बिहार की तरह देश के 12 और राज्यों में भी होगा SIR, चुनाव आयोग का बड़ा ऐलान

भारत में चुनाव आयोग ने एक बड़ा ऐलान किया है: सीरीज़ (SIR) की प्रक्रिया भारत के 12 राज्यों में शुरू होने वाली है। यह प्रक्रिया बिहार जैसे राज्यों में पहले से चल रही थी, लेकिन अब देशभर में इसका फायदा उठाया जाएगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले 12 राज्यों में SIR की प्रक्रिया शुरू होगी। इन राज्यों में अंडमान एंड निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

सीरीज़ की प्रक्रिया में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शामिल होगी। इसमें वोटर लिस्ट के अपडेशन, नए वोटरों के नाम जोड़ने और त्रुटियों को सुधारने की प्रक्रिया शामिल होगी।

इस प्रक्रिया में, मतदाताओं को अपने घर पर इन्यूमेरेशन फॉर्म (EF) दिए जाएंगे, और बीएलओ (BLO) घर-घर जाकर इन फॉर्मों को भरेंगे। जब वे इन फॉर्मों को भरते हैं, तो उन्हें 2003 की मतदाता सूची से मिलान करेंगे। अगर नाम और माता-पिता के नाम का विवरण सूची से मेल खाता है, तो मतदाता को कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी।

इस प्रक्रिया के दूसरे चरण की तारीख अभी तक तय नहीं की गई है, लेकिन चुनाव आयोग ने कहा है कि फाइनल ड्राफ्ट लिस्ट 7 फरवरी 2026 को जारी किया जाएगा।

चुनाव आयोग ने असम में SIR के ऐलान नहीं किए हैं, लेकिन इसको लेकर चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा है कि भारतीय नागरिकता कानून में असम की नागरिकता के लिए अलग कानून है, इसलिए सिर्फ असम के लिए अलग से SIR के आदेश जारी किए जाएंगे।
 
यह तो बहुत अच्छी बात है कि चुनाव आयोग ने SIR की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है। इससे मतदाताओं को अपने घर पर इन्यूमेरेशन फॉर्म भरने और बीएलओ से मिलने की जरूरत नहीं होगी, जिससे लोगों का समय और ऊर्जा बचेगी। और यह प्रक्रिया देशभर में शुरू होने वाली है, तो इससे चुनाव में भाग लेने वालों की संख्या बढ़ सकती है। लेकिन क्या इस प्रक्रिया में भी ऐसी गलतियाँ हो सकती हैं जैसे कि मतदाताओं के नाम मेल नहीं खाते? तो चुनाव आयोग से यह तय करना जरूरी है कि इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे। 🤔
 
सीरीज़ की बात है तो यह अच्छा विचार है 🤔, इससे मतदान प्रक्रिया में सुधार होगा और कोई भी गलती नहीं होने देगी। लेकिन अभी भी कई सवाल उठते हैं, जैसे कि यह कैसे सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी वोटर अपने घर पर इन्यूमेरेशन फॉर्म भरेंगे? और अगर कुछ लोग इस प्रक्रिया में दिलासा नहीं करते हैं तो क्या उनके नाम सूची से नहीं हट जाएंगे? यह एक बड़ा सवाल है 🤞
 
तो अब हमारे देश में चुनाव की प्रक्रिया में फिर से बदलाव आ रहा है। यह SIR की प्रक्रिया बहुत अच्छी है, लेकिन मुझे लगता है कि इसमें भी कुछ त्रुटियाँ हो सकती हैं। जैसे कि नए वोटरों के नाम जोड़ने की प्रक्रिया में समय लाग सकता है। और घर-घर जाने वाले BLOs के लिए यह भी एक बड़ी चुनौती होगी। मुझे लगता है कि इस प्रक्रिया में हमें अपने अनुभवों से सबक लेना चाहिए और इसमें सुधार करना चाहिए।

मैं याद करता हूँ जब मेरे गाँव में भी पहली बार चुनाव आयोग की प्रक्रिया शुरू हुई थी। तो हमारे देश में चुनाव की प्रक्रिया में सुधार करने की कोशिश की गई थी, और अब यह SIR की प्रक्रिया बहुत अच्छी है। लेकिन अभी भी हमें अपने देश को बेहतर बनाने के लिए ज्यादा काम करना चाहिए। 🙏
 
