Trishul Exercise: ऑपरेशन सिंदूर के बाद सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास, 'त्रिशूल' से तीनों सेनाओं की ताकत हुई और मजबूत

अजीब बात यह है कि अगर हम भारतीय सेना की ताकत और सशक्ति को मापें, तो ऑपरेशन सिंदूर के बाद ‘त्रिशूल’ अभ्यास ने बहुत कुछ दिखाया। इस अभ्यास में तीनों सेनाओं, यानी थल सेना, नौसेना और वायुसेना ने एक-दूसरे के साथ मिलकर कई जटिल युद्ध परिस्थितियों का अभ्यास किया। इसमें 30,000 सैनिक, 25 युद्धपोत और कई लड़ाकू विमान शामिल थे।

इस अभ्यास ने भारत की सेनाओं की एकजुटता, तकनीकी समन्वय और युद्धक क्षमताओं को नई ऊंचाई दी। इससे तीनों सेनाएं और अधिक सशक्त होकर लौट रही हैं। इस अभ्यास में वायुसेना ने लगभग 1,450 उड़ानें भरीं और नई तकनीकों का परीक्षण किया।

इस ‘त्रिशूल’ अभ्यास में स्वदेशी सैन्य उपकरणों का भी सफल परीक्षण किया गया। थल सेना की नई ‘रुद्र ब्रिगेड’ को ऑपरेशनल वैलिडेशन मिला, जिससे इस अभ्यास ने भारतीय सेनाओं की संयुक्त कार्रवाई की नई परिभाषा गढ़ दी।

नौसेना ने ‘कैरीयर बैटल ग्रुप’ के साथ जटिल समुद्री युद्धाभ्यास किए और अपनी उभयचर (अम्फीबियस) क्षमताओं का प्रदर्शन किया। इससे भारत को समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में और सक्षम बनाएगा।

इस अभ्यास ने दिखाया कि अगर हम एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करें, तो हम किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
 
ऑपरेशन सिंदूर के बाद ‘त्रिशूल’ अभ्यास ने दिखाया कि भारतीय सेनाओं को एकजुटता, तकनीकी समन्वय और युद्धक क्षमताओं में बहुत सुधार हुआ है। यह अभ्यास ने हमें यह सीखने का अवसर दिया है कि अगर हम अपनी ताकतों को एक-दूसरे के साथ मिलाकर उपयोग करें, तो हम किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
 
ब्रिटेन ने अपनी पुरानी इमरजेंसी एक्सट्रीमस्ट्रीम ऑपरेशन थ्रेसर वैन ड्रम को तोड़ दिया 🤯, लेकिन हमारे ऑपरेशन सिंदूर के बाद ‘त्रिशूल’ अभ्यास ने मेरे मन में बहुत सकारात्मक भावनाएं जगाई हैं। यह अभ्यास ने पुष्ट किया है कि अगर हम एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करें, तो हम किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं 🙌। और इसका मतलब यह नहीं है कि हम अभी तक अपनी सेना की ताकत को पूरी तरह से पहचान पाए हैं, लेकिन यह एक अच्छी शुरुआत है।
 
मेरी बात यह है कि आजकल की ऑपरेशन सिंदूर और ‘त्रिशूल’ अभ्यास में भारतीय सेनाओं ने बहुत कुछ दिखाया है। लेकिन मुझे लगता है कि इन सब परियोजनाओं को तय करने वालों की बात मैं समझ नहीं पा रही हूँ। क्या उन्हें पता है कि युद्धभूमि में जाने वाले सैनिकों के परिवारों की चिंताएं और जरूरतें क्या होती हैं? उनको यह तय करना होगा कि वे अपने सैनिकों को कहाँ भेजें, वहाँ कैसे रखें और उनकी जान किस तरह से बचाई जाएगी।

मेरा ख्याल है कि इन सभी अभ्यासों में एक बड़ा कमजोरी है। जैसे कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद के दिनों में हमने देखा कि कई जवानों को उनकी परिवारों तक पहुंचने में बहुत मुश्किल हुई। यहां तक कि प्रधानमंत्री ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर उन्हारे जवानों की फोटो शेयर करने का वादा किया, लेकिन तब जब हम उनके परिवारों तक पहुंचने की कोशिश करते हैं, तो बहुत से बच्चे हैं जो खुद को नहीं पहचानते हैं।

मेरी बात ये है कि हमें अपने जवानों के लिए और अधिक काम करना चाहिए।
 
ऑपरेशन सिंदूर के बाद ‘त्रिशूल’ अभ्यास में बहुत बड़ा अंतर देखा जा सकता है। यह अभ्यास ने हमें यह समझने का मौका दिया है कि अगर हम एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करें, तो हम किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

