आर्मी चीफ बोले- आज कोई भी देश अकेले सुरक्षित नहीं: साझा इनोवेशन ही सुरक्षा कवच; ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना को ज्यादा आजादी मिली

आज कोई भी देश अकेले सुरक्षित नहीं हो सकता, यह साझा इनोवेशन ही हमारी सुरक्षा कवच बनेगी।

अर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान की खंडित सीमा पर हुए ऑपरेशन सिंदूर ने एक महत्वपूर्ण सबक सीखाया है। भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी, रक्षा विशेषज्ञ, और उद्योग जगत के लोगों सहित सेना के विभिन्न स्तरों पर मिले।

इस दौरान जनरल उपेंद्र ने कहा, "आज दुनिया कई तरह के खतरों से भरी हुई है। और ये खतरे तेजी से बदलते रहते हैं। इसलिए, कोई भी अकेले सुरक्षित नहीं रह सकता। हमें सबको मिलकर काम करना होगा। रक्षा क्षेत्र में इनोवेशन ही सबसे मजबूत सुरक्षा कवच है।"

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया, "हमारी सेना अब ड्रोन युद्ध, क्वांटम टेक्नोलॉजी, 6G और स्पेस मिशन जैसे क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रही है। हम ऐसी तकनीकों पर काम कर रहे हैं जो नागरिक और सैन्य दोनों जगह उपयोगी हों।"

उन्होंने यह भी कहा, "ऑपरेशन सिंदूर ने पूरे देश को एक सूत्र में बांधा। सिद्धांत और तकनीक के संयोजन से मिशन सफल हुआ। पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि हम धर्म युद्ध के अनुयायी हैं और आगे भी यही नीति अपनाएंगे।"

जनरल उपेंद्र द्विवेदी 1 नवंबर को अपने बचपन के स्कूल सरस्वती हायर सेकेंडरी स्कूल पहुंचे थे, जहां उन्होंने अपना पहला पैरीक्षा उत्तीर्ण किया था।

उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर एक धर्म युद्ध था, यह आगे भी जारी रहेगा। हमने किसी भी निर्दोष को नुकसान नहीं पहुंचाया, न ही नमाज या किसी भी धार्मिक प्रार्थना के समय हमला किया।"

जनरल उपेंद्र ने यह भी कहा, "जमीन पर कब्जा भारत में जीत का असली 'करेंसी' या पैमाना है।"
 
बिल्कुल सही कहा जनरल द्विवेदी, सुरक्षा कवच हमेशा नई तकनीक और विकास पर निर्भर करता है . लेकिन मुझे लगता है कि हमारी सेना को अपनी गुणवत्ता और प्रतिभा को दिखाना भी जरूरी है। और जनरल, तुम्हारी बातें सुनकर मुझे खुशी हुई कि तुमने अपने बचपन के स्कूल की यादें साझा की हैं।

लेकिन, मैं सोचता हूँ कि हमारी सेना को अकेले ऑपरेशन सिंदूर पर भरोसा नहीं करना चाहिए। हमें अपनी विविधता और तकनीकों को भी स्वीकार करना होगा। 6G और स्पेस मिशन जैसी नई तकनीकों पर जोर देने की जरूरत है, ताकि हम अपनी सुरक्षा कवच मजबूत बना सकें।

फिर, जनरल, तुम्हारी बातें सुनकर मुझे यह भी लगता है कि हमारी सेना को नागरिकों और सैन्यों दोनों जगह उपयोगी तकनीकों पर काम करना चाहिए। ताकि हम अपनी सुरक्षा कवच मजबूत बना सकें और समाज में भी मदद कर सकें।
 
अगर युद्ध में हमारी सेना की बात करते हैं तो देश को एक बार फिर किया गया पुलिस शांति में बदल गया। लेकिन जो भी हो, हमारी सैनिकों ने बहुत बड़ी ताकत और बहादुरी का प्रदर्शन किया है 🙌। और अगर हम तकनीक की बात करें तो हमें जरूर ऐसे सुरक्षा उपाय करने चाहिए जिससे फिर भी कोई खतरा न बने।
 
ऐसा लगता है कि हमारे सैनिकों और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कुछ तो करना ही पड़ता है, लेकिन सबको मिलकर काम करने की जरूरत नहीं है। देश की सुरक्षा पर खुद को भरोसा कराने की जरूरत नहीं। 6G और स्पेस मिशन जैसी नई तकनीकों के बारे में बोलते समय हमें याद रखना चाहिए कि ये तकनीक अभी तक पर्याप्त न रही है।
 
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