अरे बhai, यह तो बहुत बड़ा मुद्दा है!
क्या सुप्रीम कोर्ट हमेशा आर्थिक स्वतंत्रता और नियामक अनुशासन के बीच संतुलन बनाए रखने में सक्षम रहेगी? शायद ही, लेकिन फिर भी देखें, उनकी पारदर्शिता और ईमानदारी वाली कहानियां हमें आश्वस्त करती हैं!
क्या नहीं तो हमारे आर्थिक सिस्टम में भी बड़ा-बड़ा घोटाला होने लगेगा? 