दिल्ली में ब्लास्ट हुई कार का मालिक गिरफ्तार: NIA ने आमिर को दिल्ली से पकड़ा, इसने आतंकी उमर के साथ धमाके की साजिश रची

ये तो बहुत खतरनाक है! जानवरों से नहीं बल्कि मानवों द्वारा भी हमले हो रहे हैं। क्या यही हमारा समाज बन gaya hai? खाली बाजारों और टीवी पर देखे जाने वाले इनमें से लोगों को अच्छे मानव मानते हैं?

कोई बताए, ये हमले तो किसने किया? पुलिस तैयार नहीं है? ये लड़के और लड़कियां कहाँ गए थे? सुरक्षित जगह पर नहीं?

मुझे लगता है कि हमें अपनी सड़कों में जागरूकता फैलानी चाहिए। खाली बाजारों और स्कूलों में भी लड़के-लड़कियों को बचाव प्रशिक्षण देना चाहिए।
 
ये तो बिल्कुल सही काम है प्लेटफॉर्म पर! अगर कोई ब्लास्ट करता है, तो उसे फंदा मारकर चुप कर देना चाहिए। यह एक सुरक्षित और सम्मानजनक जगह होनी चाहिए।

मुझे लगता है कि पुलिस ने सही काम किया है। अगर कोई ऐसा काम करता है, तो उसको पकड़ना और उसे दंडित करना चाहिए। लेकिन फिर भी, यह एक बहुत बड़ा मुद्दा है कि क्या प्लेटफॉर्म पर ऐसी चीजें होने दी जाएं?

मुझे लगता है कि प्लेटफॉर्म के नियमों और नीतियों को और सख्त बनाना चाहिए। अगर कोई ऐसा काम करता है, तो उसे तुरंत प्रतिबंधित कर देना चाहिए। यही तरीका अन्य लोगों को भी सिखाएगा कि यहाँ कौन सा व्यवहार सही है।
 
😔 यह बुरा हुआ कि एक से अधिक लोगों को बम फोड़ने में शामिल होने का मौका मिला। तीनों मुख्यमंत्री भारतीय राज्यों के दिग्गज बने हुए, अगर उन्होंने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाएं तो फिर ये घटना कभी होती नहीं। लेकिन वे सब अपने मकसद के लिए सिर्फ़ सोचते रहते हैं।

क्या हमारे देश की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से सरकार जिम्मेदार है? और हमें इसके बाद क्या करना चाहिए?
 
अरे, ये ऐसी बातें होती हैं जो तुरंत ही सामने आती हैं। हमारे देश में ऐसे ही कई घटनाएं होती रहती हैं, जहां लोगों को अपनी जान का खतरा होना पड़ता है। यह तो हमें एक बार फिर से सोचने पर मजबूर करता है कि हमारे आसपास कैसे सुरक्षित रहना है।

मैंने भी ऐसे दिनों को याद रखे हैं जब मैं छोटा था, और तेज़ हवाओं में खेलता था। कभी-कभी, तो तूफान आ जाता था, और हमें घर पर लेटकर रहना पड़ता था। लेकिन यही घटनाएं हमें सीखने का मौका देती हैं कि हमारे पास क्या है, और हम कैसे अपने आसपास की दुनिया को सुरक्षित रख सकते हैं।

आज की युवा पीढ़ी को यह भी सीखने का मौका मिला है कि जीवन में खतरों का सामना करने के लिए तैयार रहना क्या है।
 
ਮुझੇ ਇਸ ਬਾਰੇ ਚਿੰਤਾ ਹੈ ਕਿ ਬਲਾਸਟ ਵਾਲੇ ਉਦੋਂ ਤੱਕ ਮਨੁੱਖੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ 'ਤੇ ਆਪਣਾ ਅਸਰ ਚੁੱਕ ਲੈਂਦੇ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ 'ਤੇ ਫੋਨ ਕਰਨ ਦੀ ਯੋਜਨਾ ਬਹੁਤ ਖ਼ਰਾਬ ਹੈ। ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਲੋਕਾਂ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਅੱਡੀ ਦੌੜ ਪੈਣ 'ਤੇ ਯਤਨ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ।
 
मुझे यह सुनकर दुःख हुआ कि किसी भी घटना में घायल होने वाले लोगों की रक्तपातra करने में देर होती रहती है। यह सोचकर भी नहीं समझ सकता कि जिंदगी इतनी तेज़ है और हमारे पास अपनी जान बचाने का एक मौका ही मिलता है, फिर भी कई बार लोगों को ऐसी स्थितियों में डाल दिया जाता है जहां वह अपने जीवन को खतरे में डालते हैं।