मुझे यह देखना बहुत अच्छा लगा कि वायुसेना ने लगभग 1,450 उड़ानें भरीं और नई तकनीकों का परीक्षण किया। इसके अलावा, नौसेना ने अपनी उभयचर क्षमताओं का प्रदर्शन किया और ‘कैरीयर बैटल ग्रुप’ से जुड़ी जटिल समुद्री युद्धाभ्यास में भाग लिया।

इस अभ्यास ने हमें यह साबित करने का एक अच्छा अवसर दिया है कि हमारी तीन सेनाएं एकजुट और शक्तिशाली हैं। इससे हमें समृद्धि और शांति की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा मिल रही है।
 
मैंने ‘त्रिशूल’ अभ्यास के बारे में सुना और यह बहुत अच्छा लगा 🤩। मुझे लगता है कि भारतीय सेनाओं ने बहुत बड़ा प्रयास किया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह अभ्यास भी बहुत महत्वपूर्ण है। तीनों सेनाओं ने एक-दूसरे के साथ मिलकर कई जटिल युद्ध परिस्थितियों का अभ्यास किया। यह भारतीय सेनाओं की एकजुटता, तकनीकी समन्वय और युद्धक क्षमताओं को नई ऊंचाई देगी।
 
अरे, यह अभ्यास देखकर बहुत अच्छा लगा, वाह! 30,000 सैनिक और वायुसेना में इतने लड़ाकू विमान, ये तो भारत की बाकी सभी सेनाओं के साथ मिल कर कुछ भी हासिल नहीं कर पाता। यह अभ्यास ने हमें दिखाया कि अगर हम एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करें, तो हम किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।

मुझे ये अभ्यास बहुत प्रभावशाली लगा, विशेष रूप से, जब देश के लिए खतरे के समय ना तो हम भागेंगे।

कोई बात नहीं, ऑपरेशन सिंदूर के बाद ‘त्रिशूल’ अभ्यास ने बहुत अच्छा काम किया।
 
"जब तक आप अपने जीवन को बदलने की इच्छा रखते हैं, तब तक आपके पास परिवर्तन करने की शक्ति होती है।" 💪

मुझे लगता है कि यह ऑपरेशन सिंदूर का "त्रिशूल" अभ्यास बहुत ही प्रभावशाली था, खासकर जब हम देखेंगे कि तीनों सेनाओं ने एक-दूसरे के साथ मिलकर कई जटिल युद्ध परिस्थितियों का अभ्यास किया। इससे हमारी सेनाओं की एकजुटता, तकनीकी समन्वय और युद्धक क्षमताएं नई ऊंचाई तक पहुंच गई हैं।
 
ऑपरेशन सिंदूर के बाद 'त्रिशूल' अभ्यास ने दिखाया कि भारतीय सेना वास्तव में एक शक्तिशाली और जटिल युद्ध परिस्थितियों को माने-बाने समझने में सक्षम है। यह अभ्यास हमारे सैनिकों और कर्मियों की दृढ़ता और समर्पण की कहानी है।
 
ऑपरेशन सिंदूर के बाद इस ‘त्रिशूल’ अभ्यास ने बहुत अच्छा दिखाया है 🤩। अगर हम अपनी तीनों सेनाओं को एकजुट करते हैं, तो हम कहीं भी जीतने वाले हैं। मुझे यह देखकर खुशी हुई, कि वायुसेना ने इतनी उड़ानें भरीं और नई तकनीकों का परीक्षण किया। इससे हमारी सेना की युद्धक क्षमताएं बढ़ गई हैं।

और सबसे अच्छी बात यह है कि इस अभ्यास में स्वदेशी सैन्य उपकरणों का भी सफल परीक्षण किया गया 🙌। थल सेना की नई ‘रुद्र ब्रिगेड’ ने ऑपरेशनल वैलिडेशन प्राप्त किया, जिससे हमारी सेनाओं की संयुक्त कार्रवाई की नई परिभाषा बन गई है।

नौसेना ने भी अपनी उभयचर क्षमताएं दिखाई और समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में सक्षम होने का रास्ता दिखाया। यह अभ्यास हमें बताता है कि अगर हम एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करें, तो हम कहीं भी जीतने वाले हैं। 🙌
 
मेरे दोस्त, यह ‘त्रिशूल’ अभ्यास में बहुत कुछ हुआ है... ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी हमने बहुत सुधार किया है। नई तकनीकों और विभिन्न युद्ध परिस्थितियों को देखने के लिए यह अभ्यास मुझे बहुत प्रभावित कर रहा है... 30,000 सैनिक और 25 युद्धपोत, यह तो बहुत ही बड़ा अभ्यास था... वायुसेना ने इतनी उड़ानें भरीं, यह जरूर देखना होगा।
 
