'11 लोगों को राख बन जाने तक जलाओ': वो नरसंहार जब रामविलास ने सदन में रख दी इंसानी हड्डियां; लगातार 2 चुनाव हार गए नीतीश - Bihar News

🤕 बिहार के इतिहास में ऐसा एक दौर नहीं आया जब इतने से शहीद हुए। 54 राजपूतों की हत्या, यह तो बहुत ही गंभीर मुद्दा है। मुझे लगता है कि पुलिस और सरकार को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। यह घटनाएं सिर्फ इतनी नहीं बल्कि बिहार की समाजिक समस्याओं का एक बड़ा संकेत भी हैं। हमें अपने देश में गरीबी, अनजाने और अन्याय को दूर करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। 🤝
 
मुझे लगता है कि यह घटना बहुत दुखद है। बिहार में ऐसे कई लोग हैं जो संघर्ष कर रहे हैं और उनकी जरूरतें भी नहीं सुनी जाती हैं। राजपूतों की हत्या करना तो एक बड़ा दुराचार है लेकिन यह घटना मुझे सोचते समय बहुत गहरा दर्द देती है। हमें इसे समझने की जरूरत है कि क्या हुआ, कैसे हुआ और यह क्यों हुआ। लेकिन सबसे ज्यादा जरूरत यह है कि हम सब मिलकर मदद करें और उन परिवारों का समर्थन करें जिनके नाते ऐसी चीजें हुईं। हमें एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए, हमें समझना चाहिए और सहानुभूति दिखानी चाहिए। 😔🤕
 
🤕 यह बहुत दुखद बात है जो बिहार में हुआ, 54 राजपूतों की हत्या से हमारी समाज में बहुत दर्द और असहिष्णुता फैल गई है। 🤔 तो क्या इस तरह के हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए हमें एक साथ मिलकर काम करना चाहिए? 🤝 हमें अपनी समाज में शांति और सहिष्णुता को बढ़ावा देने पर विचार करना चाहिए। 😔

मुझे लगता है कि इस तरह की घटनाओं से हमें यह सीखने को मिलता है कि हमें अपने आसपास के लोगों की भावनाओं और समाजिक दबावों को समझना चाहिए। 🤝 अगर हम एक दूसरे को समझेंगे और सहानुभूति के साथ व्यवहार करेंगे, तो शायद ऐसी हिंसक घटनाएं कम होंगी। 💬

आजादी के बाद भी, हमने अभी भी बहुत कुछ सीखना जो चाहिए। यह एक महत्वपूर्ण सबक है कि हमें अपने समाज में शांति और सहिष्णुता को बढ़ावा देने पर विचार करना चाहिए। 🙏
 
ਮुझे ਲਗਦਾ ਹੈ ਕਿ ਬਿਹਾਰ ਵਿੱਚ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਜੋ ਝੱਲੀ ਹੋਈ ਉਸ ਨਾਲ ਸਕੂਲਾਂ ਵਿੱਚ ਪੜ੍ਹਾਈ ਤੇ ਛੁੱਟੀਆਂ 'ਤੇ ਭੀ ਅਸੀਂ ਨਾ ਰੋਕ ਸਕਦੇ! 54 ਜਵਾਨਾਂ ਦੀ ਹਮਲੇ ਵਿੱਚ ਮਾਰ ਪਏ, ਇਸ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਅਸੀਂ ਕਿਵੇਂ ਆਪਣੀ ਸਕੂਲ ਜ਼ਿੰਦਗੀ 'ਚ ਹੋਰ ਉਠਨ ਤੇ ਮਾਧਿਅਮਿਕ ਪਾਸ ਹੋਣ ਦਾ ਭਾਵ ਲੈ ਸਕਦੇ?
 
