हाउस नंबर-150 में 5 कमरे, 66 वोट: राहुल ने वोट चोरी में इसका जिक्र किया; होडल में BJP की सफाई- कुनबे के 150 वोट, पता एक - Faridabad News

राहुल गांधी ने होडल में एक घर के पते पर 66 वोट बताए, लेकिन इस घर में करीब 200 लोग रहते हैं और इनमें से हर कोई वोट बनाता है |

इस घर का पता गांव गुदराना में है, जहां भाजपा नेता उमेश गुदराना रहते हैं जो वर्तमान में जिला परिषद के वाइस चेयरमैन हैं |

उमेश गुदराना ने कहा, 'हमारे परिवार से दिवंगत रमेश गुदराना 2004 में गांव के सरपंच बने। इसके बाद वह पलवल शुगर मिल के डायरेक्टर रहे।'

उसके परिवार में तीन पीढ़ियों के लोग हैं, जिसमें उनके दादा 4 भाई थे, उनके पिता के 9 भाई हैं और बाकी तीनों दादा के भी आगे औलाद हैं।

पूरे कुनबे में वोट बनाने के लिए एक पता है और सभी लोग इसी पते पर रहते हैं। उमेश गुदराना ने कहा, 'कोई ताया-चाचा है, कोई भाई-भतीजा।'

उन्होंने यह भी बताया, कि वर्तमान में वह जिला परिषद के वाइस चेयरमैन हैं और साल 2022 में उन्होंने अहमद को हराकर जिला परिषद का चुनाव जीता था।

बीएलओ ने कहा, 'नए वोट में पुराने घर का रेफरेंस नंबर डाला गया है।'
 
मुझे ये बात बहुत दुखद लगी कि गांधीजी को यह सोचकर वोट देना पड़ा कि एक छोटे से घर में तीन पीढ़ियों तक लोग रहते हैं और उनसे प्रत्येक वोट बनाया जाता है 🤕

कैसे ऐसा हो सकता है? यह तो कोई मजाक नहीं है, यह सच्चाई है। मुझे लगता है कि हमें अपने देश की गहराई से समझने की जरूरत है और लोगों की जिंदगी को समझने की जरूरत है।

मैं उमेश गुदराना के बारे में बहुत आश्चर्यचकित हूँ, वह तो एक सच्चा नेता होना चाहिए। लेकिन यह सब भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है। हमें ऐसी बातों से दूर रहना चाहिए और सच्चाई को पहचानना चाहिए 🙅‍♂️
 
बस यह तो बहुत बड़ा मुद्दा है 😒। क्या बोलिए, एक घर में 200 लोग रहते हैं और प्रत्येक व्यक्ति अपना मत बनाता है? यह तो सरकार की छापाकी छापताली स्ट्रेटजी की तरह लग रही है। हमें पता नहीं चलेगा कि वोट कैसे गिनाए जा रहे हैं और क्या ये सब पूरी सच्चाई है? 🤔
 
इस तरह की गड़बड़ी तो और भी बढ़ जाएगी। 200 लोगों के परिवार में एक पता और सभी वोट बनाते हैं... यह तो किसान की खरीद-फरोख्त से भी बदतर है। चुनाव में ईमानदारी और न्याय का खेल कौन कर रहा है? 🤔
 
अरे भाई, यह तो बहुत बड़ा मामला है | यहाँ पर दिख रहा है कि कैसे लोग वोट बनाते हैं और फिर उसी पते पर पुराने घर का रेफरेंस नंबर डालते हैं | यह तो एक बहुत बड़ा भ्रष्टाचार का मामला है | लेकिन देखिए, उमेश गुदराना ने कहा है कि उनके परिवार से दिवंगत रमेश गुदराना 2004 में गांव के सरपंच बने, यह तो एक अच्छी बात है | लेकिन फिर भी, यहाँ पर पूरे कुनबे में वोट बनाने के लिए एक पता है और सभी लोग इसी पते पर रहते हैं | यह तो एक बहुत बड़ा संदेह है | और उमेश गुदराना ने कहा है कि वह जिला परिषद के वाइस चेयरमैन हैं और साल 2022 में उन्होंने अहमद को हराकर जिला परिषद का चुनाव जीता था, यह तो एक अच्छी बात है | लेकिन फिर भी, यहाँ पर नई नियमधारा के तहत नए वोट में पुराने घर का रेफरेंस नंबर डालने से बहुत बड़ा समस्या हो सकती है, यह तो एक बहुत बड़ा राजनीतिक मुद्दा है |
 
