दिल्ली में हवा जहरीली हुई, AQI 500 पार: इसमें दिवाली का कितना रोल, सर्दी में गर्म हवा 'फंसने' से कैसे बढ़ता है एयर पॉल्यूशन

दिल्ली में दिवाली के पहले और बाद में हवा जहरीली हो गई है, यहां वायु गुणवत्ति इंडेक्स (AQI) 500 पार हो गया है। इस तेजी से बढ़ते प्रदूषण के पीछे दिवाली के पटाखों के अलावा सर्दी का मौसम भी जिम्मेदार है, जिससे प्रदूषण छंटने नहीं करता।

दिल्ली में वायु गुणवत्ता इंडेक्स (AQI) 598 पहुंच गया, जो सबसे ज्यादा है। दिल्ली की हवा इतनी खतरनाक होने के पीछे की वजह दिवाली के पटाखों के अलावा सर्दी का मौसम भी है, जो प्रदूषण को छंटने नहीं देता।

दिल्ली में दिवाली से एक हफ्ते पहले से एयर क्वालिटी खराब होने लगी थी, इस पूरे हफ्ते 24 घंटे का औसत AQI 296 दर्ज किया गया, जिसे 'खराब' की कैटेगरी में रखा जाता है।

दिल्ली की हवा इतनी खतरनाक होने के पीछे की वजह दिवाली के पटाखों के अलावा सर्दी का मौसम भी है, जो प्रदूषण को छंटने नहीं देता।

दिल्ली की हवा इतनी खतरनाक होने के पीछे की वजह दिवाली के पटाखों के अलावा सर्दी का मौसम भी है, जो प्रदूषण को छंटने नहीं देता।

दिल्ली में वायु गुणवत्ता इंडेक्स (AQI) 598 पहुंच गया, जो सबसे ज्यादा है। दिल्ली की हवा इतनी खतरनाक होने के पीछे की वजह दिवाली के पटाखों के अलावा सर्दी का मौसम भी है, जो प्रदूषण को छंटने नहीं देता।

दिल्ली में वायु गुणवत्ता इंडेक्स (AQI) 598 पहुंच गया, जो सबसे ज्यादा है। दिल्ली की हवा इतनी खतरनाक होने के पीछे की वजह दिवाली के पटाखों के अलावा सर्दी का मौसम भी है, जो प्रदूषण को छंटने नहीं देता।

दिल्ली में वायु गुणवत्ता इंडेक्स (AQI) 598 पहुंच गया, जो सबसे ज्यादा है। दिल्ली की हवा इतनी खतरनाक होने के पीछे की वजह दिवाली के पटाखों के अलावा सर्दी का मौसम भी है, जो प्रदूषण को छंटने नहीं देता।

दिल्ली में वायु गुणवत्ता इंडेक्स (AQI) 598 पहुंच गया, जो सबसे ज्यादा है।
 
मुझे ये सुनकर बहुत चिंतित हुआ, दिल्ली में प्रदूषण कैसे इतना बढ़ गया? मेरा दोस्त ने बताया है कि उनकी बहन को सर्दी हुई और उसकी तोड़ी-मुड़ी हुई। मैं सोचता हूँ कि हवा जहरीली होने पर लोगों को खाना खाते समय अच्छे वैक्स फिल्टर का उपयोग करना चाहिए, जैसे कि मेरे दादाजी करते हैं।
 
मुझे लगता है कि भारतीय खाद्य पारंपरा को लेकर बहुत से लोग गलत धारणा करते हैं जैसे की हमेशा नमक का उपयोग करते हैं। 🤔 मेरे अनुसार, हमें अपनी पारंपरिक खाद्य विविधता को समझना चाहिए और इसका सम्मान करना चाहिए। दिल्ली वालों की भलखंडी खीर से लेकर उत्तर भारतीय शाकाहारी व्यंजन तक हमारी पारंपरिक खाद्य पारंपरा बहुत ही समृद्ध है।
 
ਦੇਸ਼ ਦੀਆਂ ਮੁੱਖ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਇੱਕ ਹੈ ਦਿੱਲੀ। ਉਸ ਨੂੰ ਪ੍ਰਤੀ ਮਹੀਨੇ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਵਿੱਚ ਕਈ ਬਾਜ਼ੀਆਂ ਨਾਲ ਸਮਝੋ, ਪਰ ਹੁਣ ਤਕ ਇਸ ਦੀ ਖ਼ਾਬਰ ਚੱਟਾਨ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਦੁਖਦਾਈ ਜਾਪਦੀ ਹੈ।

ਮੈਂ ਇਸ ਅਸੀਂ ਹੋਏ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੀਤਾ ਕਰੋ, ਜੇ ਦਿੱਲੀ ਵਿੱਚ ਵਾਯੁ ਗੁਣਾਤਮਕ ਪ੍ਰਮਾਣ (AQI) 500 ਟੋਨ ਪਾਰ ਹੋ ਜਾਏ, ਅਸੀਂ ਇਸ ਦੀ ਗੱਲ ਚੁੱਪ ਕਰੋ?

