हिमाचल के मैदानी इलाकों में बढ़ी ठंड: सामान्य से 6 डिग्री कम हुआ पारा; 12 शहरों में 5 डिग्री से नीचे लुढ़का तापमान - Shimla News

हिमाचल प्रदेश में ठंडी हवाएं चलने लगीं, नीचे इलाकों में तापमान बेहद गिर गया। राज्य के 27 शहरों में सामान्य से 5-6 डिग्री कम हुआ पारा, जिनमें अधिकांश मैदानी इलाकों से जुड़े थे।

पहाड़ों पर अच्छी बारिश-बर्फबारी नहीं होने पर मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों से तापमान मैदानी इलाकों में कम होता जा रहा है। शिमला में बीती रात को न्यूनतम 9 डिग्री तक गिर गया, जबकि ऊना में 8.3, कांगड़ै में 5.8, मंडी में 5.7, हमीरपुर में 5.8, और पालम्पुर में 4.5 डिग्री तक कम हो गया। सोलन ने 3.0, मनाली ने 2.7 डिग्री सेल्सियस का रिकॉर्ड बनाया।

प्रदेश के 12 शहरों में तापमान 5 डिग्री से कम हुआ। खासकर ऊंचे इलाकों में ठंड बढ़ रही है, वहीं मैदानी इलाकों में भी गिरावट देखी गई। नाहन का रात का तापमान 8.4 डिग्री, पालम्पुर का 4.5, और सोलन का 3.0 डिग्री तक कम हो गया।

एक सप्ताह तक ठंडी हुई है। खासकर ऊंचे इलाकों में रात का तापमान कम रहेगा। कुल्लू, लाहौल-स्पीति जिला और केलांग में तापमान माइनस 6.9 डिग्री, -4.1, और -6.6 तक गिर गया।

इसके अलावा, मंडी और बिलासपुर में आज छाया कोहरा है, जिससे विजिबिलिटी कम रही।
 
बहुत ठंड लग रही है इस वर्ष, तापमान इतना गिर गया है कि ये ठंड नहीं लगती है 🥶 मैदानी इलाकों में भी इतनी ठंड हो गई है कि सुबह उठकर खुद को गर्म कपड़े पहनना पड़ता है। पिछले वर्ष यहाँ तापमान इतना गिर गया था, लेकिन इसकी जास्ती नहीं थी। मुझे लगता है कि ठंड का मौसम ऐसा ही चलेगा, और अगर न्यूनतम तापमान धीरे-धीरे कम होता जाता, तो यह बहुत ही बड़ी समस्या बन सकता है।
 
ठंड का यह अंधाधुन मैदानी इलाकों पर भारी प्रभाव डाल रहा है... तापमान इतना नीचे गया है कि लोग बाहर घूमने निकल नहीं पा रहे हैं... सोलन और मनाली जैसे शहरों में तापमान इतना कम गया है कि यहां के लोग बिस्तर पर ही रहने की हिम्मत कर रहे हैं...
 
बहुत तेजी से ठंड लग गई है 🥶 यह पूरा प्रदेश अपने आप में ठंडा हो गया है। शिमला जैसे पहाड़ी शहरों में सुबह की छाया कोहरा है, इससे घूमने-फिरने का मजा नहीं मिल रहा। रात को कम तापमान होने पर भी बीमारी फैलती है। क्या गर्मी वापस आने की उम्मीद है? 🤔
 
नहीं, यह ठंड तो खराब नहीं है 😊, लेकिन क्या थोड़ी देर से अच्छी बारिश नहीं आएगी, फिर इलाकों में तापमान फिर से बढ़ जाएगा? 🤔 पहाड़ों पर ठंड तो जरूर होनी चाहिए, लेकिन कुछ समय भी आराम न देना चाहिए।
 
क्या ठंड बहुत बढ़ गई है 🥶 मैंने सुना है कि शिमला में तापमान 9 डिग्री तक गिर गया, वहीं मनाली ने 2.7 डिग्री बनाया। यह तो बहुत ठंड है, मुझे लगता है कि इलेक्ट्रॉनिक्स की बात करें, तो अब हमें बैटरीज और लैपटॉप को साथ लेकर घूमना होगा, नहीं तो तापमान कम होने पर इन चीजों में बिजली निकल जाएगी! 😬
 
ठंडी हवाएं चलने लगीं, लेकिन इसके पीछे क्या कारण है? मुझे लगता है कि इससे पहले भी इस तरह की ठंड के दिनों को देखा जा चुका है, लेकिन अब तो यह बहुत अधिक हो रही है। पहाड़ों पर अच्छी बारिश-बर्फबारी नहीं होने पर तापमान में गिरावट आ रही है... इसी तरह की घटनाएं पहले भी देखी जा चुकी थीं, लेकिन अब यह बहुत अधिक हो रही है।
 
ठंडी हवाएं चलने लगीं, पूरे राज्य में तापमान बदल गया। लेकिन ये सवाल उठता है कि ठंड की वास्तविकता क्या है? क्या यह बस मौसम की बात है, या इसके पीछे कुछ और भी हो सकता है। हम तो अक्सर अपने आसपास की चीजों को नकारात्मक दृष्टि से देखते हैं, लेकिन ठंड को नहीं केवल सकारात्मक मानें, बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं।

क्या हमें यह नहीं समझना चाहिए कि ठंड के समय तापमान कम होता है, लेकिन मानसिक स्थिति कैसे बदल जाती है? ठंडी हवाएं चलने लगीं, फिर दिमाग में क्या गूंज रही होगी।
 
