चेन्नई के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी (NIOT) में समुद्रयान आकार ले रहा है, जिसके 50% हिस्से स्वदेशी हैं। यह खास वैज्ञानिक पनडुब्बी भारत के 'डीप ओशन मिशन' का एक हिस्सा है।
समुद्रयान मिशन भारत का पहला मानवयुक्त समुद्र मिशन है, जिसका मकसद मत्स्य-6000 नाम के मानवयुक्त पनडुब्बी में 3 वैज्ञानिकों को समुद्र की 6,000 मीटर की गहराई तक भेजना है। यह परियोजना स्वदेशी बुनियादों और तकनीकों पर आधारित है, जैसे कि इलेक्ट्रॉन बीम वेल्डिंग।
समुद्रयान इस 6,000 मीटर गहराई तक पहुंचेगा, जहां दो भारतीय एक्वानॉट्स अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। यह पहला समय है जब कोई भारतीय समुद्री अनुसंधान टीम इस गहराई पर जाएगी।
समुद्रयान मिशन भारत का पहला मानवयुक्त समुद्र मिशन है, जिसका मकसद मत्स्य-6000 नाम के मानवयुक्त पनडुब्बी में 3 वैज्ञानिकों को समुद्र की 6,000 मीटर की गहराई तक भेजना है। यह परियोजना स्वदेशी बुनियादों और तकनीकों पर आधारित है, जैसे कि इलेक्ट्रॉन बीम वेल्डिंग।
समुद्रयान इस 6,000 मीटर गहराई तक पहुंचेगा, जहां दो भारतीय एक्वानॉट्स अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। यह पहला समय है जब कोई भारतीय समुद्री अनुसंधान टीम इस गहराई पर जाएगी।