बिहार चुनाव के बीच तेज प्रताप पर मेहरबान हुई भाजपा, मिली Y Plus सिक्योरिटी

बिहार में चुनावों के बीच तेज प्रताप पर मेहरबान हुई भाजपा, उनके लिए य Plus सिक्योरिटी मिल गई। 2015 में RJD से महुआ जीतने वाले तेज प्रताप इस बार JJD के संस्थापक के रूप में सीट दोहराने उतरे। हाल ही में, उन्होंने आयोग पहुंचा, जहां श्याम किशोर चौधरी के नामांकन रद्द करने की मांग की। चौधरी, जिन्हें JJD का सिंबल मिला था, ने बिना अनुमति महागठबंधन और VIP प्रमुख मुकेश सहनी से समर्थन लिया। आयोग ने तेज प्रताप से पार्टी लेटरहेड पर लिखित शिकायत मांगी।

पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को हुई, जिसमें महुआ शामिल थी। तेज प्रताप ने वोटरों से अपील की, 'महुआ के लोग इस बार निराश नहीं होंगे।' नडीए के समर्थक इसे भाजपा की 'मेहरबानी' बता रहे, जबकि RJD नेता रोहिणी आचार्य ने भाई को आशीर्वाद दिया।
 
नरेश को फिर से जीत हासिल हुई है 🤩, लेकिन तेज प्रताप को लगता है कि बिहार में चुनावों में मेरबानी बहुत भारतीय है 😂
 
अरे वाह, ये तो भाजपा की मेहरबानी है बिल्कुल! 🤦‍♂️ तेज प्रताप को ऐसा सुरक्षा प्रदान करने का क्या मकसद? चुनावों में उनके लिए मदद करना? और रोहिणी आचार्य ने भाई को आशीर्वाद दिया, लेकिन मुझे लगता है कि यह तो JJD की बुराई दिखाने की कोशिश है। 🙄 चौधरी ने बिना अनुमति से समर्थन लिया, यह तो बहुत बड़ी गलती है!

मुझे लगता है, भाजपा ने बस राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में जीतने के लिए तेज प्रताप की मदद कर रही है। लेकिन चुनावों में ईमानदारी और नैतिकता से लड़ना जरूरी है, नहीं तो हमेशा यही दिखाई देगा। 🤝
 
तेज प्रताप पर मेहरबानी किस बात है? उनके लिए सुरक्षा से पहले वोटों की संख्या बढ़ाने की क्या जरूरत थी? 🤔

पार्टियों के नेताओं को अपने समर्थकों की अपेक्षाओं पर ध्यान देना चाहिए, न कि फैक्ट्री में मशीनरी सेट करना।

ये तेज प्रताप की जीत है या भाजपा की फायदा? 🤑
 
तेज प्रताप को ये मिल गया है जो तो अच्छी बात नहीं है, भाजपा को अपने गले में लगाने वाली जीत तो राजद लोगों को नुकसान पहुंचाईगी। महुआ में इतनी घूम-घूम करे तेज प्रताप, यह तो रोहिणी आचार्य साहब की बात है, वह तो हमेशा तेज प्रताप के लिए दीवानी रही, लेकिन आज का चुनाव इस बात पर जोर देगा कि तेज प्रताप किस तरह की मदद मिली। नडीए और भाजपा को अपने समर्थकों से कहिए, यह 'मेहरबानी' क्यों है, और राजद लोगों को खेद है कि उनकी बेटियाँ इस तरह परेशान हो रही हैं।
 
तेज प्रताप पर भाजपा की मेहरबानी तो है लेकिन यह सवाल उठता है कि वोटरों को यह कैसे पसंद आएगा? महुआ के लोग ज्यादातर गरीब और मध्यम वर्ग से हैं, लेकिन आज भाजपा इनमें से किसी को भी अपनी पार्टी में शामिल नहीं कर पा रही थी। तो यह कैसे हुआ? 🤔
 
तेज प्रताप पर जेडीजीडी से लड़ने वालों के मन में एक सवाल है कि अगर उन्होंने अपना पक्ष चुन लिया था, तो इतनी जल्दी विपक्षी पार्टी से समर्थन करने का क्या कारण था।
 
तेज प्रताप की बात में ज्यादा मजाक नहीं है 😂, वाह! जस्टिस आंदोलन के संस्थापक श्याम किशोर चौधरी ने तो भाजपा से समर्थन लिया और रद्द करने की बात कही! यह बहुत अजीब लग रहा है 🤔, मैंने सुना था कि जस्टिस आंदोलन में कुछ ऐसी चीजें होती हैं जो सच नहीं होतीं। लेकिन तेज प्रताप ने आयोग में जाकर शिकायत दर्ज कराई और अब उसके लिए य Plus सिक्योरिटी मिल गई 🚫, यह कुछ देर पहले ही सुना था। मुझे लगता है कि चुनावों में बिहार की जनता जो भी वोट देती है, उसका परिणाम अच्छा नहीं होना चाहिए 🤞, तेज प्रताप की सीट बचाने के लिए यह सब कुछ हुआ!
 