सीरीज़ की प्रक्रिया को लेकर मुझे यह बात समझने में दिक्कत है कि इससे चुनाव की प्रक्रिया में गहराई और सटीकता आती है। इसमें मतदाताओं को अपने घर पर फॉर्म भरने की जरूरत है, और बीएलओ उनके घर-घर जाकर इन्हें भरेंगे। इससे मतदाताओं के नाम सूची में शामिल होने की प्रक्रिया में तेजी आती होगी। लेकिन इसके लिए सभी राज्यों में एक ही समय पर इन फॉर्म भरने की जरूरत नहीं होगी, इससे भी कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। 🤔
 
मैंने भी अपने दोस्तों ने बताया है कि उनके परिवार के दादाजी और दादी वो भी मतदान करने के लिए पंजीकरण कराते थे, लेकिन अब ये ऐसा नहीं है, मुझे लगता है कि सब कुछ सुधर गया है 🤔 क्योंकि मेरे दादाजी और दादी अपने घर पर मतदान करने के लिए तैयार थे, लेकिन अब यह ऐसा नहीं है।
 
बिल्कुल सही किया गया है! यह एक अच्छा कदम है ताकि हमारे देश में चुनाव प्रक्रिया साफ और स्वच्छ हो। इससे मतदाताओं को अपने घर पर फॉर्म भरने का मौका मिलेगा और बीएलओ लोगों को जान-मानकर इन फॉर्म्स को भरने का काम आसान होगा। यह तो एक अच्छा विचार है और उम्मीद है कि इससे चुनाव प्रक्रिया में सुधार होगा।
 
अरे, यह बात बहुत अच्छी है! चुनाव आयोग ने SIR की प्रक्रिया को देशभर में शुरू करने का फैसला किया, तो अब सभी राज्यों में मतदाताओं को अपने घर पर इन्यूमेरेशन फॉर्म भरने होंगे। यह तो बहुत आसान होगा और जल्दी से मतदाता सूची अपडेट हो जाएगी। मैं उम्मीद करता हूँ कि इससे चुनावों में भ्रष्टाचार कम हो जाएगा और निष्पक्षता बढ़ेगी।
 
अगर वो 12 राज्यों की सीरीज़ की प्रक्रिया में शुरू होती है तो बिल्कुल फायदा होगा, लेकिन चुनाव आयोग को भारत के अन्य राज्यों की SIR प्रक्रिया में भी सुधार करने पर विचार कराना चाहिए, जैसे कि बिहार जैसे राज्यों में। इससे लोकतंत्र और चुनावी प्रक्रिया में और भी सुधार हो सकता है।
 
सीरीज़ (SIR) की बात करने पर, मुझे लगता है कि यह अच्छी बात है। मतदाताओं को अपने घर पर इन्यूमेरेशन फॉर्म भरने और बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर भरने से इससे बहुत बड़ा फायदा मिलेगा। इससे कोई भी मतदाता कहीं भी नहीं रहने वालों को शामिल करने में मदद मिलेगी।
 
यह बहुत अच्छी खबर है! चुनाव आयोग ने देश भर में सीरीज़ की प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया है, जो मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया को लेकर है। यह बहुत ही सकारात्मक कदम है जो चुनावों में निष्पक्षता और ईमानदारी को बढ़ावा देगा। मतदाताओं के लिए घर-घर जाकर इन्यूमेरेशन फॉर्म भरना और सूची से मिलान करना बहुत ही आसान और प्रभावी तरीका है।
 
मैंने देखा है कि यह SIR प्रक्रिया एक अच्छा समाधान हो सकती है, ताकि हम अपने मतदाताओं की सूची में नाम और विवरण सही रख सकें। अगर हम सब अपने घर पर इन्यूमेरेशन फॉर्म भरकर बीएलओ द्वारा प्राप्त कर लें, तो यह बहुत आसान होगा। मुझे उम्मीद है कि इस प्रक्रिया से मतदाताओं की सूची में त्रुटियां कम होंगी और हमारे चुनाव में बेहतर परिणाम मिलेगा। 🤞
 
राज्यों में चुनाव आयोग ने SIR प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया, लेकिन यह तो 12 राज्यों के लिए है। बाकी राज्यों में सिर्फ 2-3 वर्ष पहले ही ये प्रक्रिया चल रही थी। यह तो एक अच्छा निर्णय नहीं लगता, क्योंकि इससे मतदाताओं के लिए बहुत परेशानी होने वाली है। घर-घर जाने की जिम्मेदारी बीएलओ को सौंपने से उनका काम भी बढ़ जाएगा। और क्या 2003 की मतदाता सूची इतनी सही है? यह तो एक बड़ा सवाल है।
 
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