3000 श्रद्धालु, संभालने वाला कोई नहीं, भगदड़ में 9 मौतें: चश्मदीद बोले- मंदिर में दम घुटा, लोग गिरे तो भीड़ कुचलकर निकलती रही

देश भर में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं ने एक दिन में ही 3000 से ज्यादा लोगों को मिलाया, लेकिन उनकी भीड़ को संभालने के लिए पुलिस, सुरक्षा गार्ड कोई नहीं था। इसके परिणामस्वरूप एकांदशी की वजह से भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में हुई भगदड़ में 9 श्रद्धालुओं की मौत हो गई।
 
🙄 ये तो भगवान वेंकटेश्वर स्वामी का दर्शन करने आने वाले लोगों का खेल है... 🤦‍♂️ पुलिस और सुरक्षा गार्ड कौन देख रहा था? 😒 मंदिर में 9 श्रद्धालुओं की मौत, यह तो बहुत ही अच्छा सबक है... हमें अपने भगवान के दर्शन करने आने वालों की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। 🙏 लेकिन यह तो मंदिर में खुशियाँ मनाने के लिए नहीं बनाया गया है। 😔
 
अरे, यह तो बहुत अजीब है कि पुलिस, सुरक्षा गार्ड कोई नहीं होने के बाद भी इतनी भीड़ को नियंत्रित कैसे कर दिया गया? मुझे लगता है कि यह तो सरकार की सेवाएं और सार्वजनिक सुरक्षा की कमी की वजह से हुआ। लेकिन अगर हमें सच्चाई को देखना होगा, तो यह भी सच है कि 9 श्रद्धालुओं की मौत क्यों हुई? क्या ये लोग इतने अनजान थे? क्या उन्हें पता नहीं था कि बड़ी संख्या में लोग एक जगह इकट्ठा होने से जानलेवा खतरे का दौरा चलेगा? मुझे लगता है कि हमें इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए और भी तेजी से काम करना चाहिए। 🤔
 
आज का खाश है भाई, देवताओं की तपस्या करने वालों की भीड़ इतनी ज्यादी हुई कि मंदिर की परवाह करे पुलिस और सुरक्षा गार्ड को नहीं ढूंढ़ सकता। यह बात बहुत चिंताजनक है । तपस्या करने वालों के लिए शांति और श्रद्धा की स्थिति में रखना जरूरी है। तो क्या हमारी पुलिस और सरकार की सावधानी बढ़ा देते। 🙏
 
मैंने देखा है कि भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिरों में दर्शन करने आने वाले लोग बहुत ज्यादा संख्या में आते हैं, लेकिन उनकी प्रबंधन को कोई नहीं कर रहा है। इससे न केवल भीड़ का दुरुपयोग होता है, बल्कि यहां तक कि श्रद्धालुओं की जान भी जोखिम में आती है 🙏.
 
ये तो बहुत दुखद बात है 🤕, मुझे लगता है कि हमारे देश की भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपकरण और कर्मचारी नहीं हैं। इसका मतलब है कि एकांदशी की वजह से जान जीतने वालों की संख्या बढ़ रही है। कुछ मंदिरों में भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है, ऐसा लगता है कि भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भी ऐसा ही स्थिति है। हमें अपने देश के इस समस्या को हल करने के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना होगा।
 
मेरा मन यह सोचकर हल्का आ गया कि क्या भीड़बाज़ी के बाद भी लोग अपने मंदिरों की रक्षा नहीं कर पाते। लगता है कि हमारे देश के विभिन्न स्थानों पर भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिरों को बहुत अधिक यात्रियों के लिए एक आकर्षक दर्शनस्थल बनाया गया है, जिससे वे भीड़ के दौरान भी वहां आने नहीं रोकते। इससे पहले, पुलिस और सुरक्षा गार्ड को भी अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए ताकि उन्हें भीड़बाज़ी के समय मंदिरों की सुरक्षा करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
 
नहीं तो, यह एक बड़ा सवाल है कि अगर पुलिस और सुरक्षा गार्ड नहीं थे तो क्यों? हमारे देश में इतने श्रद्धालुओं को एक जगह पर इकट्ठा करने के लिए तैयारी नहीं की जाती। यह एक बड़ा सवाल है और इसके पीछे कारण क्या है? क्या हमारी सरकार में सुरक्षा के बारे में योजनाएं नहीं बनाई जा रही? और अगर ऐसा तो फिर क्यों नहीं? यह एक बड़ा सवाल है जिस पर विचार करने की जरूरत है।
 
मैंने सुना है कि भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में इतनी भीड़ तो कभी नहीं देखी, लेकिन मुझे लगता है कि हमारी सरकार में सुरक्षा पर पूरी तरह से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मैंने अपनी बहन की बहुत सारी फोटो देखी हैं, उनमें भी इतनी भीड़ न लगेगी। मुझे लगता है कि पुलिस और सुरक्षा गार्डों को हमारी सरकार को बहुत पैसे देने होते, लेकिन उन्हें अपना घर बनाने और परिवार करने का मौका नहीं मिलता। तो अब भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भीड़ को संभालने के लिए क्या रास्ता होगा? 🤔
 