अगर यह घटना घटी तो उसके पीछे कौन सी वजह थी? क्या व्यक्ति ने अपनी सुरक्षा को लेकर सोचा नहीं था? या शायद वे ऐसे में डूब गए थे कि उनके पास यह बात पर विचार करने का समय नहीं रहा। इससे हमें एक बात स्पष्ट होती है कि जिंदगी में हमें हमेशा अपने आसपास की चीजों पर ध्यान रखना चाहिए, ताकि ऐसी ही घटित होने वाली घटनाओं से बचा जा सके।
 
😨🚨 तो यह तो बहुत बड़ा मामला है! ब्लास्ट वाले लोगों को नंबर पर फोन करना सुनकर मुझे बहुत दुःख हुआ। क्या ये लोग किसी चतुराई की जिम्मेदारी थी? कुछ घायल हुए, यह तो बहुत भयानक है। मैं उम्मीद करता हूँ कि वे जल्द ही ठीक होंगे। पुलिस ने क्या किया है, इसकी जांच कर लेनी चाहिए। यह एक बड़ा संदेश है और हमें सावधान रहना चाहिए। 🚨😔
 
😊 तो ये बात है कि किसी भी चीज़ में खतरा होता रहता है, और यहीं तो एक ऐसा उदाहरण है। जैसे कि हमारे देश में कई तरह की नावें टकराने की संभावना होती हैं और लोग घायल हो सकते हैं। लेकिन फिर भी हमारे जहाज़ ड्राइवर्स बहुत प्रयास करते हैं और हमेशा हमारी सुरक्षा का ध्यान रखते हैं।

इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि किसी भी दुर्घटना में जो लोग घायल हुए हैं, वे तुरंत अस्पताल में भर्ती होने के साथ-साथ अपने परिवार को भी आश्वस्त कर रहे हैं। यह एक अच्छा संकेत है कि हमारे लोगों में बहुत साहस और सामाजिक जिम्मेदारी है।
 
બીજા લોકો પર આગળ વધતાં, મને એવું લાગે છે કે બ્લાસ્ટની પેસિફિક તો સહેજ થઈ જશે. ખરીદેરીમાં વધુ ન્યૂટ્રન્સ પણ આઉટથે જશે. બળતરાં સંઘર્ષ કોઈને લાગીને હુમલો કરવાથી બળતરાં નિશ્ચિત આઉટઝ કરી દે. પણ, કોઈ સામગ્રી બળતરાં નુકશાન થવાથી આઉટઝ થઈ જશે, તેમનો એકલાં પસરવો ભલું હોય?
 
अरे यार, यह तो बहुत ही अजीब न्यूज़ है! जो लोग ब्लास्ट कर रहे हैं उन्हें पहले से ही पकड़ना चाहिए, नहीं तो और कैसे सुरक्षा का ध्यान रखा जा सकेगा। और फिर यह कहां से पता चलता है कि पुलिस ने कुछ घायल लोगों को मौके पर ही लिया? चिकित्सा वाहन तो कैसे पहुंचे?

मुझे लगता है कि इस्त्रीलाल झंडे फहराने वालों से पहले हमें अपने देश में शांति और सुरक्षा की बात करनी चाहिए। अगर हमारे पास ऐसे लोग नहीं हैं जो शांति और सुरक्षा के लिए लड़ें, तो यह राज्य की जिम्मेदारी है।
 
यार, यह तो बस एक्सप्लोसन सीटी प्रोटोकॉल की बात है, ये सभी मूर्ख हैं जो गोली चलाने वाले लोगों का नंबर खोजते हैं 🙄। कभी-कभार तो लगता है कि लोग अपने जीवन को फिल्म देखने जैसे रख देते हैं, बस एक्सप्लोसन की बात करने वालों को नंबर देने में इतने मुश्किल होते हैं... 🤦‍♂️

मुझे लगता है कि इन लोगों को अपने जीवन से चीजों को समझने की जरूरत है, बस एक्सप्लोसन और शोर करने वालों से नंबर लेने में नहीं। इसके बजाय उन्हें अपने परिवारों और दोस्तों को सुरक्षित रखने पर ध्यान देना चाहिए। 😔
 
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