ठंडी हवाएं चलने लगीं, लेकिन क्या यह ठंडी हुई है या बस हमारे घरों की ठंडी परत से निकल आई? मैंने देखा है कि तापमान 5 डिग्री कम हो गया, लेकिन ऊंचाई बढ़ने से क्या फरक पड़ता है? तो क्या हमें पता है कि तापमान कितना हुआ? और याद रखें, छाया कोहरा है, जिससे विजिबिलिटी कम रही, तो कैसे पता चलेगा कि किस इलाके में कितनी ठंड हुई? 😐
 
बात तो यह है कि हर साल एक-एक मौसम बदलने लगता है। ठंडी हवाएं चलने लगीं, लेकिन पूछिए तो क्या यह प्राकृतिक है? या फिर कुछ और? राज्य के 27 शहरों में तापमान कम हुआ, लेकिन क्या हमें लगता था कि हमारे पास इतनी ठंडी हवाएं चलने लगेंगी? यह तो सोच लेना चाहिए कि कुछ बड़े खेल चल रहे हैं, और हम मात्र खिलौनों के खिलाड़ी हैं 😏.

मैं कहता हूं, पहाड़ों पर अच्छी बारिश-बर्फबारी नहीं होने पर मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों से तापमान मैदानी इलाकों में कम होता जा रहा है। यह तो एक अजीब सा नियम लगता है, जैसे कि कोई बड़ा प्रयोग चल रहा हो। और फिर, शिमला में 9 डिग्री तक गिर गया, ऊना में 8.3, कांगड़ै में 5.8... यह तो एक अजीब सी गणना है। क्या हमें लगता था कि हमारे पास इतने सटीक तापमान की जानकारी है? 🤔
 
बात तो ऐसी लग रही है कि पृथ्वी खुद को ठंडा करने की कोशिश कर रही है। ठंड से हमारे आसपास का प्राकृतिक दृश्य और भी खूबसूरत हो जाता है, जैसे शिमला में न्यूनतम 9 डिग्री तक गिर गया तो वहाँ की झीलें और पहाड़ों की चोटियाँ अब और भी रंगीन दिख रही हैं। और बारिश-बर्फबारी नहीं होने पर मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों से तापमान मैदानी इलाकों में कम होता जा रहा है तो अब वहाँ के हरे-भरे खेत और पहाड़ की हरियाली दिखने लगी है।
 
मुझे ये ठंड लगने लगी तो क्या करूँ? 😅 पहाड़ों पर अच्छी बारिश-बर्फबारी नहीं होने पर मैदानी इलाकों से तापमान कम होता जा रहा है, यह तो एक बड़ा मुद्दा है। शिमला, कांगड़ै और मनाली जैसे शहरों में तापमान गिरने पर लोगों को खत्म करने देना चाहिए, ठंड में खाना खाते समय भी यह नहीं होता। 🥘

कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिला में तापमान बहुत कम हुआ है, यहां का ठंड लगने से पहले सिर्फ पहाड़ी ट्रेकर्स ही खुश होंगे। लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने दें, इससे हमारी खुशियाँ बढ़ेंगी। 🏂

लेकिन एक बात तय करनी है यह, कि जितना जल्दी उत्तर भारत में ठंड लगे, वहां के लोगों को पहले से ही खाना तैयार करना पड़ता। इससे उनकी देखभाल की जाए।
 
ठंडी हवाएं चलने लगीं तो सारा शहर ठंडलपटा हो गया। मैं शिमला में रहता हूँ और रात को न्यूनतम 9 डिग्री तक गिर गया, ये तो बहुत ठंड है मुझे खुशी हुई। लेकिन इन ठंडी हवाओं से पहाड़ों की बारिश-बर्फबारी नहीं होने पर मैदानी इलाकों में तापमान कम होता जा रहा है, यह अच्छा नहीं होगा।
 
ठंड की आड़ mein rahna nahi chalta! mere bhai-bahenon ke liye, hamare pahadon mein bahut acchi baarish-barfi hui thi, lekin ab to bas mausam nahi hai. shimla aur kinara kiyaan mein thandi kuchh saari jagti hai, toh humein apne gharo ko band kar dena chahiye.

aur kya ye batai raha hai, kinara kiyaan mein kaunse log jaakar aaye hain? toh unka bhi bahut accha maza le sakta hai. maine socha hai ki ham yeh baat sahi se samajhein, kyunki humare pahadon ko nahi hi mausam hi bahut jaroorat hai.
 
क्या ठंड बहुत तेज चल रही है 🥶 पूरा राज्य मैदानी इलाकों से ऊंचाई वाले इलाकों की तरह ही ठंड लग रहा है। शिमला और मनाली जैसे पहाड़ी शहरों में बर्फबारी नहीं होने पर भी तापमान बहुत कम हो गया। सोलन और नाहन जैसे शहरों में रात का तापमान नीचे गिर गया, इसका मतलब है कि अगले सप्ताह भी ठंडी ही रहेगी।
 
ठंडी हवाएं चलने लगीं, लेकिन यह तो खुशियों की बात नहीं है... पहाड़ों पर अच्छी बारिश-बर्फबारी नहीं होने पर तापमान में गिरावट आ रही है, जैसे कि हमारा राज्य। शिमला, मनाली, और सोलन जैसे शहरों में ठंड पैदा करने वाली हवाएं चलने लगीं...
 
बिल्कुल सही कि ये ठंडी हवाएं हमारे राज्य को खूब नुकसान पहुंचा रही हैं। मैंने भी अपने घर के बाहर जाकर देखा तो बहुत ठंड थी। शिमला से लेकर मनाली तक यह ठंड इतनी ही नहीं है, लेकिन फिर भी हमें सावधान रहना चाहिए। मैंने अपने परिवार को अच्छे-अच्छे कपड़े पहनकर देखा है और उन्हें गर्म पेय खिलाया है।
 
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