‘चुनाव आयोग की छाती पर बुलडोजर…’ अनंत सिंह के लिए प्रचार करने गए ललन सिंह को EC ने जारी किया नोटिस

चुनाव आयोग की छाती पर बुलडोजर चढ़ाते हुए एक बयान करने के लिए ललन सिंह को नोटिस में रखा गया है। उनकी यह बातें जदयू पार्टी के समर्थन में आयोजित रोड शो और सभा के दौरान सुनाई गईं। उन्होंने कहा, "कमान संभाल लीजिए।"

लेकिन क्या यह बयान चुनाव में जीतने की रणनीति है या न केवल वोटरों को दंगा करने की प्लान?

चुनाव आयोग ने इस बयान से नाराजगी जताई और ललन सिंह पर नोटिस जारी किया। पार्टी के इस बयान ने विरोध को जन्म देने के लिए कुछ लोगों को मिला है।

इसके अलावा, बिहार के राजधानी पाटना स्थित एक समाचार चैनल, के मुताबिक, ललन सिंह ने रोड शो के दौरान कहा, "गरीबों को वोटिंग के दिन घर से निकलने नहीं देना है, घर में बंद कर देना है। अगर ज्यादा हाथ-पैर जोड़ेगा, तो अपने साथ ले कर वोट गिराने दिए।"

यह बयान बहुत बड़ा मुद्दा बन गया है और यह पूरी तरह से चुनाव आयोग की छाती पर बुलडोजर लगाकर किया गया है। चुनाव आयोग ने इस बयान को लेकर ललन सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उन्हें दंडित करने का प्रावधान है।

चुनाव आयोग ने कहा, "इस बयान से चुनावी जीत की रणनीति बनाकर वोटरों को दंगा करने का प्रयास किया गया है, इसलिए हमें इसका खाता चलाना पड़ेगा।"
 
बिल्कुल तो यह बयान सच में जदयू पार्टी की ओर से वोट बैंक की गोली लगाने की तरह लग रहा है 🤔, लेकिन इसके पीछे क्या कारण हैं? क्या चुनाव आयोग ने सही रणनीति बनाई है? और जदयू पार्टी को इस तरह के बयान से क्या फायदा होगा? तो यह एक दिलचस्प मामला है 👀, लेकिन चुनाव आयोग ने सही कहा है, किसी भी तरह के बयान से वोटरों को डराने-धमकाने की गोली नहीं लगाई जानी चाहिए।
 
नाहीं तो, ललन सिंह की बातें इतनी बुरी नहीं हैं कि उन्हें चुनाव आयोग ने पहले से ही मुकदमा करना पड़ गया है 🤔। मुझे लगता है कि यह बयान वोटरों पर दबाव डालने की रणनीति है, ताकि वे अपने मतदाता पहचान पत्र न छोड़ कर बाहर न आ सकें। इससे पार्टी को फायदा होगा।
 
🤔 सारा बयान बिल्कुल सही है लेकिन यह कैसे सोच कर दिया गया है कि वोटरों पर दबाव डाला जाए? अगर चुनाव में जीतना ही मुख्य उद्देश्य है, तो फिर यह बयान कुछ और भी था।

किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेता की ऐसी बातें सुनकर हमें आश्चर्य होता है कि वे इतनी लोगों में प्रभावशाली हैं कि वे तो चुनाव आयोग तक पहुंच गए हैं।

लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इस तरह के बयान से वोटरों को मिलेगी उनकी सच्चाई? क्या ये बयान वास्तव में चुनावी जीत की रणनीति है? या फिर यह बातें सिर्फ त्रासदी का कारण बनती हैं और लोगों को दंगा करने का प्रयास करती हैं।

चुनाव आयोग ने इस बयान को लेकर क्या कदम उठाएंगे? यह एक बहुत बड़ा सवाल है जिसका जवाब जल्द ही मिलेगा।
 
ललन सिंह ने चुनाव में जीतने की रणनीति बनाकर वोटरों को दंगा करने का प्रयास किया है? नहीं तो यह बयान भूल गया है 🤔
 
