32 कारों के साथ देशभर में सीरियल ब्लास्ट की थी प्लानिंग? आतंकियों की साजिश को लेकर बड़ा दावा

आज के इस दिलचस्प और गंभीर मामले ने देशभर को हिला कर रखा है। दिल्ली में लाल किले पर लगने वाले सीरियल ब्लास्ट मामले में अब एक नया खुलासा आया है, जिसमें यह बताया गया है कि आतंकवादियों ने 32 कारों के जरिए देश भर में और पूरी दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट करने की योजना बनाई थी।

इस मामले में जांच में जुटे सूत्रों ने बताया है कि 32 कारों के जरिए 6 जगहों पर सीरियल ब्लास्ट की योजना थी, जिसमें हुंडई i20, मारुति सुजुकी ब्रेजा, मारुति स्विफ्ट डिजायर और एक फोर्ड इकोस्पोर्ट समेत सभी गाड़ियों के जरिए 6 दिसंबर को दिल्ली के कई जगह पर सीरियल ब्लास्ट की योजना थी।

इस मामले में जांच में जुटे सूत्रों ने बताया है कि इन गाड़ियों में अधिकतर पुरानी और कई बार बेची जा चुकी हैं। इनके जरिए आतंकवादियों ने पुलिस को कार मालिक तक पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसके बाद भी सभी चारों कार मिल गई हैं।

इस मामले में पहले हरियाणा के फरीदाबाद में इकोस्पोर्ट कार लावरिस हालत में मिली थी, जो व्हाइट टेरर गैंग मॉड्यूल का अड्डा माना जा रहा है। इसके अलावा, एक युवक जो पिछली सीट पर सोता हुआ मिला है, उसे भी अरेस्ट कर लिया गया है।

इस मामले में जांच में जुटे सूत्रों ने बताया है कि 10 नवंबर को दिल्ली में घुसी थी i-20 कार, जो कई घंटों तक शहर में घूमती रही। इसके बाद लाल किले में हुए विस्फोट में 13 लोग मारे गए थे, इसमें हाई इंटेन्सिटी का विस्फोटक प्रदार्थ अमोनियम नाइट्रेट रखा था।

इस मामले में जांच में जुटे सूत्रों ने बताया है कि आतंकवादियों ने इस हमले को अंजाम देने की योजना बनाई थी। इसके लिए पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह चल रहा था।

इस मामले में DNA की जांच में पता चला है कि उमर मोहम्मद ने समय से पहले ही विस्फोट कर दिया था।
 
बड़ा भारी मामला यह हुआ। लाल किले पर हुए सीरियल ब्लास्ट की जांच में कुछ नई खुलासे आये हैं। 32 कारों से और पूरी दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट करने की योजना बनाई गई थी, जिसमें कई पुरानी गाड़ियाँ शामिल थीं। आतंकवादियों ने इन गाड़ियों के जरिए पुलिस को कार मालिक तक पहुंचने में मुश्किलें डालने की कोशिश की। तो भी सभी चारों कार मिल गई हैं। यह एक बड़ा खतरा है, और सुरक्षा स्तर बढ़ाना जरूरी है।
 
यार इस मामले में तो बहुत बड़ी चीजें आई हैं 🤯। 32 कारों से ऐसा बड़ा हमला करने की योजना तो कितनी खतरनाक है 😱। और यह भी सच है कि इन गाड़ियों में अधिकतर पुरानी और कई बार बेची जा चुकी हैं। इसका मतलब है कि आतंकवादियों ने सोचा था कि वे पुलिस को कार मालिक तक पहुंचने में मुश्किलें पैदा करेंगे। लेकिन तुम्हारी रोटी, मेरी गाड़ी जैसे मामले में हमें यह समझना है कि आतंकवाद का मुख्य उद्देश्य सिर्फ मैंगनाफाई नहीं है, बल्कि लोगों को घायल करना और उनके परिवारों को दर्द पहुंचाना भी है। 🚨

इस तरह के हमलों से हमें सोचना होगा कि हम अपने समाज को खतरा पैदा करने वाली चीजों से दूर रहना चाहते हैं। लेकिन यह तो आसान नहीं है, हमें हमेशा अपनी जागरूकता और सावधानी बरतनी होगी। 🤝
 
बात बात करने के लिए तो नहीं है, लेकिन यह सीरियल ब्लास्ट केस में 32 कारों का प्लान करने की बात मुझे थोड़ी अजीब लग रही है। क्या कोई ऐसी गाड़ी है जिसमें आप आसानी से सिरिंज और विस्फोटक ले सकते हैं? और पुलिस को तो यह समझने में मुश्किल होती है कि आतंकवादियों ने इतनी सारी गाड़ियां तो खरीदीं और फिर उन्हें कैसे डिजाइन कर दिया जाए?

