क्या 41 साल बीत जाने के बाद भी कांग्रेस पर सजा नहीं मिल रही है? यह एक बड़ा सवाल है कि क्या इंसाफ कभी होगा? मैं तो उम्मीद करता हूँ कि जल्द ही इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के पीड़ितों को न्याय मिलेगा।
लेकिन ये सवाल भी उठता है कि क्या हमारे समाज में बदलाव होने के लिए हमें संघर्ष करना पड़ेगा?
क्या 41 साल बीत गए हैं और अभी भी इंसाफ नहीं मिल पाया। यह 1984 सिख नरसंहार की यादें अभी भी ताज़ा हैं, लेकिन आज भी हमें लगता है कि न्याय की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है। पीड़ितों के शब्दों सुनने पर दिल दर्द होता है, विशेष रूप से त्रिलोकपुरी 32 ब्लॉक के निर्मल कौर और बागी कौर को। उनकी कहानियाँ हमें याद दिलाती हैं कि यह एक ऐसी घटना थी जिसने जिंदगी को बर्बाद कर दिया था।
कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगाना आसान नहीं है, लेकिन जब बोलते हैं तो मुझे लगता है कि सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर सहित कई लोगों को सजा मिलनी चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाओं को कभी भी फिर से नहीं देखने दिया जाए। एसके फुल्का जी की बात सही है, जब तक इंसाफ नहीं मिलेगा, तब तक लड़ाई चलती रहेगी। लेकिन हमें यह नहीं भूलना है कि समय बहुत महत्वपूर्ण है।