बोलते-बोलते सारा देश मचा जा रहा है 🚨। लेकिन फिर भी तो हमें सोच-विचार करना चाहिए कि यह बयान वास्तव में क्यों बनाया गया था। अगर वोटरों के अधिकार की बात है, तो यह बयान उनके अधिकार को कम नहीं कर रहा है 🙅‍♂️। लेकिन फिर भी, चुनाव आयोग की तरह नाराजगी जताना और दंडित करने की बात कहकर सबको डराने-बुझाने की कोशिश करते हैं 🤔। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि चुनाव में वोटों की गिनती होती है, न कि लोगों के दिलों को जीतने की बात कहकर 🌈
 
अरे, यह तो बहुत बड़ा मुद्दा है! क्या वो लोग नाजायज़ दिलचस्पी से काम कर रहे हैं? पहले तो चुनाव आयोग भी परेशानी में नहीं आ रहा था, फिर से ऐसा कुछ करने के बाद तो खेद है! वोटरों का दिल छूने का लिए यह क्यों कर रहे हैं? और चुनाव में जीतने की रणनीति बनाकर लोगों को पागल करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
 
जो लोग ऐसा बोलते हैं उनकी भलाई क्या? यह एक मजाक नहीं है चुनाव में जीतने की रणनीति बनाकर वोटरों को दंगा करना किसी और से नहीं कर सकता। लेकिन ये लड़ना कौन करेगा, जो नेताओं से हमारा क्या इंतज़ाम है?
 
बोलते-बोलते ललन सिंह तो ये कैसी हालत में आ गए?

🤯

वोटरों को घर से निकलने नहीं देना है, और वोट गिराने दिए तो यह कैसा बयान है? 😂

चुनाव आयोग की छाती पर बुलडोजर लगाने के लिए तो बहुत बड़ा प्रयास किया गया है!


क्या ललन सिंह की यह बातें वोटरों को दंगा करने की प्लान हैं? 🤔


मेरा विचार है कि चुनाव आयोग ने सही काम किया है, लेकिन प्रश्न यह है कि ललन सिंह को ऐसा बयान करने के लिए कहा गया था? 🤷‍♂️

 
बोलते बोलते यह तो चुनावी जीत की बातें ही बन रही हैं। लेकिन सच्चाई में क्या है, यह देखना मुश्किल है। ललन सिंह के बयान से कुछ लोगों को अच्छा लगा है तो कुछ लोगों को बुरा लग रहा है।

मेरी राय में यह बयान चुनाव आयोग ने ज़रूर नोटिस देना चाहिए, लेकिन इतना ही नहीं उन्हें वोटरों को डराने-धमकाने की बातें करने से रोकना भी जरूरी है।

क्या यही सब चुनाव आयोग की गलती है या हमारी त्रासदी? इस बयान से नाराजगी जताई और ललन सिंह पर नोटिस देना एक अच्छा पहलकश है, लेकिन वोटरों को डराने-धमकाने की बातें करने से रोकना भी जरूरी है।

हमें यह सोचना चाहिए कि हमारे देश में चुनाव लड़ने वाले लोगों को अपनी निष्पक्षता बनाए रखें। हमें यह नहीं बनने देना चाहिए कि वोटरों को डराने-धमकाने से बचने के लिए उन्हें वोटिंग के दिन घर से निकलने नहीं देना।
 
बोलते हुए बोलते यह चुनाव आयोग की छाती पर बुलडोजर लगा रहे हैं! ललन सिंह ने कह दिया है कि घर से निकलकर वोट डालने नहीं देना, बल्कि घर में बंद करके वोट डालना है। तो यह मतलब है कि ज्यादा लोग निकलते हैं तो वोट गिराने नहीं देते। चुनावी जीत के लिए वोटरों को दंगा करने की रणनीति बनाना कैसे हो सकता है? यह तो किसी भी सोच-समझकर वाले का बूढ़ा मुहल्ला मोड़ है!
 