ਮੈਂ ਤਾਂ ਇਸ ਬਾਰੇ ਚਿੰਤਾ ਭੜਕਦੀ ਹਾਂ, ਵਾਯੁ ਗੁਣਾਤਮਕ ਪ੍ਰਮਾਣ 598 ਟੋਨ ਅਖ਼ਬਾਰ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹੈ, ਜੋ ਵਿਸ਼ਵ ਦੀ ਉੱਚੀ ਤ੍ਰੀਮਾ (PM2.5) ਲਈ ਇੱਕ ਨਹੀਂ ਸੀ, ਜੋ ਕਿ ਪੁਲਲੀ ਦੀ ਆਸ਼ ਤੇ ਵਾਯੁ ਦੀ ਗੁਣਾਤਮਕ ਅਵਸਥਾ ਹੈ।

ਮੈਂ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਇਹ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿੰਦਾ ਸਮਝਣੀ ਚਾਹੁੰਦੀ ਹਾਂ।

😷
 
अरे, ये तो बहुत ही खतरनाक है! दिल्ली की हवा इतनी खराब होने के पीछे दिवाली के पटाखों के अलावा सर्दी का मौसम भी जिम्मेदार है। हमें अपने घरों से वायु प्रदूषण कम करने वाली परत लगानी चाहिए, और घरों से बाहर निकलने से पहले अच्छी तरह से सांस लेना चाहिए। 🧘‍♀️

हमें अपने दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए एकजुट होना चाहिए, और सरकार को भी प्रदूषण कम करने के लिए कुछ अच्छे सुझाव देने चाहिए। हमें अपने बच्चों को दिवाली के पटाखों के खिलाफ जागरूक करना चाहिए, ताकि वे भी प्रदूषण कम कर सकें।

मैंने एक अच्छा सुझाव है - हमें पेड़ों को लगाना चाहिए, जिससे हवा में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ सके। और हमें अपने घरों में वायु प्रदूषण कम करने वाले उपकरण उपयोग करने चाहिए। 🌿
 
आजकल दिल्ली में एयर पुरीफाई की समस्या बहुत बढ़ गई है 🤕, खासकर दिवाली से पहले और बाद में हवा जहरीली हो जाती है। तेजी से बढ़ते प्रदूषण के पीछे सर्दी का मौसम भी जिम्मेदार है, जैसे हम अक्सर घरों से बाहर निकलते हैं और दिवाली के पटाखों को जलाते हैं।

मुझे लगता है कि हमें अपने समाज में शिक्षित करने की जरूरत है कि हमारे कार्यों से देश की हवा खराब नहीं होती। हमें अपने घरों से बाहर निकलते समय प्लास्टिक की चीजों को कम रखने की कोशिश करनी चाहिए और दिवाली में भी वातानुकूलित विचारों से।

मुझे लगता है कि हम अपने घरों पर सादगी बनाए रख सकते हैं और पटाखों को कम रख सकते हैं। इससे हम देश की हवा को साफ रखने में मदद कर सकते हैं। 🌿
 
500 से अधिक होने पर AQI कैसे बढ़ जाता है? यह तो दिवाली के पटाखों के अलावा सर्दी का मौसम भी जिम्मेदार है, जिससे प्रदूषण छंटने नहीं करता।

मुझे लगता है कि हमें हवा की गुणवत्ता को लेकर अधिक संवेदनशीलता दिखानी चाहिए, तभी हम प्रदूषण को कम कर सकते हैं। प्रदूषण को कम करने के लिए हमें अपने जीवन में बदलाव लाना होगा, जैसे कि पटाखों की संख्या कम करें और पर्याप्त ऑयल फिल्ड लगाएं।

हमारे देश में हवा की गुणवत्ता को लेकर बहुत चिंतित होना चाहिए, तभी हम अपने भविष्य को सुरक्षित रख सकते हैं।
 
अरे, दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति तो बहुत खराब हो गई है 🤕। 500 पार हो गया वायु गुणवत्ता इंडेक्स, यह तो बहुत खतरनाक है। और सबसे ज्यादा दिल्ली में ही 📍। सर्दी का मौसम भी प्रदूषण को छंटने नहीं देता, इसका मतलब है हमारे भविष्य की सेहत पर यह बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा। और वाह, दिवाली से एक हफ्ते पहले से ही एयर क्वालिटी खराब होने लगी थी। तो अब हमें पता चलने लगा है कि क्या राजकुमार मिश्रा जैसे लोग चिंतित नहीं हैं? 🤔
 
मैं बहुत उदास हूँ, दिल्ली की हवा इतनी खतरनाक कैसे हो गई? मेरा पिताजी वाले ने भी कभी ऐसी नहीं हुई थी। दिवाली से पहले तो मुझे यह नहीं लगा था कि हवा इस तरह जहरीली हो जाएगी। लेकिन अब हर साल एक ही बात होती जा रही है - प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। मैं चाहता हूँ कि सरकार और हमारे देश के नागरिक इसे रोकें और दिल्ली को फिर से साफ-सुथरा बनाएं। 😔💨
 
मुझे लगता है कि दिल्ली में प्रदूषण बढ़ना एक बड़ी चिंता है, खासकर जब यह हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। हवा बहुत जहरीली हो गई है, यह तो जरूरी है कि हम इसके पीछे कारणों को समझें और अपने जीवन में बदलाव लाएं। दिवाली के पटाखों से प्रदूषण बढ़ता है, लेकिन सर्दी का मौसम भी इसका योगदान करता है। हमें अपने घरों से वायु प्रदूषण निकलने वाले रसायनों को कम करना चाहिए और हरे-पेड़-पौधों को बढ़ावा देना चाहिए। इसके अलावा, सरकार और हमें एक मिलकर काम करना चाहिए ताकि हमारी हवा साफ और शुद्ध बन सके।
 
दिल्ली में हवा जहरीली होने की बात तो ये सच है लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह तेजी से बढ़ता प्रदूषण एक बड़ा समस्या है, लेकिन इस पर काम करने के लिए हमें एक दूसरे की मदद करनी चाहिए। अगर हम मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढ सकते हैं तो यह बिल्कुल भी खराब नहीं है।
 
Back
Top