छठ पर साफ पानी से भरे वासुदेव घाट का सच: लोग बोले- टैंकर से भरा पानी, यमुना अब भी नाला; सरकार ने झूठ बोला

मुझे लगता है कि दिल्ली कांग्रेस की यह हरकत कुछ भी नहीं है, बस एक छोटी सी बात बन गई है। ताकि लोगों का ध्यान सरकार से हटाकर PM पर रखा जाए। लेकिन क्या यह वास्तव में समस्या हल करेगी? और क्या यह पूरी तरह से सच्चाई बताएगी?

मैं सोचता हूं कि हमें अपने पानी की समस्या को हल करने के लिए स्थानीय स्तर पर काम करना चाहिए, न कि सरकार को फिल्टर वाली झूठी खबरें बनाकर। लेकिन मैं समझता हूं कि यह एक अच्छा तरीका हो सकता है अपने वोटों का उपयोग करने के लिए। लेकिन हमें ध्यान रखना चाहिए कि सच्चाई को खोजने के लिए हमें अपनी स्थिति को समझना होगा, न कि सरकार को बदनाम करने के लिए।
 
😊 यह तो दिल्ली में हो रही चीजों का बहुत ही रोचक मोड़ है। दिल्ली कांग्रेस ने सरकार पर घेराव लगाने की बात कही है और पीएम के लिए 'नकली यमुना' बनाई है। यह तो एक बहुत ही राजनीतिक मंच है, जहां दोनों पक्ष अपने वादे और मुद्दों पर खड़े हैं।

दिल्ली में साफ पानी की समस्या हमेशा एक बड़ा मुद्दा रही है। यह तो सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है, लेकिन दिल्ली कांग्रेस ने इसे राजनीतिक मुद्दा बना लिया है। पीएम के लिए 'नकली यमुना' बनाने से यह तो उनकी राजनीति को भी बढ़ावा देने वाली चीज़ बन गई है।

यह तो एक अच्छा मौका है कि सरकार और पीएम अपने जवाब दें। क्या वे इस मुद्दे पर गंभीरता से सोचने वाले हैं? क्या वे दिल्ली की समस्याओं का समाधान ढूंढने के लिए तैयार हैं? यह तो समय ही बताएगा।
 
पानी की गुणवत्ता बात करें तो दिल्ली में बहुत कुछ है जिससे मनुष्य की सेहत पर नज़र डालकर बेवकूफी करना पड़ता है। सरकार और पार्टियों के नेताओं ने अपनी राजनीति के लिए पानी की समस्या को बहुत बड़ा बना दिया है और अब पूरा शहर 'नकली यमुना' के साथ खेल रहा है।

पहले तो पानी की गुणवत्ता पर बात करने के लिए कोई विशेषज्ञ नहीं मिलेगा, जो हमारे शहर में स्वास्थ्य समस्याओं को दूर कर सके। और अब जब पानी की गुणवत्ता की बात हो रही है तो सरकार की टीम कुछ भी नहीं करती, तो फिर से पानी की समस्या पर ध्यान देना मुश्किल है।
 
मैंने देखा है कि दिल्ली कांग्रेस ने सरकार पर बहुत सारे आरोप लगाए हैं, लेकिन मुझे लगता है कि यह सब थोड़ा अधिक ध्यान देने योग्य नहीं है। क्योंकि अगर हम वास्तविकता को देखते हैं तो सरकार ने बहुत सारे प्रयास किए हैं जैसे की बिजली और पानी की आपूर्ति में सुधार करने का प्रयास किया गया है। लेकिन फिर भी, कांग्रेस ने सरकार को घेरने का काम नहीं छोड़ा। 🤔

मुझे लगता है कि अगर हम अपनी राजनीति को थोड़ा अधिक स्थायी बनाने की कोशिश करें तो यह सब कुछ अच्छा होता। लेकिन फिर भी, मैं खुद ही इस बारे में अलग-अलग राय रखने की कोशिश करता हूँ। शायद इसलिए है कि मुझे लगता है कि अगर हम अपनी सरकार को बदलने की कोशिश नहीं करते तो यह सब कुछ भी नहीं बदलता। 😐
 