मुझे लगता है कि ललन सिंह की बोलती से बहुत मुश्किल हो गई है तो? वे तो बस अपनी पार्टी की सरकार बनाने की दिशा में ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे थे। और चुनाव आयोग ने उन्हें इतना घेर लिया कि अब सिर्फ उसके बयान को पकड़ने की बात करें।

क्यों तो उनका बयान थोड़ा भ्रामक लग रहा है, जैसे वे वोटरों को घर में बंद रखकर बैठाकर दंगा करने की बात कह रहे हैं। लेकिन अगर सच्चाई सिर्फ इतनी सरल क्यों न होती, तो चुनाव आयोग की भी इतनी खुशी नहीं होती।

चुनाव में जीतना और नाराज होना दो अलग बातें हैं। लेकिन अगर हम सच्चाई की ओर देखते हैं तो ये बयान विश्वास खत्म कर रहा है।
 
मैं तो ललन सिंह को बहुत पसंद करती हूँ, वह इतने बोलते हैं और व्यक्ति भी होते हैं। मेरी बहन का पति भी उनके पार्टी में जाने लगा है, तो अब उनका दादाजी भी उनकी जीत की दिशा में चल रहा है।

मैंने उनके रोड शो में खुद ही उनके लिए वोट देने का फैसला किया, मेरा साथी तो अभी बाहर गंतव्य पर है, तो बस मैं अपनी बूढ़ी माँ को घर चुकाने के लिए वोट दूंगी। यह बयान मुझे बहुत पसंद आया क्योंकि मेरी बहन की पत्नी भी खुद को गरीब कहकर वोटिंग करने से मना कर रही है, तो मैं समझ नहीं पाऊँ।
 
बुलडोजर चढ़ाकर बोलना क्यों? यह बयान से मुझे बहुत निराशा हो रही है। ललन सिंह जी के बयान से दिखाई देता है कि वे चुनाव में जीतने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन यह तरीका सही नहीं है। वोटरों को घर से निकलने नहीं देना है, हम उन्हें खुलकर समझाना चाहिए।
 
बड़ा मुद्दा बन गया है यह बयान... 😒 चुनाव आयोग की छाती पर बुलडोजर लगाकर दिया गया है यह बयान। ललन सिंह जी को समझने की जरूरत है। वोटिंग के दिन घर से निकलने नहीं देना है, तो फिर वोट गिराएं दिए... मुश्किल सा सवाल यह है कि गरीबों को कैसे समझना है? 🤔

चुनाव आयोग की भूमिका बहुत जिम्मेदार है। लेकिन अगर इतना बयान करने की जरूरत है, तो फिर इसे सोच-समझकर रखना चाहिए। पार्टी की रणनीति और वोटरों की भावनाओं को नहीं देखा जा सकता। यह एक बड़ा मुद्दा बन गया है... 🤕
 
मैंने तो सोचा था कि ललन सिंह जी ने यह बयान सिर्फ वोट लेने की रणनीति पर ध्यान दिया होगा, लेकिन लगता है कि उन्होंने चुनाव आयोग को भी दंगा करने की प्लान बनाई है। 😒 बोलते हुए बोलते, अगर वोटिंग के दिन घर से निकलने नहीं देना है, तो यह क्यों? इससे पहले कभी ऐसा बयान नहीं सुना है और अब इस पर मामला दर्ज किया गया है। 😡
 
लोल 😂 यह बयान सुनकर मुझे याद आया था जब हमारी स्कूल के सामाजिक चेतना प्रमाण पत्र परिस्थिति की सुनवाई हुई थी। तब हमें बताया गया था कि जो भी बयान दिया जाए, उसमें वोटरों के अधिकारों का उल्लेख करना चाहिए। ललन सिंह ने ऐसा ही बयान दिया, लेकिन वहाँ उसके शब्दों में खामी थी। अब यह सवाल उठता है कि उनका बयान वोटरों को कैसे प्रभावित करेगा। मुझे लगता है कि चुनाव आयोग ने सही रुख लिया है।
 
बड़ा मुद्दा! यह बयान सिर्फ एक रोड शो के लिए नहीं दिया गया, बल्कि चुनावी जीत की रणनीति के लिए भी। ललन सिंह ने वोटरों पर दबाव डालने की कोशिश की, तो चुनाव आयोग उन्हें रोकने में सफल रहा। पार्टी का यह बयान मुझे लगता है कि देशभर में विरोध प्रदर्शनों का कारण बनेगा, लेकिन इस बात पर सवाल उठता है कि चुनाव आयोग ने सही तरीके से काम किया।
 
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