मुझे यह बात बहुत दुखद लग रही है... बिहार में ऐसे दिन भूलना मुश्किल हैं जब लोगों को बहुत ज्यादा दुःख हुआ हो। 54 राजपूतों की हत्या सुनकर मुझे लगता है कि ऐसा कुछ नहीं था जो हमारे समाज में सकारात्मकता लाने वाला था। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी घटनाएं होने पर हमारे समाज में इतनी भीड़भाड़ होती है और लोग एक-दूसरे को दोषी ठहराने लगते हैं।

मैं सोचता हूँ कि ऐसी घटनाओं से हमें सीखना चाहिए और अपने समाज में एक-दूसरे के प्रति करुणा और समझदारी का संचार करना चाहिए। हमें यह भी सोचना चाहिए कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हम अपने समाज में क्या परिवर्तन लाने की कोशिश कर सकते हैं।

मैं अपनी सभी दोस्तों और परिवार के साथ एकता और सहयोग का प्रसंग लगाते हुए बात कर रहा हूँ।
 
यह तो बिहार के इतिहास का एक दुखद पल है 🤕 54 राजपूतों की हत्या, यह तो एक बड़ा संकेत है कि समाज में जातिवाद और भेदभाव का माहौल फैल गया है। हमें इसे लेकर बोलना चाहिए, हमें अपने नेताओं से जवाब देना चाहिए कि वे ऐसी स्थिति को कैसे संभाल सकते हैं और राज्य में शांति कaise बनाए रखे।

मेरी राय में, इस मामले में सरकार पर दबाव डालना चाहिए, ताकि वे इस जातिवाद के खिलाफ लड़ सकें। हमें अपने पुलिस अधिकारियों से बोलना चाहिए कि वे ऐसी घटनाओं को जल्दी से संबोधित करें। इससे हमारे राज्य की छवि भी बदल सकती है और समाज में शांति फैल सकती है।
 
मुझे लगा कि बिहार की सुरक्षा स्थिति को लेकर बहुत चिंता होनी चाहिए, फिर भी मैं यह कह सकता हूँ कि जैसे ही सरकार ने इस समस्या को लेकर कदम उठाए हैं, तभी सब ठीक हो जाता है। पर कुछ सवाल अभी भी बने हुए हैं।

जैसे कि यह दौर जब 54 राजपूतों की हत्या हुई, तब क्या सरकार ने अपनी सेना और पुलिस को तैयार नहीं किया था? क्या उन्हें पता नहीं था कि यह दौर कभी भी आ सकता है? मुझे लगता है कि इन सवालों के जवाब देना जरूरी है।

लेकिन फिर भी, मैं सरकार की प्रतिक्रिया से खुश हूँ। उन्होंने तुरंत कदम उठाए हैं और आतंकवादी समूहों को मुकाबला करने के लिए तैयारी की है।
 
मेरे दोस्त, ये बहुत ही गंभीर मुद्दा है 🤕 बिहार में ऐसा दौर कब आया जब इतने शहीद हुए? यह एक बड़ा सवाल है कि क्या हम अपने समाज में सामाजिक असमानता को रोकने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं?

हमें यह समझना चाहिए कि हर किसी की जिंदगी में एक योजना होती है, जिसमें सफलता और नुकसान दोनों शामिल होते हैं। हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए, बल्कि हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।

जैसे किसान कृषि की खेती करते हैं और उसके फल का इंतजार करते हैं, हम भी अपने जीवन में संघर्ष करते हुए अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने का इंतजार करते हैं। लेकिन अगर हम उस दिशा में ध्यान नहीं देते, तो हम कभी सफलता नहीं पा सकते।

इस incident से हमें एक बड़ा सबक मिलेगा - जीवन में कभी भी हार नहीं, बल्कि हमेशा आगे बढ़ना चाहिए।
 
😬 मुझे यह सुनकर बहुत दर्द हुआ, बिहार का यह दौर तो हमेशा के लिए नहीं रह सकता। 54 राजपूतों की हत्या तो पूरे देश को चौंका देने वाली बात है। मुझे लगता है कि सोशल मीडिया पर भी यह समस्या बढ़ गई है, लोग अपने अनुभव साझा करते हैं और फिर भी कुछ लोग इनसानियत को नहीं समझ पाते।

कृपया जिंदगी बेहतर बनाने के लिए हम सब मिलकर एक दूसरे का सहारा दें। ये तो हमारी अपनी देशभक्ति है जो सोशल मीडिया पर फैल रही है, हमें इस समस्या को हल करने के लिए एक साथ मिलकर काम करना चाहिए।

मुझे उम्मीद है कि जल्द ही इस तरह की घटनाएं कम होने लगेंगी।
 
मैंने बिहार का कुछ नहीं जानता, लेकिन यह तो किसान आंदोलन से कोई बात नहीं कर रहा है, हमें अपने खेतों में निकलकर काम करना चाहिए, फिर क्यों दूसरों पर देशभर में आर्थिक संकट की जिम्मेदारी डालनी चाहिए?