🤔 तेज प्रताप को भाजपा की मेहरबानी कहकर बैठना नहीं है। वाही उनके लिए य+ सुरक्षा हुई है, लेकिन राजनीति में सब कुछ ठीक से होना चाहिए। RJD से जीतने वाले तेज प्रताप ने 2015 में महुआ से जीता, फिर भी उनके खिलाफ आयोग की शिकायत हुई। अब उन्होंने जेडीजेड के नामांकन रद्द करने की मांग की, लेकिन ऐसा लगता है कि वे अपने पार्टी चुनाव से दूर हो गए हैं। 🤷‍♂️
 
तेज प्रताप पर मेहरबानी होना सुनकर बहुत अच्छा लगता है 🤔। यह तो उनके लिए बहुत फायदेमंद होगा, खासकर जब हम बात कर रहे थे कि JJD का सिंबल से वोट जीतना मुश्किल है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनकी पार्टी ने चुनावों में बहुत अच्छी तरह से तैयारी की है। क्या उन्होंने अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए कुछ किया था? 🤷‍♂️

और शायद यह भी सच है कि NDA के समर्थक तेज प्रताप को 'मेहरबान' बता रहे हैं। लेकिन मुझे लगता है कि वोटों की डायलॉग में बहुत सारे दिलचस्प खेल होते रहते हैं 🎲
 
तेज प्रताप पर मेहरबानी होने से क्या होगा 🤔 जो जीत गए वो अपने दोस्तों और परिवार को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं देते तो अच्छा लगता है ना? लेकिन रोड डेप्थ भारतीय पोलिटिक्स में बहुत ज्यादा नहीं सिर्फ यही एक बात है ।
 
तेज प्रताप की बीजेपी को मिली ये मेहربानी क्या सुधर होगी? 🤔 चुनाव में उनकी जीत केवल उनकी मेहनत नहीं बल्कि BJP की समर्थन में रोहिणी आचार्य और अन्य नेताओं के साथ गठबंधन का परिणाम है। लेकिन हमें यह भी सवाल करना चाहिए कि महुआ के लोग वास्तव में निराश नहीं होंगे, या फिर बीजेपी ने उन्हें आश्वस्त करने के लिए सिर्फ एक बयान दिया। 🤝
 
राजनीति तेज हो जाती है और लोग अपने-अपने हिस्से के लिए लड़ने लगते हैं... 🤔 तेज प्रताप की हार में जीतने वालों को अच्छा मौका मिला? क्या यह सही राजनीति है? 🤑

जैसे ही तेज प्रताप ने आयोग पहुंचाया, तो सभी राजनेताओं पर ध्यान केंद्रित हुआ... लेकिन उन्होंने सीख नहीं लिया कि यह देश एक बड़ा उत्पादक है, जहां हर व्यक्ति अपने करिश्मे और मेहनत से आगे बढ़ सकता है... 💪

महुआ जीतने वालों को भी कुछ सीखने की जरूरत है कि राजनीति में सही समय पर सही बात कहें, नहीं तो दूसरों के पीछे-पीछे चलना पड़ता है... 😂
 
तेज प्रताप को इस बार मिली ये 'मेहरबानी' बहुत ही अजीब लगती है 🤔। तेज प्रताप का राजनीतिक करियर सिर्फ महुआ और उनके समर्थकों पर आधारित है, लेकिन उन्हें अपनी पार्टी के नियमों का पालन करना चाहिए। इससे पहले वे RJD से चुनाव लड़कर महुआ जीतते रहे, लेकिन अब वे JJD के संस्थापक के रूप में सीट दोहराने उतरे। यह तो एक अजीब ही परिवर्तन लगता है 🔄
 
तेज प्रताप की शिकायत को सुनना चाहिए, लेकिन बहुत तेजी से आरोप लगाना नहीं। उन्हें अपनी पार्टी के नियमों का पालन करना चाहिए। आयोग की बात समझनी चाहिए, फिर कुछ देर का इंतजार करें। श्याम किशोर चौधरी के नामांकन रद्द होने से पहले, उन्हें अपने दोस्त मुकेश सहनी को बताना चाहिए। यह सब बहुत भाईचारा है 🤝
 
तेज प्रताप पर ये मेहरबानी ज्यादा है भाई? यहां तक की भाजपा के लिए भी इस तरह से वोटों को बदलने का तरीका तय कर देने की जरूरत नहीं थी। RJD से जीतने वाले तेज प्रताप को अब JJD का बेटा कहने की जरूरत नहीं, हमें देखकर ही यह समझना चाहिए कि क्या वे अपनी पार्टी की मूल्यों को खोने के लिए तैयार हैं।
 
पार्टी के लिए ऐसा सुरक्षित होना अच्छा है 🤝 तेज प्रताप जी की पार्टी RJD में वोटरों की अपील पर बहुत सिक्योरिटी थी, लेकिन उनको भी आयोग से शिकायत करनी पड़ी दोस्त 🙏 श्याम किशोर चौधरी ने जानबूझकर बिना अनुमति विपक्षी पार्टियों के समर्थन मांगा, तो उनका भी यह फायदा नहीं हुआ 🤔

आइए, तेज प्रताप जी की पार्टी पर ध्यान दें किसने उन्हें वोटरों से आशीर्वाद लेने के लिए कहा, नडीए या भाजपा नहीं? 🤝 उनको यहां तक कि आयोग में भी शिकायत करनी पड़ी क्यों? 😕
 
ये तो बहुत बड़ा खेल है 🤯 तेज प्रताप से भाजपा कितनी मेहरबान हुई, यह तो एक्सप्लेन नहीं कर सकता 🙄 रोहिणी आचार्य ने आशीर्वाद दिया, लेकिन तेज प्रताप का वोट बनाए रखने का तरीका कैसे सीखेगा? 🤔 और यह भी एक सवाल है कि आयोग ने श्याम किशोर चौधरी के नामांकन रद्द करने की मांग क्यों नहीं तो ऐसे तो बहुत बड़ी समस्या बन जाती।
 
Back
Top