BJP ने चुराया पूरा चुनाव, हमारे 80% फॉर्म किए रिजेक्ट; कांग्रेस ने लगाया बड़ा आरोप

चुनावी भ्रष्टाचार का नया मोड़! बीजेपी ने चुनाव में दूसरों को बाधा डालने का तरीका खोज लिया है। 13 अक्टूबर को दी गई डॉक्यूमेंट्स की लिस्ट के बाद, लोग अपने फॉर्म जमा करने के लिए स्टेशन पहुंचे, लेकिन वहां कहा गया कि उनकी ट्रेनिंग में चल गए हैं। ऐसा लगता है कि पार्टियों ने चुनावी भ्रष्टाचार को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।

कांग्रेस ने इस मामले में बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि पीड़ित लोगों ने अपने फॉर्म भरने की कोशिश की, लेकिन उनको रिजेक्ट कर दिया गया। ऐसा करने से पहले भी कई लोगों के फॉर्म चोरी हो गए थे, जैसे पुराने फॉर्म में गलत जानकारी भरने के बाद। यह एक बड़ा साजिश है, जिसमें दोनों पक्ष शामिल हैं।

चुनावी भ्रष्टाचार का यह तरीका वास्तव में चुनावी प्रक्रिया को कमजोर कर रहा है। लोगों को यह महसूस होता है कि उनके मत को कोई महत्व नहीं देता, जिससे चुनावी भागीदारी कम हो सकती है।
 
ये तो बहुत ही निराशाजनक बात है 🤕। ऐसा लगता है कि पूरे प्रक्रिया में लोगों का ध्यान खोने की संभावना है। शायद सरकार द्वारा इस तरह की योजनाएं बनाई जा रही हैं ताकि हमेशा किसी न किसी को कमजोर कर दिया जा सके। लेकिन जब तक हम अपने अधिकारों के लिए नहीं आवाज़ उठते, तब तक इस तरह की बातचीत कभी समाप्त नहीं होगी।
 
मुझे लगता है कि ये सब तो एक बड़ा साजिश है, जिसमें किसी की भी गन्दगी शामिल है। पार्टियां एक दूसरे पर घेराव में खेलती रहती हैं और लोगों का नुकसान करती रहती हैं। यह चुनावी प्रक्रिया को खोखला कर रहा है और लोगों को मतदान करने के लिए मजबूर नहीं कर पा रही है। मुझे लगता है कि पीड़ित लोगों को अपने अधिकारों के लिए लड़ने की जज्बा जरूरी है, न कि दूसरों की गंदगी सुनने की।
 
बात तो बहुत ही गंभीर है... पार्टियों ने फिर से अपना हाथ मिलाकर कुछ ऐसा किया है जिससे आम आदमी परेशान होता है। चुनावी भ्रष्टाचार का यह तरीका वास्तव में लोगों को दूसरों की मदद करने से रोक रहा है, न कि पार्टियों को अपने लक्ष्य तक पहुंचने में। यह तो बहुत बड़ा संकेत है कि हमें चुनावी प्रक्रिया में बदलाव लाने की जरूरत है।
 
इस तरह की गड़बड़ी तो मुझे लगता है कि यह सिर्फ मीडिया पर फोकस करने वाले लोगों की समस्या है। अगर चुनाव में दूसरों को बाधा डालने का तरीका खोज लिया गया है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि पार्टियां सीधे इस तरह की गड़बड़ी कर रही हैं। अगर पीड़ित लोगों ने अपने फॉर्म भरने की कोशिश की, लेकिन उनको रिजेक्ट कर दिया गया, तो यह एक बड़ा मौका है कि हमें इस तरह की समस्याओं से निपटने का तरीका ढूंढना चाहिए।
 
अगर कुछ ऐसा हुआ तो इसे पकड़ना जरूरी है... पार्टियों ने मिलकर ऐसी साजिश करनी चाहिए जिससे लोगों को मतदान करने का मौका मिले।

कोई भी दल चुनावी भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाए बिना मतदाताओं की सुरक्षा नहीं कर सकता। इसके लिए सरकार पर भी दबाव बनाना होगा ताकि इस तरह के मामले कम हों। और मतदाताओं को अपने अधिकार जाने देना चाहिए।
 
😞 यह तो बिल्कुल सही है! पार्टियों का ऐसा तरीका चुनावी भ्रष्टाचार को बढ़ा रहा है, लोगों के मत का कोई महत्व नहीं मान रहे हैं। इससे हमें सोच कर बहुत परेशानी होती है कि वोट देने जाने के लिए क्या करना है। फॉर्म जमा करने के लिए स्टेशन पहुंचते हैं, लेकिन वहां कहा जाता है कि अभी नहीं है, यह तो बहुत चिंताजनक है। 🚫
 
मुझे लगता है कि कांग्रेस ने अपना आरोप थोड़ा तंग कर लिया है, यार! पार्टियों ने स्टेशन पर जाने से पहले ही फॉर्म भरने की जगह देख ली, तो ऐसा लगता है कि कोई भी तैयार नहीं था।

लेकिन, मैं समझता हूँ कि अगर पीड़ित लोगों ने अपने फॉर्म जमा करने की कोशिश की, तो उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया, तो यह एक बड़ा साजिश है, जिसमें दोनों पक्ष शामिल हैं।

लेकिन, मेरा मतलब ये नहीं है कि पार्टी ने स्टेशन पर जाने की जगह फॉर्म भरने की जगह ले ली, मैं समझता हूँ कि चुनावी भ्रष्टाचार वास्तव में चुनावी प्रक्रिया को कमजोर कर रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम अपने मत को मानने की जरूरत नहीं है।
 
ਸੋ ਇਹ ਵੀ ਲੋਕ ਆਪਣੇ ਫਾਰਮ ਜਮਾ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੇ, ਤਾਂ ਫਿਰ ਵੱਲੋਂ ਟ੍ਰੈਨਿੰਗ ਵਿੱਚ ਆ ਜਾਏ। ਅਸੀਂ ਜਿਹੜੇ ਭੀ ਕਿਸੇ ਦੇ ਫਾਰਮ ਪਾਸ ਲੈ ਗਏ ਹੋ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਵੀ ਅਸੀਂ ਆਸ਼ਾ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਉਹ ਜੀਵਨ ਬਾਰੇ ਆਪਣੀ ਗੱਲ ਕਰ ਸਕਣ। 🤔
 
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