मुंबई की विशेष अदालत ने आज महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक के परिवार द्वारा संचालित एक रियल एस्टेट कंपनी को धनशोधन मामले से बरी करने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा है कि आरोप तय करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक और उनके परिवार की कंपनियां 'सॉलिडस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड' और 'मलिक इंफ्रास्ट्रक्चर' भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके साथियों की गतिविधियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी हैं। यह बताता है कि मलिक परिवार ने अवैध रूप से कब्जाई गई संपत्ति की मनी लॉन्ड्रिंग में हिस्सा लिया, जो अपराध से प्राप्त धन है।
अदालत ने कहा है कि यह संपत्ति धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जब्त की गई है। आदेश में कहा गया है कि सॉलिडस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और मलिक इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिये वसूला गया किराया, जो मलिक परिवार के नियंत्रण में हैं, अपराध से प्राप्त धन की श्रेणी में आता है। अदालत ने कहा है कि रिकॉर्ड पर मौजूद साक्ष्य आरोप तय करने के लिए पर्याप्त हैं।
ईडी का मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की उस प्राथमिकी पर आधारित है, जो दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज की गई थी। ईडी ने नवाब मलिक को फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल जमानत पर हैं।
इस मामले की सुनवाई करते हुए विशेष जज सत्यनारायण नवंदर ने कहा है कि यह स्पष्ट है कि नवाब मलिक ने डी-कंपनी के सदस्यों हसीना पारकर, सलीम पटेल और आरोपी सरदार खान के साथ मिलकर अवैध रूप से कब्जाई गई संपत्ति की मनी लॉन्ड्रिंग में हिस्सा लिया, जो अपराध से प्राप्त धन है।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक और उनके परिवार की कंपनियां 'सॉलिडस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड' और 'मलिक इंफ्रास्ट्रक्चर' भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके साथियों की गतिविधियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी हैं। यह बताता है कि मलिक परिवार ने अवैध रूप से कब्जाई गई संपत्ति की मनी लॉन्ड्रिंग में हिस्सा लिया, जो अपराध से प्राप्त धन है।
अदालत ने कहा है कि यह संपत्ति धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जब्त की गई है। आदेश में कहा गया है कि सॉलिडस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और मलिक इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिये वसूला गया किराया, जो मलिक परिवार के नियंत्रण में हैं, अपराध से प्राप्त धन की श्रेणी में आता है। अदालत ने कहा है कि रिकॉर्ड पर मौजूद साक्ष्य आरोप तय करने के लिए पर्याप्त हैं।
ईडी का मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की उस प्राथमिकी पर आधारित है, जो दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज की गई थी। ईडी ने नवाब मलिक को फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल जमानत पर हैं।
इस मामले की सुनवाई करते हुए विशेष जज सत्यनारायण नवंदर ने कहा है कि यह स्पष्ट है कि नवाब मलिक ने डी-कंपनी के सदस्यों हसीना पारकर, सलीम पटेल और आरोपी सरदार खान के साथ मिलकर अवैध रूप से कब्जाई गई संपत्ति की मनी लॉन्ड्रिंग में हिस्सा लिया, जो अपराध से प्राप्त धन है।