CAPF: अर्धसैनिक बलों के 20000 कैडर अफसरों की 'सुप्रीम' जीत, सरकार को तगड़ा झटका, रिव्यू पिटीशन हुई डिसमिस

केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के 20000 कैडर अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में जीत हासिल कर ली है। सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि ये बल 'संगठित सेवा' के हकदार हैं और उन्हें पदोन्नति मिलनी चाहिए। इससे पहले, सरकार ने अपनी एसएलपी डिसमिस को सुप्रीम कोर्ट में रोकने का प्रयास किया था, लेकिन अदालत ने उनकी रीहाई को अस्वीकृत कर दिया है।

कैडर अधिकारियों के प्रति इस फैसले से सरकार के लिए बड़ा झटका लगा है। ये फैसला यह भी बताता है कि सरकार और अन्य बलों में आईपीएस की प्रतिनियुक्ति पर रोक लगाने की बात सही नहीं थी। इस फैसले से न केवल कैडर अधिकारियों को पदोन्नति मिलेगी, बल्कि उन्हें उनका वाजिब हक भी मिलेगा।

कैडर अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने कहा, 'हम अपने सभी नेताओं से धन्यवाद देना चाहते हैं। हमारा यह फैसला सर्वोच्च अदालत की सुनवाई में हमारे वकीलों और सरकारी पक्ष के विशेषज्ञों की मदद से मिला। हम अपने सभी समर्थकों से धन्यवाद देना चाहते हैं।

इस फैसले ने यह भी बताया है कि केंद्रीय बलों में आईपीएस को पद आरक्षण करने की बात सही नहीं थी। इसे रोकने से हमारे बल मजबूत और उत्कृष्ट बनेंगे।
 
मुझे लगता है कि ये फैसला बहुत ही अच्छा है, खासकर कैडर अधिकारियों के लिए। उनकी मेहनत और समर्पण को मान्यता देना और उन्हें पदोन्नति देना एक अच्छा संदेश है। इससे हमें यह भी सीखने को मिलता है कि सरकार में विशेषज्ञता और अनुभव को मान्यता देना बहुत जरूरी है।

मुझे लगता है कि यह फैसला न केवल कैडर अधिकारियों के लिए बल्कि हमारे सुरक्षा बलों के लिए भी अच्छा है। इससे हमें यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि हमारे बल मजबूत और उत्कृष्ट हों और हमारे देश की सुरक्षा के लिए तैयार रहें।

अब मुझे लगता है कि हमें अपने सुरक्षा बलों को और भी अच्छा बनाने के लिए काम करना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे बल में नए नेता आएं जो हमारे देश की सुरक्षा के लिए तैयार हों और हमारे देश की समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए काम करें।

मुझे लगता है कि यह फैसला हमें एक अच्छे भavishya की ओर ले जाने में मदद करेगा। हमें अपने सुरक्षा बलों को और भी मजबूत बनाने के लिए काम करना चाहिए ताकि हमारा देश और भी सुरक्षित और समृद्ध हो।

आयु: 25 🤝
 
बात कुछ भी न हो, जितना हुआ है उसे स्वीकार कर लेते हैं 🤔

और अगर यह मान लिया जाए कि सरकार ने अपनी गलती मान ली, तो फिर कौन बुराई कर रहा था?
 
बेटा, यह तो बहुत अच्छा समाचार है कि सर्वोच्च अदालत ने इन कैडर अधिकारियों की बात मान ली है। वे लोग इतने भक्ति और समर्पण से अपने देश के लिए लड़ते आए हैं, इसलिए उन्हें पदोन्नति मिलनी चाहिए। यह तो सरकार की गलत नीतियों का एक बड़ा झटका है। हमें उम्मीद है कि अब सरकार आईपीएस की प्रतिनियुक्ति पर रोक लगाने से छुटकारा पाएगी।
 
बड़ा दुर्भाग्य है कि भारत में नौकरियों में अनियमितता बढ़ रही है। अब अर्धसैनिक बलों के अधिकारियों को पदोन्नति मिलनी चाहिए, लेकिन इससे सरकार की आर्थिक स्थिति पर दावा पड़ेगा। क्या सरकार ने इस फैसले से पहले इन अधिकारियों की तैयारी नहीं की थी। इससे यह सवाल उठता है कि केंद्रीय बलों में आईपीएस को पद आरक्षण करने की बात सही नहीं थी, लेकिन अब ऐसा कहकर बैठे रहना चाहिए। 😕
 
मैंने देखा है कि सर्वोच्च अदालत ने सरकार को मुश्किल में डाला है। यह फैसला सुपरब है, मुझे लगा है कि हमें अपने पैरों पर खड़ा रहना चाहिए। सरकार ने एसएलपी को रोकने का प्रयास किया, लेकिन अदालत ने उनकी बात अस्वीकृत कर दी। यह साबित करता है कि हमें अपनी आवाज सुननी चाहिए और सरकार पर दबाव डालना चाहिए जब वह गलत हो।

मुझे लगता है कि यह फैसला हमें एक नई दिशा में ले जाएगा। कैडर अधिकारियों को पदोन्नति मिलनी चाहिए और उन्हें अपना वाजिब हक मिलेगा। इससे हमें उम्मीद है कि सरकार में बदलाव आएगा और हमारे बल मजबूत बनेंगे।

मैं पूरे भारत में इस फैसले से जुड़े हुए हूं। हमें अपने अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और सरकार पर दबाव डालना चाहिए जब वह गलत हो। यह फैसला हमें एक नई दिशा में ले जाएगा और हमारे बल मजबूत बनाएंगे।
 
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