मैंने बिहार का कुछ नहीं जानता, लेकिन यह तो किसान आंदोलन से कोई बात नहीं कर रहा है, हमें अपने खेतों में निकलकर काम करना चाहिए, फिर क्यों दूसरों पर देशभर में आर्थिक संकट की जिम्मेदारी डालनी चाहिए?
बिहार में 54 राजपूतों की हत्या, यह तो बहुत गंभीर बात है, लेकिन हमें अपने घरों-हवेलियों में खलल पहुंचाने वालों के प्रति जागरूक रहना चाहिए, फिर कुछ ऐसा हुआ है या नहीं?
मैंने एक बार अपने दादाजी की कहानी सुनी थी, उनके दो भाई थे, एक ने खेत में काम किया, दूसरे ने सरकार में काम किया, तीसरे ने हवेली में रहना शुरू कर दिया, जब दूसरे ने सरकार में काम किया तो पहले भाई ने अपने बेटों को खेत में पढ़ाया, तीसरे ने बिल्कुल नहीं किया।