लेकिन फिर भी, यह जानकारी तो बहुत महत्वपूर्ण है और मैं इस पर विचार करने के लिए तैयार हूं।
 
आज के इस मामले ने मुझे बहुत हैरान कर दिया है 🤯, 32 कारों के जरिए और पूरी दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट करने की योजना बनाना सोचने को नहीं तoler करता। यह जानकारी जांच में जुटे सूत्रों ने दी है, जिसमें 6 जगहों पर सीरियल ब्लास्ट की योजना थी, इसमें पुरानी और कई बार बेची जा चुकी गाड़ियाँ शामिल हैं। यह बताता है कि आतंकवादियों ने पुलिस को कार मालिक तक पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। यह हमले को अंजाम देने की योजना में थी, जिसमें पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह शामिल था, और इसमें इस्तेमाल किया गया विस्फोटक प्रदार्थ अमोनियम नाइट्रेट हाई इंटेन्सिटी के साथ था। यह एक बहुत बड़ा मामला है और जांच में जुटे सूत्रों को हमेशा जीती रहें 🙏
 
ये बात तो बहुत ही गंभीर है, आतंकवादी खेलने की उनकी योजनाओं को समझने में यह जानकारी बहुत मददगार साबित होगी। और फिर भी पुलिस ने इतना समय लिया तो क्यों? 32 कारों के जरिए इतनी बड़ी योजना बनाने में जैसे बेचारा कार खाली मिल गया। इसके अलावा, उमर मोहम्मद ने अपनी जान दी थी, और फिर भी पुलिस सिर्फ उसकी DNA तक पहुंचने की बात कर रही है। यह तो हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हमारे पास इतनी सख्त प्रणाली नहीं है जिससे आतंकवादियों को पकड़ने में असफल न होने की संभावना न हो।
 
32 कारों से खेलने का यह खिलाड़ी आतंकवादी! 10 नवंबर को दिल्ली में घुसी आई-20 कार, जो कई घंटों तक शहर में घूमती रही। और फिर लाल किले में हुए विस्फोट में 13 लोग मारे गए। यह तो सचमुच आतंकवादी खिलाड़ी का खेल है! 🚨💥

आतंकवादियों ने पुलिस को कार मालिक तक पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसके बाद भी सभी चारों कार मिल गई हैं। यह तो उनकी गलती है, हमेशा खेलते-खेलते अंजाम देने की उनकी आदत। 🤦‍♂️

इस मामले में पहले हरियाणा के फरीदाबाद में इकोस्पोर्ट कार लावरिस हालत में मिली थी, जो व्हाइट टेरर गैंग मॉड्यूल का अड्डा माना जा रहा है। यह तो आतंकवादियों के खिलाफ लड़ने के लिए हमारे नेताओं की जरूरत है! 💪

आतंकवादी समूह चल रहा था, जैश-ए-मोहम्मद। यह तो पाकिस्तान से जुड़ी एक बड़ी समस्या। हमें इस पर काम करने की जरूरत है! 🚫
 
यह तो बहुत बड़ा खुलासा है! मुझे लगता है कि लाल किले पर आतंकवादी हमले की योजना बनाने में बहुत सारे लोग शामिल रहे होंगे। 32 कारों के जरिए 6 जगहों पर सीरियल ब्लास्ट करने की योजना थी, तो यह तो बहुत बड़ा खतरा था। मुझे लगता है कि पुलिस और अन्य एजेंसियों ने अच्छी तरह से काम किया होगा ताकि हमला होने से पहले इसकी जानकारी मिल सके। लेकिन फिर भी, यह हमला हुआ और 13 लोग मारे गए। यह बहुत दुखद है। 🙏
 
बस बोल लीजिए, यह सब बहुत गंभीर मामला है। आतंकवादियों की इस तेजी से गतिविधि से हमें खुश नहीं होना चाहिए। सरकार को भी इसकी खास देखभाल करनी चाहिए, लेकिन मैं समझता हूँ कि यह एक जटिल मामला है और सभी पहलूों पर ध्यान देने की जरूरत है। हमें एक साथ खड़े होकर इस समस्या को हल करने की कोशिश करनी चाहिए, न कि अलग-अलग दृष्टिकोण अपनाकर दूसरे को नुकसान पहुँचाना। 🙏
 
