Bihar: बिहार में फिर निकला जंगलराज का जिन्न! कैसे इस शब्द की शुरुआत हुई और किस तरह लालू ने इससे कब्जाई सत्ता?

बिहार में फिर निकला जंगलराज का जिन्न!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार में चुनाव प्रचार के जोर पकड़ते ही फिर से इस जंगलराज शब्द का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इस शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर राजद सरकार के 15 साल के शासन की आलोचना के लिए किया जाता है, लेकिन अब विपक्षी पार्टियां भी इस शब्द का इस्तेमाल करने लगी हैं। यह तो एक अच्छा दिशा-निर्देश नहीं है।

राजद सरकार के 15 वर्षों के शासन के दौरान बिहार में अपराध की दर बहुत ज्यादा थी और कानून व्यवस्था कमजोर थी। लेकिन आज भी राजद सरकार ने अपने शासन के दौरान हुए अपराधों को छिपाया है।

राजनीतिक विरोधियों ने जंगलराज शब्द का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था, जब राजद सरकार भारी दबाव में थी। लालू प्रसाद यादव खुद पिछड़ी जाति से आते हैं। उन्होंने कहा कि वे गरीब और शोषित वर्ग से आते हैं और पहली बार गरीब वर्ग, उच्च वर्ग के सामने सिर ऊंचा करके जी रहा है और उच्च वर्ग का प्रभुत्व कम हो रहा है। लालू यादव जनता को ये समझाने में सफल रहे कि विपक्षी जंगलराज खत्म करने की बात करके असल में गरीबों और पिछड़ों के राज को खत्म करना चाहते हैं।

अब तक भी राजद सरकार ने अपने शासन के दौरान हुए अपराधों को छिपाया है। यह तो एक अच्छा दिशा-निर्देश नहीं है।

बिहार में राजद को सत्ता से बाहर हुए दो दशक का समय बीत चुका है, लेकिन अभी भी राजद जंगलराज शब्द से पीछा नहीं छुड़ा पाई है। तेजस्वी यादव की आज सबसे बड़ी चुनौती राजद की जंगलराज वाली छवि से छुटकारा है।

इस शब्द को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया, लेकिन उनकी लाख कोशिशों के बावजूद राजद अभी तक जंगलराज शब्द से पीछा नहीं छुड़ा पाई है और यही वजह है कि चुनाव में विपक्षी पार्टियां अक्सर इसे मुद्दा बनाती हैं और शायद कहीं न कहीं ये आज भी प्रभावी है।
 
मुझे लगता है कि लालू प्रसाद यादव को उनके समय में भारी दबाव में होने की बात समझनी चाहिए थी। उन्होंने अपने विपक्षियों के खिलाफ जंगलराज शब्द का इस्तेमाल करने से पहले गरीब और शोषित वर्ग की समस्याओं पर ध्यान आकर्षित किया था। उनकी सरकार में अपराध की दर बहुत ज्यादा थी, लेकिन उन्होंने अपने विपक्षियों से बेहतर काम करने का दावा किया था।

अब तक भी राजद सरकार ने अपने शासन के दौरान हुए अपराधों को छिपाया है। लेकिन मुझे लगता है कि तेजस्वी यादव जी ने सही रणनीति बनाई है और उन्हें जंगलराज शब्द से पीछा नहीं छुड़ने देना चाहिए।
 
बिहार में राजनीतिक संघर्ष का यह दौर है जो हमेशा रहेगा। लेकिन जब ऐसा शब्द जंगलराज का इस्तेमाल किया जाता है, तो इसका मतलब यही होता है कि सरकार भी अपने अपराधों और अनियमितताओं पर अंजाम देने में असफल रही।

मेरी राय में ऐसा शब्द इस्तेमाल करना अच्छा नहीं है, खासकर जब विपक्षी पार्टियां भी इसका इस्तेमाल शुरू कर देती हैं। इससे राजनीतिक दिशा-निर्देश तय नहीं होता।

बिहार में राजद सरकार के 15 सालों के शासन के दौरान अपराध की दर बहुत ज्यादा थी, लेकिन अभी भी उन्होंने अपने शासन के दौरान हुए अपराधों को छिपाया है। यह तो एक अच्छा दिशा-निर्देश नहीं है।

इसलिए, मेरी राय में ऐसे शब्दों से बचना चाहिए जो सरकार पर नकारात्मक ध्यान डालते हैं। इसके बजाय सरकार को अपने अपराधों और अनियमितताओं के लिए जवाबदेह ठहराना चाहिए।
 
मुझे लगता है कि जंगलराज शब्द का इस्तेमाल करना एक अच्छा तरीका नहीं है, लेकिन बिहार में अपराध की दर को कम करने के लिए कुछ भी करना जरूरी है। मैंने अपने चाचाजी ने बताया है कि पिछले दशक में पटना से एकदम अलग शहर गया था और वहीं कानून व्यवस्था बहुत अच्छी थी।
 
अरे, देखो तो बिहार की जंगलराज पर बोलते रहना ही नहीं है, बस इस पर थोड़ा सा ध्यान देना चाहिए। 15 साल पहले जब राजद सरकार थी, तो अपराध की दर बहुत तेज़ थी, लेकिन अब भी वे सरकार ने अपने शासन में हुए अपराधों को छिपाया है। 🤔

मुझे लगता है कि चुनावों में जंगलराज शब्द का इस्तेमाल करना एक अच्छा तरीका नहीं है, लेकिन अगर विपक्षी पार्टियां इस शब्द को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती हैं, तो यह सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए है। 🤑

अब तेजस्वी यादव ने जंगलराज पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है, लेकिन मुझे लगता है कि यह एक अच्छा दिशा-निर्देश नहीं है। 🚶‍♂️
 
🤔 बिहार में जंगलराज शब्द का इस्तेमाल करने से पहले एक सवाल उठता है - इसका अर्थ यह है कि राजद सरकार वास्तव में अपने शासन के दौरान हुए अपराधों को लेकर सच बताएगी या नहीं? 🤷‍♂️ आज भी जब तक विपक्षी पार्टियां इस शब्द का इस्तेमाल करती रहती हैं, तभी तक यह एक अच्छा दिशा-निर्देश नहीं माना जा सकता। राजद सरकार ने अपने शासन के दौरान हुए अपराधों को छिपाया है और इसके लिए विपक्षी पार्टियां इस शब्द का इस्तेमाल करती रहती हैं ताकि उन्हें राजनीतिक फायदा हो। 🤦‍♂️

बिहार में चुनावों से पहले जब तक हम जंगलराज शब्द के बारे में नहीं बातते, तब तक यह एक अच्छी छवि नहीं थी। लेकिन अब जब तक यह शब्द फिर से इस्तेमाल हो रहा है, तभी तक हमें अपनी सरकार की सच्चाई पर ध्यान देना चाहिए। 📊
 
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