मुझे लगता है कि लोग कभी-कभी अपने घरों की दीवारों पर विभिन्न प्रकार के खिलौने और चीजें लगाते हैं जो उन्हें याद दिलाते हैं। मेरी बेटी ने एक बार मुझसे कहा था कि वह अपने कमरे में एक पुरानी टीवी लगाना चाहती है और उस पर हमेशा ‘कश्मीरी गानों’ खेलना चाहती है। मैंने उससे कहा कि ठीक है, लेकिन तुम्हारे कमरे में जाने वाले दोस्तों को तुम्हारे संगीत पसंद नहीं आएगा। 😂
 
ऑपरेशन सिंदूर के बाद त्रिशूल अभ्यास ने बहुत अच्छा दिखाया, लेकिन मुझे लगता है कि यह अभ्यास केवल एक छोटे से हिस्से को दिखाता है। मुझे लगता है कि भारतीय सेना की पूरी ताकत और शक्ति को देखने के लिए हमें अधिक अभ्यासों की आवश्यकता होगी।

वायुसेना ने लगभग 1,450 उड़ानें भरीं, लेकिन मुझे लगता है कि यह संख्या बहुत कम है। मुझे लगता है कि हमें अपनी वायुसेना को और अधिक जटिल युद्ध परिस्थितियों में डालने की आवश्यकता होगी।

नौसेना ने समुद्री युद्धाभ्यास किए, लेकिन मुझे लगता है कि हमें अपनी नौसेना को और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता है। मुझे लगता है कि हमें अपने समुद्री उपकरणों को और अधिक उन्नत बनाने की आवश्यकता होगी।

मुझे त्रिशूल अभ्यास ने दिखाया कि भारतीय सेनाएं एकजुट होकर बहुत शक्तिशाली हो सकती हैं, लेकिन मुझे लगता है कि हमें और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।
 
बेटा, यह ‘त्रिशूल’ अभ्यास ने हिंदुस्तान की सेनाओं को और भी ज़्यादा मजबूत बनाया है। अगर हम अपनी सैनिक शक्ति और तकनीकी पूर्वाग्रहों को मिलाकर काम करें, तो हम विदेशी दुश्मनों के लिए बहुत बड़ी चुनौती प्रस्तुत करेंगे। लेकिन हमारी सबसे बड़ी चुनौती है अपने आप को बेहतर बनाना और हमारी सेनाओं में एकजुटता और समन्वय को बढ़ावा देना।
 
अगर ऑपरेशन सिंदूर के बाद ‘त्रिशूल’ अभ्यास ने हमें यह दिखाया कि सेनाओं में एकजुटता और तकनीकी समन्वय कितना महत्वपूर्ण है, तो यह बहुत अच्छी बात है। मैंने अपने दोस्त के चाचा जी ने सेवा करते समय कई युद्धों में भाग लिया, और उनकी कहानियाँ कभी नहीं भूली जातीं। उन्होंने हमेशा कहा था कि एक अच्छी सेना को सबसे ज्यादा समर्थन देना होता है, न कि उसकी ताकत या सशक्ति को कम करना। और अब यह ‘त्रिशूल’ अभ्यास ने यही सब्द बताया है 🙏
 
जी बhai, ये ‘त्रिशूल’ अभ्यास निकाल देना मुझे बहुत पसंद आ रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी हमने सीखा है कि जब हम तीनों सेनाओं को एक-दूसरे के साथ मिलाकर काम करते हैं, तो हमारी सेना खूबसूरत और मजबूत होती जाती है। इस अभ्यास ने दिखाया है कि हमें अपनी तकनीकी समन्वय और युद्धक क्षमताओं पर ध्यान देना चाहिए, ताकि हम विरोधी सेना को हराने में सक्षम बनें। और यह भी अच्छी बात है कि इस अभ्यास में हमने अपने स्वदेशी सैन्य उपकरणों का परीक्षण किया है, जिससे हमारी सेना को और अधिक सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।
 
त्रिशूल अभ्यास का परिणाम बहुत अच्छा रहा, और यह हमें एकजुट सेना की दिशा में आगे बढ़ने की शक्ति देता है 🙌। मुझे लगता है कि इस अभ्यास से हमारी सेनाओं को अपनी तकनीक और युद्धक्षमता को और भी मजबूत करने में मदद मिलेगी। वायुसेना ने इतनी उड़ानें भरीं! यह तो हमें बहुत गर्वाना है 😊। और स्वदेशी सैन्य उपकरणों का सफल परीक्षण भी एक बड़ी उपलब्धि है, यह हमारी तकनीकी रूपरेखा में सुधार करने में मदद करेगा।
 
अगर हमें अपनी सेना की जीत और सफलताओं पर गर्व करना है तो हमें इस ‘त्रिशूल’ अभ्यास में देखा जाना चाहिए। यह अभ्यास ने हमारी सेनाओं को एकजुट कर दिया है, अब वे एक-दूसरे के साथ मिलकर और भी बहुत बड़े से संघर्षों का सामना करने के लिए तैयार हैं।
 
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