16 मर्डर वाले निठारी-केस से बरी पंढेर का पहला इंटरव्यू: हां, कोठी में कॉलगर्ल बुलाई; घर में बच्चों की डेडबॉडी पड़ी रहीं, पता नहीं चला

यहां 17 बच्चों की हत्याओं में शामिल सुरेंद्र कोली और उसके सहयोगियों पर केस में अदालत ने बड़ा फैसला दिया।
 
बड़ा खुलासा हुआ! सुरेन्द्र कोली जैसे लोगो को जल्दी से जल्दी सजा मिल जाए तो अच्छा है, हमारे बच्चों की जिंदगी नहीं गवाना चाहिए। यह जासूसी शिविर में क्या हुआ था, अब सब कुछ खुलकर सामने आ गया है। ये जैसी गन्दगी हुई है, तो सजा तुरंत देनी चाहिए। लेकिन मुझे लगता है कि यह एक बड़ा संदेश भी है - हमें अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए जागरूक रहना चाहिए और उन्हें खतरों से दूर रखने के लिए हमारी जरूरत है।
 
Wow 🤯, यह तो बहुत बड़ी बात है! जैसे ही मुझे पता चला कि अदालत ने 17 बच्चों की हत्याओं में शामिल सुरेन्द्र कोली और उसके सहयोगियों पर केस में फैसला दिया है। यह तो बहुत बड़ा निर्णय है जिससे हमारे समाज में भय होने वाला माहौल बदलने का अवसर मिलेगा। मुझे लगता है कि अदालत की इस फैसले से सामाजिक न्याय की दिशा में एक और कदम बढ़ेगा। यह तो बहुत अच्छी खबर है जिसके लिए हम सभी मुस्कुराने चाहेंगे।
 
🤔 ये तो बहुत दुखद खबर है... 17 बच्चों की हत्याएं... यह जैसी चीजें कभी नहीं होती, लेकिन आजकल ऐसे मामले बेहद आम हो गए हैं। मेरा मानना है कि हमें अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति और भी सजग रहना चाहिए। लेकिन फिर भी, यह तो बहुत दुखद है कि एक ऐसे व्यक्ति जैसे कोली को माफ कर दिया गया। मैं समझता हूँ कि अदालत का निर्णय सबसे बड़ा है, लेकिन मेरे लिए यह एक बहुत बड़ा सवाल है...
 
मुझे यह खबर बहुत दुखद लग रही है 🤕 17 बच्चों की जान जीना तो इतना भी नहीं था कि सुरेंद्र कोली और उसके लोगों पर मामला चले। यह तो एक बड़ा अपराध है। अदालत ने उनके सहयोगियों को भी केस में शामिल करने का फैसला दिया, जो अच्छी बात है। लेकिन अभी भी यह सवाल उठता है कि इतने अपराध कैसे हो सकते हैं? और कौन से नियम तो नहीं थे जिनका उल्लंघन कर लोग ऐसा काम कर सकें।
 
Wow 🤯, यह बहुत बड़ी बात है! 17 बच्चों की हत्याएं सोचकर तो मन नहीं आ सकता। अदालत ने बड़े-बड़े लोगों पर कड़ा मुकदमा चलाने का फैसला किया, जो बहुत अच्छा है। शायद इस तरह से समाज की बात समझाई जाएगी। police ne bhi kuch achha kiya, woh logon ko pakadne mein safal ho gaye. Ab bas hope hai ki justice ho sake aur yah naya raaz kholi de.
 
सबको यह जानकर खेद है कि ऐसी घटनाएं होती रहती हैं... हमारे बच्चे जैसी मूल्यों वाले लोगों की हत्या तो समझ नहीं सकते।

हमें अपने समाज में इस तरह की हिंसा के खिलाफ लड़ने का साहस मिलना चाहिए। हमें एक दूसरे की मदद करनी चाहिए और बाल विकास प्रायोजकों को अपने प्रयासों को बढ़ाना चाहिए।

यह घटना ने हमें एक बार फिर से सोचने पर मजबूर किया है कि हम कहाँ जा रहे हैं और कैसे जा रहे हैं।
 
मुझे लगता है कि यह समाधान थोड़ा भारी हो सकता है। मेरी राय में ज्यादातर बच्चों की हत्याओं के पीछे आर्थिक और सामाजिक कारक होते हैं। अगर हम इनमें से समस्याओं को हल करते हैं तो कुछ अच्छा हो सकता है। यह समाधान शायद तभी अच्छा होगा जब हमें उन बच्चों के परिवारों की मदद करनी होगी।
 
बड़े बड़े सवाल उठते हैं यहां... 17 बच्चों की हत्याओं में शामिक होने वाले लोगों को भाग निकलने देने से बात करें... अदालत ने उनकी परवाह किए बिना यह फैसला दिया... ऐसा लगता है कि सिर्फ तारीफ करने वाले अभियोजन पक्ष की जीत हुई है। मुझे लगता है कि अदालत को यह समझनी चाहिए कि इन बच्चों की मौतें क्यों हुईं... उनके परिवारों को सहानुभूति दिखानी चाहिए।
 
मैंने हाल ही में पढ़ा है कि अदालत ने 17 बच्चों की हत्याओं में शामिल सुरेंद्र कोली और उसके सहयोगियों पर बड़ा फैसला दिया। यह तो बहुत ही दुखद बात है। ऐसी घटनाएं कभी भी समझने के लिए नहीं आती, बस हमें गहरा दर्द और उदासी महसूस कराती हैं।

मेरी राय में यह घटना एक बड़ा संदेश देती है कि हमें अपने समाज में बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों को लेकर हमेशा जागरूक रहना चाहिए। हमें अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए और उन्हें बाहर निकलने की अनुमति देने से पहले हमेशा उनकी सुरक्षा की जांच करनी चाहिए।

हमें अपने समाज में ऐसी घटनाएं नहीं होने देनी चाहिए और हमें हमेशा बच्चों के प्रति सहानुभूति और करुणा रखنی चाहिए।
 
बड़े बहुत बड़े! यह तो एक जैसी बात है कि लोग बच्चों को ऐसा कर देने की निंदा करें, चाहे वो कोई भी किल्ली हो। पुलिस को और अदालत को तो अच्छी तरह से मिलकर ऐसे घाई-बाजी वालों को पकड़ना चाहिए। लेकिन यह बात तो हमेशा पहले से ही कही जाती रही है... अब भी देख रहे हैं कि कुछ लोग माफ़ नहीं करेंगे।

मुझे लगता है कि अगर ऐसी घटनाएं घटती रहती हैं, तो हमारे समाज में एक बुरी शिकायत होनी चाहिए। शिकायत होनी चाहिए, लेकिन हम तो बस नोटबंदी और आर्थिक सुधार पर ही ध्यान देते रहते हैं। बच्चों की जान जानबूझकर गंवाने वालों को सजा मिलनी चाहिए।

क्या मुझे सही लगेगा? 🤔
 
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