अजित पवार के बेटे से जुड़ा जमीन सौदा: मंत्री बावनकुले बोले- '42 करोड़ का स्टांप शुल्क नोटिस पूरी तरह कानूनी'

बावनकुले ने गुरुवार को कहा, 'मैंने कल मामले की जांच के लिए कहा था। जांच के बाद सामने आया है कि पंजीयन और राजस्व विभाग ने सही कार्रवाई की है। लेन-देन का मूल्य 300 करोड़ रुपये दिखाया गया था, जिस पर 21 करोड़ रुपये का स्टांप शुल्क लगाया गया था।'
 
बाबा, यह तो बहुत बड़ा मामला है! पंजीयन और राजस्व विभाग ने सही कार्रवाई की है, लेकिन मुझे लगता है कि इसके पीछे कुछ और होने की संभावना है। जैसे कि कहीं किसी बड़े कंपनी को यहाँ कुछ छुपाने का प्रयास हुआ होगा। लेकिन फिर भी, मैं उनके द्वारा की गई कार्रवाई की सराहना करता हूँ। अब जांच और सबकुछ साफ होने की उम्मीद है, और मुझे लगता है कि जल्द ही सब कुछ पता चलेगा।
 
बच्चों को बचाएं, लेकिन देश की बातें करना भूल ना 😕 इस सरकार में तो हर काम ही कुछ गलत है 🤦‍♂️ पंजीयन और राजस्व विभाग के लोग क्या कर रहे थे, यह पता चलने पर बहुत खुश हूँ 🙌 लेकिन लेन-देन का मूल्य 300 करोड़ रुपये और स्टांप शुल्क 21 करोड़ रुपये इतना बड़ा है, यह तो सरकारी प्रक्रियाओं में सुधार करने का एक अच्छा मौका है 🤝
 
नमस्ते दोस्तों! तुम्हारी जानकारी में कुछ अजीब भी है... अगर पंजीयन और राजस्व विभाग ने सही कार्रवाई की है तो फिर 300 करोड़ रुपये लेन-देन का मूल्य दिखाया गया था? यह तो बहुत बड़ा स्टांप शुल्क लगाने का मतलब है। मुझे लगता है कि कुछ भी सही नहीं है, हमें और जानकारी चाहिए, फिर क्या हुआ? किसने यह लेन-देन किया, और पंजीयन और राजस्व विभाग ने इतनी बड़ी राशि कितनी जल्दी लगाई थी। तुम्हारी जानकारी में सुनिश्चितता नहीं है, हमें और जानने की जरूरत है।
 
बहुत बड़ी बात है! 🤩 यह तो सबकुछ ठीक से चल रहा है, पंजीयन और राजस्व विभाग ने सही काम किया, लेन-देन का मूल्य 300 करोड़ दिखाई दे गया। 21 करोड़ रुपये का स्टांप शुल्क लगाना थोड़ा अधिक हुआ, लेकिन नहीं तो सब ठीक न चले। 🤑
 
बहुत अजीब तो यह बात है कि पंजीयन और राजस्व विभाग ने सही कार्रवाई की है, लेकिन देखना ही दिलचस्प होगा कि क्या सच्चाई बाहर आती है। मुझे लगता है कि लेन-देन का मूल्य तो वास्तव में 300 करोड़ रुपये था, जैसा कहा गया है, लेकिन स्टांप शुल्क में कुछ भी गलत नहीं है। प्रशासन की चालाकी की बात तो हो सकती है कि वे सब कुछ सही साबित करने की कोशिश कर रहे हों। लेकिन सच्चाई तो हमेशा सबसे अच्छी होती है, न? 🤔
 
जी बिल्कुल अरे यार, यह सब कुछ तो बहुत ही अजीब है कि पंजीयन और राजस्व विभाग ने सही कार्रवाई की। मैंने हाल ही में भी सुना था कि 300 करोड़ रुपये का लेन-देन कैसे हो सकता है, जिस पर एक स्टांप शुल्क इतनी मोटी कितना चारा लगा गया। और फिर यह सब क्यों? तो कोई बतायेगा? यार, बस इस बात पर जोर देना है कि ऐसे मामले जैसे कि ये हमारे देश की नाक लगने वाली चीजें हैं। लेकिन फिर भी मैं समझ नहीं पाया, तो क्या खैर, बस यह सुनकर मुझे थोड़ा दुख हुआ।
 
मुझे लगता है कि ये सब फिर से एक बड़ा विवाद बन जाएगा... बावनकुले जी को बिल्कुल भी गलत नहीं समझना चाहिए। क्योंकि अगर सही तरीके से पंजीयन और राजस्व विभाग ने अपनी कार्रवाई की है, तो शायद कुछ गलत नहीं है। लेकिन अगर जांच में यह पाया गया है कि लेन-देन का मूल्य 300 करोड़ था, और पर 21 करोड़ रुपये का स्टांप शुल्क लगाया गया था, तो शायद कुछ इस तरह से गलत नहीं था... लेकिन फिर भी जांच के बाद यह मामला निकल आया है, तो हमें आगे देखना होगा।
 
बतौर तो यह अच्छी खबर है! पंजीयन और राजस्व विभाग ने सही कार्रवाई की, ऐसे में देश के विकास में बाधा नहीं आ रही। लेकिन 300 करोड़ रुपये का लेन-देन सोचो तो भी ऐसा है यार, यह अच्छा नहीं लग रहा। अगर सब कुछ सही था तो क्यों इतनी मुश्किल हुआ? लेकिन फिर यह भी देखें कि सच्चाई निकल आ गई है, जांच के बाद सामने आया है और अब ध्यान इस पर दिया जाएगा।
 
आज़ादी के बाद से हमारा देश है तेजी से बढ़ता रहा है, लेकिन कभी-कभी यह तेजी धीमी पड़ जाती है। आइए इस मामले को अच्छी तरह समझने की कोशिश करें। पंजीयन और राजस्व विभाग ने सही कार्रवाई की है, लेकिन इसमें कुछ गलत भी हो सकता है। लेन-देन का मूल्य इतना बड़ा है तो यह संदेह बढ़ाता है। पैसे की चोरी मामलों को देखकर लगता है कि हमें इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
 
बिल्कुल, यह सब साफ निकलेगी... पंजीयन और राजस्व विभाग को तो कभी ऐसा मामला नहीं आया होगा... लेकिन ये जांच में कुछ गड़बड़ी होने का दिखाई दिया है। 300 करोड़ रुपये का लेन-देन? यह तो बड़ा पर्दा है... और स्टांप शुल्क 21 करोड़ रुपये? इसमें सरकार की छाप मिल गई होगी, निश्चितता है।
 
मुझे लगता है कि ये सब सही तरीके से नहीं चल रहा है। पंजीयन और राजस्व विभाग को पता होना चाहिए कि लेन-देन के मामले में 21 करोड़ रुपये का स्टांप शुल्क लगाना सही तरीका नहीं है। अगर सच्चाई प्रकट होती तो क्या? अब यह तो पूरे देश की निगाहों पर है।
 
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