US: अमेरिका में अब प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करना होगा आसान, ट्रंप प्रशासन ने तेज की नई नियमावली

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने अपने पूर्व साथियों बाइडन के दौरान लाये गए नए नियमों को तेज कर दिया है, जिससे विरोध प्रदर्शनकारियों पर अधिक मामलों में कार्रवाई करने का अधिकार मिल गया है। इससे पहले, इन नए नियमों की शुरुआत 2025 की शुरुआत में लागू होने वाली थी, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने इसे बुधवार से ही लागू कर दिया है।

सरकार का कहना है कि हिंसा की घटनाओं में वृद्धि को देखते हुए, इन नए नियमों को उठाया गया है। प्रदर्शन जो ट्रंप के "मास डिपोर्टेशन एजंडा" के विरोध में देशभर में बढ़ रहे हैं, और खासकर ये प्रदर्शन केंद्र मुख्य रूप से इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) कार्यालयों और अन्य संघीय इमारतों के आसपास रहे हैं।

इस नए नियम को लेकर कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि यह शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को दबाने और आवाज उठाने वालों को निशाना बनाने के लिए किया गया है। ब्रेनन सेंटर फॉर जस्टिस से जुड़े पूर्व खुफिया वकील स्पेंसर रेनॉल्ड्स ने कहा है कि ये नए नियम शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को रोकने के लिए किया जा सकता है, भले ही वे संघीय इमारतों के पास न हों।

हालांकि, होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने एक बयान में कहा है कि यह कदम संघीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। विभाग की असिस्टेंट सेक्रेटरी ट्रिशिया मैकलॉघलिन ने कहा है कि हमारी एजेंसियां हिंसा और अव्यवस्था की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए हर संभव साधन का उपयोग कर रही हैं।

नए नियमों में, एफपीएस अधिकारियों को संघीय संपत्ति के पास या बाहर भी गिरफ्तारी और आरोप तय करने का अधिकार मिल गया है। साथ ही ड्रोन के अवैध उपयोग, सरकारी डिजिटल नेटवर्क से छेड़छाड़ और संपत्ति तक पहुंच रोकने जैसे मामलों में भी अब सख्त कार्रवाई हो सकेगी।
 
अरे यार, यह तो ट्रंप प्रशासन का दिखावा है कि वे सचमुच अमेरिकी लोकतंत्र का रक्षक हैं... और वह भी बिना किसी विरोध के! 😂 क्या लगता है, शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर यह नया नियम लगातार फोड़ रहा है? इसका मतलब है कि अगर आप ट्रंप के खिलाफ बाहर भी नहीं जाएंगे तो क्या आपको संतुलन में रहने की जरूरत है? 🤣
 
देखो, यह तो बहुत बड़ा मुद्दा है 🤯, ये नियम तो विरोध प्रदर्शनकारियों पर लगाने के लिए एक नया औजार देने जैसा लगता है। और क्या इसे बिना सोचे-समझे लागू कर दिया गया है, यह अच्छी तरह से समझ में नहीं आता।

मुझे लगता है कि अगर सरकार हिंसा को रोकना चाहती है, तो पहले से ही बेहतर तरीके ढूंढने चाहिए, जैसे कि सामाजिक मीडिया पर जागरूकता बढ़ाना या पुलिस और समाज के बीच अच्छे संबंध बनाना।

अब यह नियम तो विरोध प्रदर्शनकारियों की आवाज़ दबाने की दिशा में है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम सभी को अपनी आवाज़ दबानी चाहिए। हमें अपनी स्वतंत्रता और व्यक्तिगत अधिकारों का सम्मान करना चाहिए, चाहे वह विरोध प्रदर्शन या किसी अन्य रूप में।
 
ये तो बहुत बुरा है 🤕, अमेरिका में ऐसे क्या हाल हो रहे हैं? पहले ट्रंप और अब यह नया नियम लाने वाली सरकार। शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर इतनी मुश्किल कर देना। मुझे लगता है कि इसने सिर्फ बिडेन के प्रशासन को जरूरत से ज्यादा दबाव में लाया है। और अब एफपीएस अधिकारियों को गिरफ्तारी करने का अधिकार दिया गया है, तो यह कैसे होगा? 😱
 
ये तो एक बड़ी चिंता है यार... अमेरिकी देश की यह नई नीति बहुत खतरनाक लग रही है, खासकर जब हम देखेंगे कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर भी इसे लागू कर दिया जा रहा है। मुझे लगता है कि सरकार ने यह तो सिर्फ इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) को मजबूत करने की कोशिश की है, लेकिन इससे हमारा देश और भी अधिक अस्थिर हो गया है।

