤔
 
आज तो PM मोदी के आसपास कुछ ऐसी गतिविधियाँ चल रही हैं जो लोगों को आश्चर्यकारी लगती हैं। एक ओर, अमेरिका से फोन कॉल आना, दूसरी ओर, UNGA में शामिल नहीं होना। तो फिर यह सब क्या? 🤔

मुझे लगता है कि जिस तरह से ट्रम्प ने दिवाली की बधाई दी, वही PM मोदी ने भी उस समय को महत्व दिया। लेकिन जब बात ट्रेड डील की आती है, तो सब कुछ बदल जाता है। 🚫

क्या हमारे देश को अपने निर्णयों में दूरी बनाए रखना चाहिए या फिर समझौते पर चलना चाहिए? मुझे लगता है कि हमें इस पर विचार करना चाहिए। 💡
 
अगर ये सब पूरा सच है तो ये बहुत ही गंभीर बात है! PM को ऐसी महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने से इनकार करने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक बात यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने प्रधानमंत्री को दिवाली की बधाई में फोन किया था, और इसके बाद PM का मन बदल गया।

लेकिन अगर हम समझते हैं कि यह फोन कॉल किसी भी तरह से ट्रम्प के लिए एक राजनीतिक उपाय था और इसे पूरे देश में एक बड़ा प्रदर्शन बनाकर PM ने अपने देश को एक अच्छा स्थान दिया तो यह ज्यादा भी अच्छा नहीं है...
 
😒 तो अब PM मोदी आसियान समिट में शामिल नहीं होंगे, ट्रम्प का फोन कॉल उनकी गेट का पेज कर देता है 📞। लेकिन विदेश मंत्रालय के अफसरों ने बताया कि चीन और रूस भी इसी वजह से समिट से बाहर रहेंगे, मुश्किल लगनी तो लग जाती। PM मोदी अभी-अभी UNGA में गये थे और उन्होंने भाषण दिया था, लेकिन फिर ट्रम्प का फोन आया और सब कुछ बदल गया। 💥
 
बस, यह बहुत अजीब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने PM मोदी से फोन कर दिवाली की बधाई दी, लेकिन इसका मतलब है कि मोदी आसियान समिट में नहीं जा रहे। यह तो समझने में आता है, लेकिन इससे भारत के लिए क्या फायदा होगा?

मुझे लगता है कि ट्रम्प से मिलने की जगह PM मोदी वर्चुअली उपस्थित रहे, तो भारत की छवि अच्छी नहीं लगेगी। लेकिन फिर भी, हमें इन बातों पर ध्यान देना चाहिए कि विदेश मंत्रालय ने PM मोदी की जगह एस. जयशंकर ने UNGA में बोले, तो वही थोड़ा अच्छा है।
 
🤦‍♂️ वो ट्रम्प कॉल तो दिवाली की बधाई के लिए आया? 😂 क्या PM मोदी सिर्फ़ तो दिवाली की शुभकामनाएँ देने के लिए आसियान समिट जाने के बजाय अपने घर पर ही मनाते! 🏠

और फिर भी यह बात हुई कि PM मोदी इस आसियान समिट में नहीं आएगा, लेकिन क्या दिवाली कॉल करने से ट्रम्प को लगता है कि वो PM मोदी को शामिल होने के लिए तैयार करेगा? 🤔

मुझे लगता है कि ये फिर से एक खेल है, और हमें इसका हिस्सा बनना होगा। 🏆
 
सुनो तो दीवाली की बधाई कॉल के बाद मोदी आसियान समिट से दूर गए... 🤔 विदेश मंत्रालय के अफसरों ने कहा कि PM मोदी 20 अक्टूबर तक आसियान समिट में शामिल होना तय था, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के फोन कॉल के बाद हालत बदल गई। अब PM मोदी वर्चुअली समिट को संबोधित करेंगे। 😬

इस तरह क्या देश-विदेश में भारत की छवि जारी रहेगी, यह एक अच्छा सवाल है। चीन और रूस जैसे देशों में ट्रम्प से मुलाकात करनी थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। 🤷‍♂️

और इसके बाद तो क्या देखें, भारत का मंत्री पाकिस्तान और इजराइल जैसे देशों में गए, लेकिन PM मोदी इन जगहों पर नहीं गए। ये एक अच्छी छवि नहीं देगा। 😐
 
क्या ऐसा लगता है कि PM मोदी ट्रम्प से मिलने के लिए तैयार नहीं थे, भले ही वे आसियान समिट के लिए शामिल होने के बारे में तय कर चुके हों। 😏 यह तो किसी और देश की राजनीति में खेलने का तरीका नहीं था, ना? और फिर भी, विदेश मंत्रालय ने बताया कि ट्रम्प से कॉल आयी थी और PM मोदी वर्चुअली समिट में शामिल होंगे। यह तो एक बड़ा बदलाव है, ना? 🤔
 
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