छठ पूजा का पहला दिन खत्म हो गया, लेकिन माँ ठेकुआ ने अभी भी अपने बच्चों को खुश रखने की सोच। वह सुबह की हल्की ठंडक में चूल्हे पर बना रही, घी की खुशबू पूरे घर में घुल गई थी। उसकी बेटी दीदी दऊरा सज कर माता-पिता से वाद रही है, जबकि बाबूजी बाजार से गन्ना और फल लेकर घर आ रहे हैं।
आज को छठ का पहला दिन होने के बावजूद, घर में उत्साह बना हुआ था। माँ ठेकुआ अपने बच्चों को खुश रखने की सोचती रही, और वह अपने फोन पर लगातार संपर्क में रहती रही।
इस दौरान, एक विशेष छठ गीत दैनिक भास्कर ने लाया है, जिसने सभी को छठ पूजा के अवसर पर खुश कर दिया है। इस गीत में, माँ ठेकुआ ने अपने बच्चों से कहा है कि 'बिहारे में दे दीं रोजगार, हे छठी मइया'। यह गीत सुनकर सभी को खुशी और उत्साह महसूस होता है।
आज को छठ का पहला दिन होने के बावजूद, घर में उत्साह बना हुआ था। माँ ठेकुआ अपने बच्चों को खुश रखने की सोचती रही, और वह अपने फोन पर लगातार संपर्क में रहती रही।
इस दौरान, एक विशेष छठ गीत दैनिक भास्कर ने लाया है, जिसने सभी को छठ पूजा के अवसर पर खुश कर दिया है। इस गीत में, माँ ठेकुआ ने अपने बच्चों से कहा है कि 'बिहारे में दे दीं रोजगार, हे छठी मइया'। यह गीत सुनकर सभी को खुशी और उत्साह महसूस होता है।