बिहार में 54 राजपूतों की हत्या, यह तो बहुत गंभीर बात है, लेकिन हमें अपने घरों-हवेलियों में खलल पहुंचाने वालों के प्रति जागरूक रहना चाहिए, फिर कुछ ऐसा हुआ है या नहीं?

मैंने एक बार अपने दादाजी की कहानी सुनी थी, उनके दो भाई थे, एक ने खेत में काम किया, दूसरे ने सरकार में काम किया, तीसरे ने हवेली में रहना शुरू कर दिया, जब दूसरे ने सरकार में काम किया तो पहले भाई ने अपने बेटों को खेत में पढ़ाया, तीसरे ने बिल्कुल नहीं किया।
 
मुझे याद है उस दिन जब पटना में राजपूत परिवारों की संख्या में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ था, लेकिन फिर भी उनकी जान जोखिम में पड़ गई। 54 राजपूतों की हत्या से हमें लगता है कि पटना में एक दूसरे को नहीं समझने वाले लोग हैं जो इतने ही तेजी से बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे लगता है कि इस घटना से हमें यह सीखने को मिलता है कि हमारे समाज में भाईचारा और समझदारी कितना जरूरी है। अगर हम अपने आप को समझते और दूसरों के प्रति सहानुभूति रखते, तो हमें कभी ऐसी घटनाएं नहीं देखनी पड़तीं।
 
मुझे बहुत दुख हुआ जब मैंने सुना कि बिहार में एक ऐसा दौर आया जिसमें 54 राजपूतों की हत्या हुई। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और मुझे लगता है कि हमें इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए एकजुट होना चाहिए।

मैं समझता हूँ कि बिहार में कई समस्याएं हैं जैसे कि गरीबी, भ्रष्टाचार, और शिक्षा में कमी। लेकिन जब ऐसी घटनाएं होती हैं तो यह सभी समस्याएं एक साथ आ जाती हैं। हमें अपने युवाओं को सही दिशा में रोड़ देनी चाहिए और उन्हें शिक्षा, रोजगार, और सुरक्षा के अवसर प्रदान करने चाहिए।

मैं यह उम्मीद करता हूँ कि सरकार और समाज मिलकर इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए काम करेंगे। हमें अपने युवाओं के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए एकजुट होना चाहिए और उन्हें अपने dreams को पूरा करने के अवसर देने चाहिए। 💔🌟
 
😂🤣 पुराने जमाने में तो थक्के पड़े थे! 🙄 नतीजा तो यह आया कि राजा खुद भी अपने सेवकों की हत्या कर लेते थे। 😳 और अब बिहार में भी ऐसी ही स्थिति बन गई है। पुलिस को पता नहीं चलता कि कब बंदूक दागनी चाहिए और कब न दागनी। 🤦‍♂️

चलो, इसे एक मजाक की तरह लें - 54 राजपूतों की हत्या हुई तो अब पुलिस को यही सोचती है - अगला कौन मरेगा? 😳😂 और फिर दंगे हो जाते हैं... 🤯

कुछ लोग कहते हैं कि हमारे देश में बिना स्कूल, बिना हॉस्टल, बिना रोजगार के भी संसद के चुनाव लड़ सकते हैं। 😂 लेकिन पुलिस को स्कूल, हॉस्टल और रोजगार की जरूरत है। 🙄
 
अरे ये तो बहुत गंभीर मुद्दा है... बिहार में राजपूत समुदाय के लोगों की Sicherता सुनिश्चित करना जरूरी है। 54 जान जिंदगी चुक गईं, यह तो बहुत दुखद है। मुझे लगता है कि पुलिस और सरकार को एक बार फिर से अपनी जिम्मेदारी लेनी होगी।

क्या हमें अपने समाज में ऐसे मुद्दों पर चिंतन करने की जरूरत नहीं? क्या हमें निश्चित रूप से उन लोगों को सुरक्षा देने की जरूरत है जो हमारे समाज का हिस्सा हैं? मुझे लगता है कि हमें एक साथ मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए और सोचना चाहिए कि हम कैसे अपने समाज को बेहतर बना सकते हैं। 🤔
 
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