‘ये काम तेजस्वी कर सकते हैं, हम नहीं’, दूसरे चरण की वोटिंग से पहले ऐसा क्यों बोले राजनाथ सिंह?

बिहार में एनडीए के नेतृत्व में चल रहे चुनाव में भ्रष्टाचार के आरोप पर जमकर विरोध हो रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार (9 नवंबर, 2025) को गोह में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए भ्रष्टाचार के आरोप पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'महागठबंधन के कई नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं, वे जेल की हवा खा चुके हैं.'

उन्होंने आगे कहा, 'क्या विपक्ष में कोई दूसरा ऐसा नेता नहीं है जिसके नेतृत्व में यह महागठबंधन चुनाव लड़ सके?' उन्होंने कहा, 'हमारे गठबंधन नेतृत्वकर्ता पर ऐसा कोई आरोप नहीं है।' राजनाथ सिंह ने कहा, 'हम लोगों ने जो संकल्प पत्र जारी किया है, वह मात्र घोषणा नहीं, अटल प्रतिज्ञा है। हमने जो कहा है उसे पूरा भी किया है।

उन्होंने साफ शब्दों में कहा, 'हम लोग गलत करेंगे नहीं और कोई गलत कर रहा हो तो चुप भी नहीं बैठेंगे। यह एनडीए का चरित्र है। राजनीति में शुचिता होनी चाहिए। कहने और करने में कोई अंतर नहीं होना चाहिए.'
 
अरे, ये तो बहुत बड़ी बात है! राजनाथ सिंह जी ने कह दिया है कि महागठबंधन के कई नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं... लेकिन क्या उनकी पार्टी ने इन आरोपों का जवाब दिया है? और क्या एनडीए के नेतृत्व में चल रहे यह चुनाव वास्तव में शुद्ध थे? 🤔

मुझे लगता है कि राजनाथ सिंह जी ने अपने बयान में बहुत अच्छा खेल खेला है, लेकिन सच्चाई को छुपाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। हमें यह जानने की जरूरत है कि क्या उनकी पार्टी ने इन आरोपों पर वास्तव में कोई जवाब दिया है? और क्या उन्होंने अपने बयान में कोई सच्चाई छुपाई हुई? 🤷‍♂️
 
क्या सच्चाई तो दिखने से भी बचती है? बिहार में एनडीए नेतृत्व वाले चुनाव में भ्रष्टाचार के आरोप पर विरोध हो रहा है, लेकिन राजनाथ सिंह जी ने ऐसा दिखाया है कि विपक्ष में कोई ऐसा नेता नहीं है जिसके पास उनकी तुलना में अपनापन हो। उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए का चरित्र शुचिता होना चाहिए, लेकिन विरोध करने वाले लोग शांति से नहीं रह सकते। सरकार ने जो संकल्प पत्र जारी किया था, वह अब तक खुद पूरा नहीं कर पाई है। क्या सच्चाई तो दिखने से भी बचती है? 🤔
 
राजनाथ सिंह ने ये बातें सचमुच बड़ी भावना से कही, परंतु यह सवाल बनता है कि क्या उनकी पार्टी को अपने लोगों के दिलों में एक जगह रखने का मौका मिल गया है? बिहार के लोगों ने अपना संकल्प पत्र पढ़ा और अब उनका इंतजार थोड़ा बढ़ गया।
 
यह तो पूरा मजाक है कि राजनाथ सिंह ने अपने खेल को फिर से चलाया है। उन्होंने महागठबंधन पर आरोप लगाने में शामिल होने वाले लोगों की जगह एनडीए के अपने नेताओं पर आरोप लगाने वाले लोगों को देखकर आश्चर्यचकित होना चाहिए। लेकिन यह तो उनकी बात नहीं है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पार्टियां अपने नेताओं को सजा देने के लिए तैयार हों और विरोध में खड़े हों। 😂👎
 
ਬੀਜੇ ਕੋਈ ਨਹੀਂ, ਯਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਲੱਗ ਸਕਦੀ ਹੈ ਕਿ ਤਰਸ ਵਿੱਚ ਉਭਰ ਕੇ ਬੋਲਣਾ ਛੋਟਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ। 🙄

ਅਸੀਂ ਕਦੇ ਵੀ ਰਾਜ-ਮੰਤਰੀ ਬਣੇ, ਨਹੀਂ ਲੋਕਾਂ ਲਈ ਭਲਾ ਕੀਤਾ। ਚਿਪਕਦੀ ਮਸ਼ਹੂਰੀ ਵਿੱਚ ਆਏ ਉਨ੍ਹਾਂ ਗੱਲਾਂ ਤੋਂ ਬਿਨਾ ਭਰੋਸਾ ਕਿਉਂ ਕਰੇਂ? 🤔

ਮੈਨੂੰ ਖ਼ਾਲੀ ਵੱਲ ਦੇਖਣ ਨਾਲ ਸੌਬਹਾਦ ਜੋੜਨੀ ਪੈਂਦੀ ਹੈ।
 
Back
Top