आज तो ऐसा लग रहा है कि हमारे पास आतंकवादी की हर गतिविधि के बारे में जानकारी मिल रही है, लेकिन आज का मामला दिलचस्प है। 32 कारों के जरिए सीरियल ब्लास्ट करने की योजना बनाना आतंकवादियों की रूही की गड़बड़ी है। ये तो हमारे लिए एक बड़ा चेतावनी है कि हमें अपने आसपास की जानकारी से ना हटना चाहिए।

मुझे लगता है कि इस मामले में पुलिस ने अच्छी तरह से जांच की है, और आतंकवादियों को पकड़ने में सफल रही। लेकिन हमें यह भी याद रखना चाहिए कि आतंकवाद का इस्तेमाल कभी भी विभाजन या राजनीतिक एजेंडे के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
 
बोलो यार... यह तो बहुत बड़ा मामला है, लेकिन क्या इस तरह से आतंकवादियों की योजना बनाने वाले को पकड़ने के लिए सरकार को अपने पास नहीं रखना चाहिए? 32 कारें कैसे पकड़ी गईं? यह तो बहुत बड़ा सवाल है... और अब दिल्ली में ये सीरियल ब्लास्ट की योजना बनाने वाले निकलने वाले उमर मोहम्मद पर जांच कैसे चल रही थी? यह तो बहुत बड़ा है... और पुलिस को दिल्ली के लोगों की सुरक्षा नहीं करने का मौका मिलना चाहिए?
 
अगर हमारे देश में इतनी बड़ी सीरियल ब्लास्ट की योजना बनाने की बात मान लें, तो यह तो बहुत ही गंभीर और चिंताजनक है 🚨💥। लेकिन अगर हम इसे ध्यान में रखते हुए और सोचते हैं कि ये हमला आतंकवाद का नहीं था, बल्कि इसमें सरकार और पुलिस ने भी गलतियाँ की थीं, तो यह एक बड़ा मुद्दा बन जाता है। क्योंकि अगर हम अपनी सुरक्षा के लिए पूरी तरह से आतंकवाद खत्म करने की ओर बढ़ रहे हैं, तो इससे हमारे देश के लोगों के अधिकारों और स्वतंत्रता पर भी प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, अगर हम अपनी सुरक्षा के लिए विदेशी गाड़ियों और प्रौद्योगिकियों पर निर्भर हो रहे हैं, तो यह हमारे देश की स्वदेशी उत्पादकता और परंपराओं के खिलाफ भी है। इसलिए, हमें इस मामले में सभी पक्षों को ध्यान में रखते हुए एक निष्पक्ष और विचारशील दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है, ताकि हम अपने देश की सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ा सकें। 🤝💡
 
यह तो बिल्कुल भी सही है, आतंकवादियों की योजना में इतनी जटिलता और सुविधा लाने का कैसे संभव हुआ, यह समझ नहीं आ रहा है कि पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां इतनी देर तक चुपचाप खड़ी रह गईं। इसके बाद भी उमर मोहम्मद ने अपनी जान बचाई, यह तो बहुत अजीब है।
 
ये तो देखो, आतंकवादियों की योजना में इतनी खुलासा हो गया, लेकिन फिर भी पुलिस को यह समझने में 10-15 दिन लगे हैं! 🤦‍♂️ इसका मतलब यह है कि हमारी पुलिस को अभी भी बहुत ज्यादा सीखने की जरूरत है। और यह भी हैरानियाकरना है, कि एक युवक जो सिर्फ़ सोता था, लेकिन फिर भी उसे अरेस्ट कर लिया गया। लगता है कि पुलिस ने पहले तो बहुत अच्छी चीजें देख ली, लेकिन फिर भी गलत निर्णय लिए।
 
