Bihar: कोई बिना चुनाव लड़े बना मंत्री...किसी को विरासत का फायदा; नीतीश की नई कैबिनेट में परिवारवाद का बोलबाला

नीतीश कैबिनेट में परिवारवाद का बोलबाला, राजद ने सूची जारी की, निशाना पूर्व मंत्रियों और विधायकों पर

राजद ने नई कैबिनेट पर निशाना साधते हुए एक्स पर लिखा है। उन्होंने बताया है कि नीतीश की सरकार में ऐसे कई मंत्री हैं जो राजनीतिक पृष्ठभूमि से आते हैं। इनमें ज्योति मांझी, दीपा मांझी, सम्राट चौधरी, दीपक प्रकाश, श्रेयसी सिंह, रमा निषाद, अशोक चौधरी, नितिन नबीन, सुनील कुमार, लेसी सिंह आदि शामिल हैं।

राजद ने एक्स पर लिखा, "मैं पूर्व मुख्यमंत्री व गया से सांसद और वर्तमान केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का पुत्र, वर्तमान विधायक ज्योति मांझी का दामाद और वर्तमान विधायक दीपा मांझी का पति संतोष सुमन मांझी!"

इस तरह, राजद ने नीतीश कैबिनेट पर निशाना साधते हुए बताया है कि यह एक परिवारवादी सरकार है, जहां परिवार के लिए प्राथमिकता दी जा रही है।
 
अरे, ये तो राजनीतिक पार्टियों में कितनी बुराई है! नीतीश की सरकार में इतने परिवारवादी मंत्री हैं कि यह एक परिवारवादी सरकार बन गया है। पहले वे कहते थे कि राजनीति में कोई परिवार नहीं होता, लेकिन अब यह दिखाई देता है कि परिवार सब कुछ है।

मुझे लगता है कि यह एक बड़ा मुद्दा है और हमें इस पर सोचते समय चिंतित होना चाहिए। अगर सरकार में इतनी परिवारवादी है, तो यहां तक कि विधायकों और पूर्व मंत्रियों पर भी निशाना साधा जा रहा है! यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है।
 
क्या भाई, यह तो बहुत दिलचस्प है! नीतीश कैबिनेट में परिवारवाद की बात सुनकर मुझे लगता है कि यह एक बड़ा मुद्दा है। राजद ने ज्योति मांझी, दीपा मांझी, सम्राट चौधरी आदि लोगों का नाम लेकर कहा है कि ये सभी परिवारवादी सरकार में हैं। मुझे लगता है कि यह एक अच्छा सवाल है, क्या यह सच है कि परिवार के लिए प्राथमिकता दी जा रही है? [🤔]
 
नीतीश जी की नई कैबिनेट में तो बहुत से ऐसे मंत्री हैं जो राजनीति से संबंध नहीं रखते, बल्कि उनकी सरकार में परिवारवादी नीतियां हैं। यह अच्छा नहीं है, क्योंकि इससे राजद नेताओं को अपने हमलों में तानाशाही दिखाई दे रही है। शायद, पार्टी की जिम्मेदारी से बचने की वजह से।
 
नीतीश की नई कैबिनेट में परिवारवाद की बात कहीं तो नहीं मिलेगी, यह तो खुल कर माना जा सकता है । ज्योति मांझी से लेकर दीपक प्रकाश तक, सभी मंत्रियों के पास परिवारवाद की बात कहीं न कहीं मिलेगी, यह तो जरूर होगा। राजद ने सही कहा है, यह सरकार वास्तव में एक परिवारवादी सरकार है।
 
नीतीश की नई कैबिनेट में परिवारवाद का बहुत बोलबाला हो गया है, यह अच्छा नहीं होगा, मेरे खयाल में। अगर सरकार में परिवारवादी नेताओं को पहले से ही बहुत महत्व दिया जाता है, तो ऐसे कई मंत्री शामिल हुए हैं जो राजनीतिक पृष्ठभूमि से नहीं आए हैं, उन्हें भी सरकार में महत्वपूर्ण पद दिए गए हैं।

मुझे लगता है कि यह एक बड़ा मुद्दा है, चुनाव के बाद ऐसे कई मंत्रियों को पद दिलाना एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। और अगर सच में सरकार में परिवारवादी नेताओं की संख्या बढ़ने लगी, तो यह हमारे राजनीतिक प्रणाली को भी प्रभावित कर सकती है।
 
नीतीश जी को खेद होगी 🤔, मैं उनकी सरकार के निर्णयों से असहमत हूँ। हमें यह नहीं चाहिए कि राजनीतिक प्रतिनिधित्व परिवारवादी बन जाए। हमें अपने देश को मजबूत करने के लिए एक्यूटल और योग्य लोगों से भरा सरकार चाहिए, न कि परिवार के सदस्यों से। इसके अलावा, यह भी सवाल उठता है कि अगर परिवारवादी सरकार बन जाए तो इससे राजनीतिक प्रतिस्पर्धा और विपक्ष की शक्ति कैसे कम होगी। 🤷‍♂️
 
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