इस सरकार की दिनचर्या तो बिल्कुल भी रोचक नहीं है 🤯, पहले तो यह कहा कि PM के निवास स्थान पर पानी की समस्या है, फिर से कहते हैं कि पानी की समस्या तो दिल्ली में नहीं बल्कि पूरे देश में ही बढ़ गई है 🌎। लेकिन जब ये सरकार कुछ भी करती है, तो वह दिखाई देने में बहुत ही स्वादिष्ट लगता है। यह 'नकली यमुना' बनाने का जो प्रयास कर रही है, वह तो वास्तविकता के खिलाफ है 🌊

अगर हम देश की सच्ची समस्याओं पर ध्यान दें, तो शायद हमें पता चलेगा कि 'नकली यमुना' बनाते समय, दिल्ली में पानी की समस्या बहुत ज्यादा है 🤷‍♂️। इसलिए, मेरी राय तो यह है कि अगर सरकार चाहती है कि देश की समस्याएं हल हों, तो वह सच्चाई पर ध्यान देनी चाहिए और 'नकली यमुना' बनाते समय, वास्तविकता को नजरअंदाज न करें 🤔
 
पीएम को नहीं पता तो चाकू में पानी डाल दो, नकली यमुना सिर्फ पिक्चर है, रियल जीवन में सरकार को साफ करना होगा।
 
अरे, यह तो बहुत ही मजाक है! दिल्ली कांग्रेस ने सरकार को घेरा और अब PM के लिए फिल्टर पानी वाली 'नकली यमुना' बनाई है। 🤣 यह तो बहुत ही स्मर्ट लग रहा है, लेकिन मुझे लगता है कि यह तो एक मजाक था ही? क्या वास्तव में सरकार ने PM के लिए फिल्टर पानी की ज़रूरत है? 🤔

मुझे लगता है कि यह तो एक राजनीतिक खेल है, और हमें देखना होगा कि क्या इसका मतलब मिलता है। मैं सोचता हूं कि यह तो एक मजेदार तरीके से सरकार की आलोचना करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन क्या यह वास्तव में कुछ बदलने में मदद करेगा? 🤷‍♂️
 
यह तो बहुत दुखद बात है... सरकार की ओर से जो नकली यमुना बनाया गया है, वह एक मजाक है... प्रधानमंत्री के लिए फिल्टर पानी वाली नहीं, बल्कि प्रदूषित और धुंधली सड़कें बनाने में सरकार बहुत अच्छी हो गई है।

कांग्रेस नेताओं ने बोला है कि यह नकली यमुना एक चुनौती है, लेकिन मुझे लगता है कि यह तो एक मजाक है, जैसे हमारे देश में स्वच्छता पर ध्यान नहीं दिया जाता है।

मैं समझता हूं कि प्रदूषण और सड़कों की समस्याएं बहुत गंभीर हैं, लेकिन इसके लिए हमें एक समाधान खोजने की जरूरत है, न कि नकली स्थापत्य बनाकर।

मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री को अपनी गाड़ी में फिल्टर्ड पानी रखने की बात क्यों कह रहे थे, वह देश के लिए एक उदाहरण नहीं हैं।
 
🤔 मुझे पता है कि पीएम के लिए ताजा पानी की सुविधा देना एक अच्छा विचार था, लेकिन नकली यमुना बनाना? 🌊 यह बहुत अजीब लग रहा है। मुझे लगता है कि कांग्रेस नेताओं को अपने पास हुए पैसों का सही तरीके से उपयोग करना चाहिए, नहीं तो इतनी भावनात्मक घोषणाएं बनाते रहते।

क्या यह प्रधानमंत्री कार्यक्रम में जोड़ने वाला पानी कितना ही प्रसाधनहीन है? 🤷‍♀️ यमुना नदी को साफ करने की बात कहकर, कांग्रेस नेताओं को अपने खजाने में छुपे खर्चों को बताना चाहिए। सरकार की आर्थिक रणनीति कितनी अच्छी है? 🤔
 