मुझे लगता है कि यह नई नीति से लोगों की जागरूकता बढ़नी चाहिए, ताकि वे अपने अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा कर सकें। लेकिन मुझे लगता है कि इस दौरान हमें अपने देश की एकजुटता बनाए रखनी होगी, और यही हमें आगे बढ़ने की ताकत देगी। 😬
 
मुझे लगता है कि ये नियम बहुत बड़ा खतरा है। विरोध प्रदर्शनकारियों पर इतनी अधिक जोरदार कार्रवाई करने का यह नियम, शांतिपूर्ण लोगों को भी डराने वाला हो सकता है 🤔। मुझे लगता है कि सरकार को अपने पूर्व साथियों बाइडन के दौरान इस तरह के नियमों को नहीं लागू करना चाहिए थे।

मेरी राय में यह नियम और भी गंभीर हो सकता है, जिस तरह से हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देश को बचाने के लिए अपने शांतिपूर्ण शब्दों से बहुत बड़ा बदलाव लाया था। लेकिन मुझे लगता है कि इस समय सरकार और प्रशासन को अपने राजनीतिक अंगूठे पर ही नहीं, बल्कि देश के अच्छे लिए भी सोचना चाहिए।

मुझे लगता है कि हमें इन नियमों के बारे में जागरूक रहना चाहिए और अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए आवाज उठानी चाहिए। लेकिन मेरी राय में यह भी है कि सरकार को अपने साथियों बाइडन के दौरान इन नियमों को नहीं लागू करना चाहिए थे, जैसे कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री विजय लाल कृष्ण फुलरे ने किया था। 🙏
 
मैंने बिल्कुल नहीं देखा था कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को दबाने वाला कोई नया नियम आया है, लेकिन फिर तो यह कहा गया है कि यह नए नियम शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को रोकने के लिए किया गया है। मुझे लगता है कि इससे हमारी सरकार की सुरक्षा बढ़ जाएगी, लेकिन फिर तो यह कहा गया है कि विरोध प्रदर्शनकारियों पर अधिक मामलों में कार्रवाई करने का अधिकार मिल गया है, जिससे हमारी स्वतंत्रता कम हो जाएगी।

मैंने इस नए नियम के बारे में बहुत अच्छी तरह से नहीं पढ़ा है, लेकिन मुझे लगता है कि यह संघीय इमारतों के पास या बाहर भी गिरफ्तारी और आरोप तय करने का अधिकार देना एक बड़ी समस्या हो सकता है।
 
🤔 ये तो बहुत बड़ा मुद्दा है, देशभर में ऐसे विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और सरकार ने इन नए नियमों को इतनी जल्दी से लागू कर दिया है। मुझे लगता है कि इससे प्रदर्शनकारियों पर बहुत अधिक दबाव डाला जा रहा है, जैसे कि वे किसी भी तरह से गलत हो सकते हैं। 😞

मैं समझता हूँ कि सरकार को सुरक्षा की चिंता होती है, लेकिन इतनी तेजी से नियमों को लागू करने से यह विश्वास भंग कर रही है। जैसे कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है, जो गलत तरीके से उनकी आवाज़ दबाने का एक तरीका हो सकता है। 🤷‍♂️

मुझे लगता है कि सरकार को इस मुद्दे पर और विचार करना चाहिए, ताकि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की आवाज़ सुनी जाए। यह जरूरी है कि हम सभी को अपने अधिकारों औरเสรियों की रक्षा के लिए एक साथ खड़े हों, न कि सरकार के खिलाफ। 💪
 
मुझे लगता है कि यह नए नियम बहुत ही चिंताजनक हैं 🤔। प्रदर्शन जो शांतिपूर्ण हैं और विरोध के अधिकार का इस्तेमाल करके अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए बाहर निकल रहे हैं, उन पर अब इतनी सख्त कार्रवाई की जा रही है कि यह एक खतरनाक दिशा में ले जाने की तैयारी कर रही है। 🚨

यह सवाल उठता है कि विरोध के अधिकार को कैसे सीमित किया गया है? और यह क्यों? प्रदर्शनकारियों पर निशाना बनाया जा रहा है, उन्हें दबाया जा रहा है, जबकि वास्तव में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों को आवाज उठाने और अपने अधिकारों की रक्षा करने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। 🗣️