अगर इन आतंकवादियों को पकड़कर देश में रोका जा सके, तो हमारे शहरों में ऐसे अन्य हमलों को रोकने की संभावना है।

diagram: एक रेलगाड़ी जिसमें एक ब्लॉक अलग है 🚂💥

हमें यह समझना चाहिए कि आतंकवादी समूहों की नींद में घुसने के लिए हमारी सुरक्षा प्रणाली में छेद होने की जरूरत नहीं है।

diagram: एक घर जिसमें दरवाजा फट गया है 🏠😵

हमें अपनी सुरक्षा और जिम्मेदारियों पर ध्यान देना चाहिए।

diagram: एक व्यक्ति जो अपने बच्चे की तस्वीर ले रहा है, एक खुली आंख 📸👦
 
वाह! यह तो बहुत बड़ा और खतरनाक मामला है। मैं हर लाल किले पर लगने वाले सीरियल ब्लास्ट की पूरी जांच करूंगा, क्योंकि ये कैसे हुआ, इसकी खामोशियाँ समझानी चाहिए। और यह तो फोर्ड इकोस्पोर्ट कार में ऐसा कैसे हुआ, यह सोचकर मैं खुश नहीं हो रहा हूँ। पुरानी कारों का इस्तेमाल करने से इतना खतरनाक हमला हुआ, तो यह तो बहुत बड़ा दुर्भाग्य है।

मैं हिंदुस्तान की सबसे बढ़िया कंपनियों में से एक हुंडई की प्रशंसा करता हूँ, लेकिन ऐसी गाड़ी का इस्तेमाल आतंकवादियों द्वारा करने में कैसे संभव हुआ, इसका जवाब मुझे नहीं मिल रहा है। और यह तो पुलिस के लिए इतना खतरनाक हमला होने पर, उन्हें अपनी गाड़ियों की जांच करनी चाहिए।

मैं इस मामले में सभी सुरक्षा कंपनियों की बात करूंगा, जैसे कि हरसिंह रावत जी की सुरक्षा कंपनी, उन्हें इस तरह के हमलों को रोकने में मदद करनी चाहिए। और आतंकवादियों को फिर से ऐसे हमले कराने की अनुमति नहीं देनी चाहिए, हमारे देशभर में।
 
ये तो बहुत बड़ा मामला है, और यह जानकारी हमेशा से रही होगी, लेकिन अभी तक कोई ऐसी गतिविधि नहीं हुई थी। इसका मतलब यह नहीं है कि आतंकवादियों ने कभी भी इस तरह की योजना बनाई थी। लेकिन अगर ऐसा हो गया तो इसके पीछे क्या मकसद था, यह तो जानने की जरूरत है।
 
ये तो बहुत बड़ा और गंभीर मामला है। यह सुनकर अच्छा लगता है कि पुलिस ने ये सब जांच ली है और आतंकवादियों को पकड़ लिया है, बस एक सवाल है कि क्या देशभर में इन 32 गाड़ियों के जरिए हुए सीरियल ब्लास्ट को सही ढंग से रोका गया था? और जैसे ही DNA की जांच में पता चला है कि उमर मोहम्मद ने समय से पहले ही विस्फोट कर दिया था, तो यह भी एक बहुत बड़ा सवाल उठता है।
 
यह तो बहुत बड़ा हमला हुआ है, और यह तो आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए हमें और भी जागरूक करने की जरूरत है 🚨💥। पुलिस और सुरक्षा बाहों ने बहुत मुश्किलों का सामना किया, लेकिन अभी भी कई सवाल बने हुए हैं 😐

क्या हमें पता नहीं है कि आतंकवादी कार मालिक तक पहुंचने में कैसे मदद करते थे, और इसके लिए हमें और जांच करने की जरूरत है 💡। यह हमला बहुत बड़ा और गंभीर था, और हमें इस तरह के हमलों से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए 🤝

आज के इस मामले से हमें एक बात समझनी चाहिए, कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए हमें सामूहिकता और समर्थन मिलنا चाहिए 🌟। हमें एक साथ आ आना चाहिए और आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए 💪

मैं उम्मीद करता हूं कि इस हमले में शामिल लोगों को न्याय मिलेगा, और हमारी देशभर में सुरक्षा और स्थिरता बनी रहेगी 🙏। यह हमला बहुत बड़ा था, लेकिन हमें हार नहीं माननी चाहिए, बल्कि आगे बढ़ने की जरूरत है 💥 #आतंकवाद खिलाफ_लड़ो #सुरक्षा_और_स्थिरता #एकता_की_जंग
 
aise toh yeh sab kuch bahut bura hai 🤕. kya pata hai ki kai logon ki jindagi kaisi banta hai? 32 kareebaar ki sirf ek din mein kya ho sakta hai? aur in gadiyon ka kya faayda tha? yeh sab kuch apne khol ke dikhana chahiye, nahi toh sirf khatre ki baat ke jharne me dale jaate hain 💔.
 
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