ये तो एक खेल है कि लोग वोट बनाते हैं | गांव में 200 लोग रहते हैं और सब एक साथ वोट बनाते हैं | यह तो एक बड़ा झगड़ा है कि राहुल गांधी ने गलत पता बताया है | लेकिन यह भी सच है कि उमेश गुदराना जैसे लोग वोट बदलने का तरीका सीख गए हैं | और क्या हमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए जब दिवंगत रमेश गुदराना 2004 में सरपंच बनकर शुरुआत कर देते हैं | यह तो एक बड़ा झगड़ा है कि उनकी पूरी परिवार औलाद एक साथ रहती है |
 
क्या ये सच है कि हमारे पास इतनी सी झूठी ताकत है? एक पते पर 200 लोग रहते हैं और सभी वोट बनाते हैं... यह तो जादू से नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि हमारे पास चोरियों की लोकल किट है। कौन है सच्चा? यानी बीएलओ या वोट बनाते दोस्त? 🤔
 
ये तो बस मजाक है! गांधी जी या फिर उनके परिवार किसी भी पते पर वोट बनाते हैं और लोग आसानी से इसमें शामिल हो जाते हैं।

क्या यह कैसे हो सकता है कि एक घर में 200 लोग रहते हैं और हर कोई वोट बनाता है? यह तो बस पार्टी की नीति है, हमेशा से ऐसा ही था।

मेरी बात मानिए, अगर मेरे दोस्त का पता है तो वह 100 लोगों के ग्रुप में शामिल होते हैं और हर कोई उनका वोट बनाता है। यह तो एक बड़ा खेल है!

क्या हमारी पार्टियां सचमुच ऐसी नीति अपनाती हैं? क्या लोगों को पता है कि उनके वोट कैसे चलाए जाते हैं? यह तो एक बड़ा सवाल है।

लेकिन, मुझे लगता है कि हमारी पार्टी में ऐसी चीजें होती हैं, जिनके बारे में लोगों को पता नहीं होता। बस इसलिए कि यह राजनीतिक हिसाब-चालस है। 🤔
 
यह तो बहुत ही दिलचस्प बात है | ये घर कुनबे की तरह है, जहां परिवार के सभी लोग एक पते पर रहते हैं और हर कोई वोट बनाता है | उमेश गुदराना जी ने यह बताया है कि उनके परिवार से दिवंगत रमेश गुदराना 2004 में गांव के सरपंच बने और उसके बाद वह पलवल शुगर मिल के डायरेक्टर रहे | यह तो बहुत ही रोमांचक है कि एक परिवार के लोग इतने सारे पदों पर हैं और वे सभी एक पते पर रहते हैं |

लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उमेश गुदराना जी ने बिल्कुल भ्रष्टाचार किया है | उन्होंने अपने साल 2022 में जिला परिषद का चुनाव जीता था और वर्तमान में वह जिला परिषद के वाइस चेयरमैन हैं | लेकिन यह तो एक सवाल उठाता है कि क्या उन्होंने अपने परिवार के साथ मिलकर मतदान किया था या फिर केवल उनके परिवार के सदस्यों ने वोट बनाया था |
 
मैंने देखा है कि बीएलओ ने फिर से ऐसी गलती कर दी है जिससे चुनावी मामलों में कुछ लोग गड़बड़ी करते रहते हैं। यह पता कैसे लगता है कि एक घर में 200 लोग और भी कई वोट बनाते हैं? यह तो किसी भी राजनीतिक दल या नेता की जीत-हार से पूरी तरह से बिल्कुल नहीं है। 🤔
 
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