वाह, दिल्ली में कांग्रेसी तो जोर से बोलती है... 🤯 सरकार पर दबाव डालने के लिए फिल्टर पानी वाली यमुना बनाने की बात तो थोड़ी अजीब है। लेकिन अगर यह दिखता है कि हमारे नेताओं की बात सुनने को मिलती है, तो यह अच्छी बात होगी।

मुझे लगता है कि सरकार को अपने प्रयासों को और मजबूत बनाने की जरूरत है। फिल्टर पानी वाली यमुना तो एक अच्छा संदेश हो सकता है, लेकिन यह केवल एक छोटी सी बात नहीं है। हमें अपने देश की जलवायु पर ध्यान देने की जरूरत है और प्रदूषण कम करने के लिए कदम उठाने होंगे।

अब, देखना होगा कि आगे क्या होता है। अगर यह एक अच्छा मोड़ है, तो हमें इसका सहारा लेना चाहिए। 🤞
 
मुझे लगता है कि पार्टी नेताओं को थोड़ा सा समझदारी का ख्याल रखना चाहिए, लेकिन तो फिर वे और भी घनास्त्र में आ जाते हैं। दिल्ली कांग्रेस ने सरकार पर बहुत बड़ा आरोप लगाया है, और मुझे लगता है कि उनकी बात कुछ दिनों में साबित हो सकती है। लेकिन फिर भी, प्रधानमंत्री ने हमेशा कहा है कि सरकार अपनी जिम्मेदारियों का पूरा ध्यान रख रही है।

मुझे लगता है कि PM को थोड़ा सा राजनीतिक बुद्धिमत्ता की जरूरत है, और फिर वे कुछ ऐसा कर सकते हैं जिससे लोगों की चिंताएं दूर हो जाएं। लेकिन फिर भी, मुझे लगता है कि पार्टी नेताओं को अपनी बात सुननी चाहिए, और सरकार के साथ बातचीत करनी चाहिए।

मैं तो सोचता हूं, PM को थोड़ा सा समय मिल जाए, फिर वे खुद ही समस्याओं का समाधान निकाल लेंगे।
 
अरे, देखो तो कांग्रेस की बात है... यह बहुत ही राजनीतिक मंच पर खेल रहे हैं... लेकिन सच्चाई क्या है? दिल्ली की साफ-सफाई और पानी की समस्या, ये दोनों ही बहुत बड़ी मुद्दे हैं। सरकार को भी तो इन पर ध्यान देना चाहिए।

लेकिन, यह 'नकली यमुना' बनाए जाने से तो कोई समाधान नहीं निकलेगा। पानी की कमी, वेस्ट ट्रेस... सब कुछ है। सरकार को तो अपने वादों पर खरा उतरना चाहिए। और कांग्रेस, ये तो एक बात है कि वे लोग तो अपने प्रचार में बहुत अच्छी तरह से फोटो शूट करते हैं, लेकिन सच्चाई क्या?

कुछ नहीं कह सकता, बस यही समझना चाहिए कि यह एक बड़ा मुद्दा है, और हमें साथ में सोचना चाहिए।
 
प्रधानमंत्री जी की दिवाली से पहले उपहार में डाला हुआ फिल्टर पानी, ख़ुदा जानबूझकर ने इसे 'नकली यमुना' कह दिया ?
मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री जी ने अपनी दिवाली से पहले उपहार में फिल्टर पानी को चुना है, तो फिर इसका मतलब यह नहीं है कि पानी की कमी नहीं रहेगी, बस इसका मतलब है कि प्रधानमंत्री जी दिवाली से पहले उपहार में साफ़ पानी लेकर आएंगे।
क्योंकि अगर प्रधानमंत्री जी ने फिल्टर पानी को चुना है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि सरकार ने पानी की कमी बंद कर दी है। बस इसका मतलब है कि सरकार ने साफ़ पानी लेकर आच्छा उपहार में दिया है।
मुझे लगता है कि यह एक अच्छा उपहार है, जो लोगों को खुश करेगा।
 
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