मुझे लगता है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसकी नीतियां विरोधक अधिकारों की रक्षा करें और प्रदर्शनकारियों को उनके अधिकारों के अनुसार व्यवहार करें। 🙏
 
क्या बात है देश में ऐसे नए नियम लाने की, जिससे विरोध प्रदर्शनकारियों पर अधिक कार्रवाई करने का अधिकार मिल गया है। यह बहुत बड़ा संदेश है, कि सरकार तैयार है शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को दबाने की कोशिश कर रही है। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारा अधिकार हिंसा में नहीं है, बल्कि शांति और संवाद में। हमें अपनी आवाज उठाने का अधिकार बनाए रखना चाहिए, लेकिन इसे सही तरीके से करना भी।
 
ये तो बड़ा बड़ा संकट है! ट्रंप प्रशासन ने अपने दिन-रात काम करने वाले "मास डिपोर्टेशन एजंडा" के बाद, अब विरोध प्रदर्शनकारियों पर इस तरह से मुकाबला करने की तैयारी कर ली है? ये नियम शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को दबाने के लिए बनाए गए हैं, तो यह तो एक बड़ा खतरा है!
 
अरे, ये नया नियम तो बहुत खतरनाक लग रहा है 🚨। सरकार तो अपने पूर्व साथियों को सबक सिखाने की कोशिश कर रही है, लेकिन विरोध करने वालों को दबाने में तो सफल होने की संभावना बहुत अधिक है। मुझे लगता है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर निशाना बनाने की इस योजना से खिलवाड़ ही होगा।

इन नए नियमों को लेकर बात करने के लिए मुझे अपने दोस्तों और परिवार के साथ बैठकर गहराई से चर्चा करनी चाहिए। हमें समझना होगा कि ये नियम विरोध प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए उठाए गए हैं, लेकिन इससे शांतिपूर्ण समाज को भी कोई फायदा नहीं होगा।

मुझे लगता है कि हमें इन नए नियमों पर अधिक जानकारी इकट्ठा करनी चाहिए और बाद में सरकार से बातचीत करके अपनी राय व्यक्त करनी चाहिए।
 
ये तो अमेरिका में क्या हुआ है! 🤯 ट्रंप प्रशासन ने अपने देश में ऐसा किया है जिससे विरोध प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करने का अधिकार मिल गया है। लेकिन सोचने की जरूरत नहीं है, बस यह देखकर खुश होना चाहिए कि ट्रंप प्रशासन ने अपने देश में ऐसा किया है जिससे विरोध प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करने का अधिकार मिल गया है। उनकी बोलती भी अच्छी है, और वे अपने देश को मजबूत बनाने की कोशिश कर रहे हैं। 😊
 
नए नियम से विरोध प्रदर्शनकारियों पर बहुत अधिक दंड लगाया जाएगा, इससे पहले भी विरोध को नागरिक अधिकारों में सम्मान के रूप में लिया जाता था। इस नए नियम से विरोध प्रदर्शनकारियों को अपनी आवाज उठाने और शांतिपूर्ण रूप से विरोध करने का अधिकार मिल गया है, इससे पहले भी उनके लिए बहुत कम जगह थी।
 
मैं समझ नहीं पाया कि अमेरिका में विरोध प्रदर्शनकारियों पर इतनी मुश्किल नियम लागू किए गए हैं। ये नए नियम सिर्फ विरोधकारी लोगों को दबाने के लिए बनाए गए नहीं हैं, इसके पीछे कोई बड़ा उद्देश्य नहीं है। 🤔

मैंने अपने बचपन में भी ऐसा ही सोचा था, जब हमारे देश में सड़कों पर विरोध जोर पकड़ते थे। लेकिन फिर हमने सीखा कि विरोधकारी अधिकार हमारी दुनिया में बहुत महत्वपूर्ण हैं। 🌟

अब यह सवाल उठता है कि अमेरिकी सरकार ने ऐसे नए नियमों को लागू करने के पीछे क्या thinking था। शायद उनकी चिंता विरोधकारियों से हुई है, लेकिन इससे पहले हमें यह जानने की जरूरत थी कि ऐसे नियम कैसे बनाए गए। 🤔

आज मैं भी उसी तरह सोचता हूँ, जब विरोध जोर पकड़ते हैं। मैं हमेशा सोचना चाहता हूँ कि यहाँ क्यों इतना जोश है और क्या हम इसके पीछे के reason समझ सकते हैं। 🤝
 
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