‘बिहार के Gen-Z पर राहुल गांधी का कोई प्रभाव नहीं’, कांग्रेस नेता को लेकर ऐसा क्यों बोले पीके?

क्या ये राहुल गांधी को बिहार में चुनौती देना ही सबका काम है 🤔। अगर वह वास्तव में अपना ख्याल हमारे देश में रखते तो उन्हें बिहार में सरकार के नियमों और नीतियों से समझने में भी मदद करनी चाहिए। युवाओं की बात सुनने की बात तो हां, लेकिन एकरूपता नहीं है जैसे जेनरेशन जेड में कहा गया है।
 
बिहार की जन-सुराज पार्टी नेता प्रशांत किशोर का बयान सुनकर मुझे याद आया कि कैसे कोई भी बड़ा फैसला लेने से पहले हमें अपने सामाजिक और आर्थिक स्थिति को समझना होता है 💡

राहुल गांधी जी की सरकार ने बहुत कुछ किया है, लेकिन यह सवाल उठता है कि उनकी राजनीति में युवाओं की आवाज़ कैसे शामिल हो रही है? 🤔

प्रशांत किशोर के बयान से लगता है कि वे बिहार के युवाओं की आवाज़ सुनने के लिए तैयार हैं और उनकी सरकार नीतियों को बदलने के लिए काम करेंगे। यह एक अच्छा संदेश है लेकिन अभी भी सवाल उठता है कि क्या वास्तव में युवाओं की आवाज़ सुनी जाएगी? 🤝
 
मैंने राहुल गांधी की नीतियों को बहुत अच्छाई से नहीं देखा 🤔। उन्हें बिहार की युवा बुद्धिमत्ता को समझने में बहुत हिचकिचाहट हो रही है। प्रशांत किशोर ने सही कहा, जेनरेशन जेड में एकरूपता नहीं है, हमें अपने देश की विविधता को स्वीकार करना चाहिए।
 
🤔 भारत में राजनीति कितनी जटिल है, यह तो तय है लेकिन राहुल गांधी की बात सुनना चाहते हुए हमारे देश में युवाओं को क्या जवाब होगा, जब वे अपने भविष्य के बारे में सोच रहे होंगे। प्रशांत किशोर जी ने सही कहा है कि राहुल गांधी बिहार में उनकी पार्टी को लेकर बस घूमना-फिराता करते हैं, लेकिन देश भर में अपने विचारों को साझा नहीं कर सकते।

किसान और गरीबों को चुनौती देना एक अच्छा पहलू है, लेकिन हमें ये समझना भी जरूरी है कि प्रशांत किशोर जी की पार्टी में क्या विचार हैं और यह कैसे हमारे देश को आगे बढ़ाएगी।
 
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