मुझे तो बहुत दुःख हुआ कि भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भीड़ की समस्या इतनी गंभीर हो गई कि 9 श्रद्धालुओं की जान गए। यह तो एक बड़ा आघात है न की? मुझे लगता है कि सरकार और प्रशासन से पूछने की जरूरत नहीं है, हमें अपने समाज की समस्याओं का सामना करना होगा। पुलिस, सुरक्षा गार्ड, या कोई भी व्यक्ति भीड़ को नियंत्रित करने में असमर्थ था, यह एक बड़ी कमजोरी है। हमें अपने समाज में जागरूकता फैलानी चाहिए और लोगों को अपनी सुरक्षा के बारे में सोचने की जरूरत है। 🤕
 
वाह बhai, यह तो बहुत दुखद बात है 🤕. क्या इस तरह के हिस्से से भारतीय समाज की विकास की दिशा में जाने में रुकना चाहिए? हमारे प्राचीन और सांस्कृतिक धरोहर के लिए यह बहुत गंभीर समस्या है। कुछ लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस, सुरक्षा गार्ड आदि की कमी, एक दिन में 3000 से ज्यादा श्रद्धालुओं को मिलना, यह तो हिंसक मच्छर की तरह लग रही है। भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करने आने वाले लोगों की सुरक्षा सबसे पहले चिंतित करनी चाहिए।
 
मुझे ये बहुत दुखद बात सुनकर लगा कि भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भीड़बाजी के कारण 9 श्रद्धालुओं की जान गई। मैंने ही इसी मंदिर में भगवान को पूजा करने जा रही थी, लेकिन मेरी तारीख अभी तक नहीं आई है 😕. मुझे लगता है कि सरकार और पुलिस को वैसे भी बहुत सारे काम होते हैं तो फिर इतने श्रद्धालुओं को संभालने के लिए कोई तैयारी नहीं होनी चाहिए। मेरा दोस्त ही भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की पूजा कर रहा था, लेकिन वह अभी तक घर पहुंच गया नहीं है। मुझे उम्मीद है कि वह जल्द ही सुरक्षित रह जाए। मैंने अपनी बहन को भी भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की पूजा करने ले जाया था, लेकिन वह अभी तक हमारे घर पहुंच नहीं सकी। मुझे बहुत परेशानी हुई।
 
अरे, यह तो बहुत दुखद बात है, जितना है भीड़ उतनी ही बड़ी समस्या, मंदिर के पास सुरक्षा नहीं तो फटाफट एकांदशी हो जाती है। सरकार को जरूर ध्यान रखना चाहिए, श्रद्धालुओं को भीड़ से बचाने के लिए व्यवस्था करनी चाहिए। मंदिर के पास गैर-सरकारी संगठनों को भी मदद मिल सकती है, उनकी सहायता से भीड़ को नियंत्रित किया जा सकता है।
 
यह तो बहुत दुखद बात है ... 3000 से ज्यादा लोगों को एक साथ लाने के लिए पुलिस और सुरक्षा गार्ड नहीं थी, तो यह सोचें कि मंदिर में भगदड़ हुई तो कैसी बात करें ... 9 श्रद्धालुओं की जान जानी चाहिए तो नहीं ... यह तो देश की सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण पर सवाल उठाए जाने वाले हैं ...
 
मैंने पढ़ा कि भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में ऐसी भीड़ लग गई कि पुलिस और सुरक्षा गार्ड कोई नहीं थे। यह तो बहुत खतरनाक है। मैं समझता हूँ कि श्रद्धालुओं के लिए भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर एक महत्वपूर्ण स्थल है, लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तैयार नहीं रहना बड़ा खतरनाक है। ऐसे में 9 श्रद्धालुओं की मौत बहुत दुखद है। यह भीड़ और सुरक्षा की कमी की समस्या न केवल भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में बल्कि हर जगह मौजूद है, जिससे लोगों को खतरा होता है। 🚨😵
 
मैंने देखा था तो लोग कहे कि भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ कितनी बड़ी होती है। लेकिन जब भीड़ इतनी ज्यादा होती है तो यह कहा जाता है कि भगवान भी अपने मंदिर में एकांदशी नहीं सहन करते। 🤣

आज मैंने देखा था कि भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षा के लिए तैयारियाँ नहीं की जा रही हैं। यह तो बहुत बड़ा मुद्दा है। अगर पुलिस, सुरक्षा गार्ड कोई नहीं था तो भगवान का दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह एक बड़ा खतरा बन गया। 9 श्रद्धालुओं की मौत होना बहुत दुखद बात है।

जिससे इस घटना से हम सब कुछ सीख सकते हैं कि जब भीड़ ज्यादा होती है तो उसे नियंत्रित करने के लिए तैयारियाँ की जानी चाहिए।
 
यह तो बहुत ही चिंताजनक बात है 🤕। ये देखकर यह लग रहा है कि लोग भगवान वेंकटेश्वर स्वामी से इतने प्यार करते हैं कि मंदिर की सुरक्षा किसी पर भी नहीं होनी चाहिए। अगर सरकार तो कह रही है कि भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को सुनिश्चित करना है तो फिर मंदिर की सुरक्षा किसी पर भी नहीं होनी चाहिए। यही बात मंदिरों के लिए लागू होती है, अगर लोग जान-माल की हानि के लिए तैयार रहते हैं तो फिर सुरक्षा किस पर होनी चाहिए? 🤔
 
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