Doctor Suicide Case: सतारा आत्महत्या मामले में नया मोड़, डॉक्टर पर लगा फर्जी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देने का आरोप

सतारा आत्महत्या मामले में एक नया मोड़ आया है। महिला डॉक्टर द्वारा आत्महत्या करने के मामले में, सतारा की एक महिला, भाग्यश्री मारूती पचांग्ने, ने दावा किया है कि उनकी बेटी, दीपाली पचांग्ने, की मौत आत्महत्या से नहीं बल्कि हत्या से हुई थी।

भाग्यश्री ने बताया कि उनकी बेटी छह महीने की गर्भवती थी और उसकी एक डेढ़ साल की बेटी भी थी। ऐसे में वह उन्हें छोड़कर नहीं जा सकती और आत्महत्या नहीं कर सकती, मुझे विश्वास है कि उसकी हत्या की गई थी।

भाग्यश्री ने कहा कि उनकी बेटी की शादी एक आर्मी अफसर अजिंक्य निंबालकर से हुई थी। भाग्यश्री का दावा है कि उसकी बेटी को ससुराल में लगातार शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ता था। इसी से परेशान होकर उसने 19 अगस्त को आत्महत्या कर ली थी।

भाग्यश्री ने बताया कि उनकी बेटी की मौत के एक महीने बाद उन्हें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिली। गौरतलब है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट उसी महिला डॉक्टर ने तैयार की, जिसने हाल ही में सतारा के एक होटल में आत्महत्या कर ली।

महिला डॉक्टर ने आरोप लगाया कि उनके दामाद अजिंक्य ने अपने राजनीतिक और पुलिस अधिकारियों से संबंधों के जरिए इस मामले को दबा दिया। भाग्यश्री ने कहा कि 'मेरी बेटी छह महीने की गर्भवती थी और उसकी एक डेढ़ साल की बेटी भी थी। ऐसे में वह उन्हें छोड़कर नहीं जा सकती और आत्महत्या नहीं कर सकती, मुझे विश्वास है कि उसकी हत्या की गई थी।'

दावा किया जा रहा है कि महिला डॉक्टर फर्जी मेडिकल रिपोर्ट देने के लिए भारी दबाव में थी और उसने अपने सुसाइड नोट में भी इसका जिक्र किया है।

इस सुसाइड मामले में, पुलिस ने एक आरोपी प्रशांत बांकर को गिरफ्तार किया और दूसरे आरोपी सब इंस्पेक्टर गोपाल बदाने ने आत्मसमर्पण कर दिया है, जिसके बाद उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया।
 
ऐसा नहीं कह सकता, तो कैसे यह रिपोर्ट स्वीकार की जाए? महिला डॉक्टर ने मौत की जांच की और फिर भी ऐसा दावा क्यों किया? इस तरह की गलतियाँ होने पर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तैयार कैसे करती है? यह बिल्कुल सही नहीं लगता, किसी और को जांच करनी चाहिए तो ही समझने को मिलता।
 
मेरा ख्याल है कि यह स्टोरी बहुत भयानक है। 🤕 जब तक पुलिस को सबूत नहीं मिल जाते, तो हमें इसे बिल्कुल नहीं कहा जा सकता कि यह एक हत्या थी। लेकिन भाग्यश्री की कहानी बहुत दुःखद है। उसकी बेटी की शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना पर उन्हें अपने रिश्तों से निकलना पड़ा। यह एक बड़ा सवाल है कि क्या उनकी पत्नी या रिश्तेदारों ने उनकी बेटी की सहायता की थी? और इस मामले में महिला डॉक्टर को दबाने का आरोप लगाने से सबकुछ और भी जटिल हो गया है। 😩
 
ज्यादातर मामलों में ससुराल की परेशानी और विवाह प्रक्रिया को लेकर लड़कियों की आत्महत्याएं होती रहती हैं, यह तो अच्छा है कि एक बार ऐसी घटना में दावा करने वाली महिला ने भी अपनी बेटी की हत्या का आरोप लगाया है। लेकिन अभी तक इसकी जांच का परिणाम नहीं आ पाया है और यह सुनिश्चित नहीं हो सकता कि यह सच ही था। 🤔
 
आत्महत्या का मामला तो हर किसी को छूता है और सतारा में भी ऐसा मामला आ गया है। लेकिन इस मामले में जो सब कुछ बताया गया है, वाह! पहले से तो हमें पता चल चुका है कि खुद का खयाल नहीं रखने वाली महिलाएं आत्महत्या करने की बात करती रहती हैं लेकिन यहाँ पर यह महिला डॉक्टर ने भी ऐसा ही किया था, फिर उसने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दावा किया कि उसकी बेटी हत्या की वजह से मर गई थी, तो हमें लगता है कि यह सब कुछ कितना भ्रष्टाचार का मामला है।
 
बात ये तो बहुत गंभीर है। सतारा की इस मामले में लगता है कि कुछ बड़े स्वाल हैं। जब महिला डॉक्टर ने आत्महत्या करने के बाद भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तैयार की, तो यह सवाल उठता है कि उसने क्यों ऐसा किया। और अब दावा है कि वह फर्जी मेडिकल रिपोर्ट देने में दबाव थी।

लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि महिला को इतनी सारी परेशानी क्यों हुई? जब उसकी बेटी की शादी से पहले तो सब ठीक था, लेकिन ससुराल में लगातार प्रताड़ना का सामना करना पड़ा, तो इसका मतलब यह निकलता है कि कुछ ज्यादा बिगड़ा हुआ था।

और भाग्यश्री दीदी के दावे को लेकर, लगता है कि उन्हें सच्चाई में विश्वास होना चाहिए। अगर उनकी बेटी की हत्या नहीं हुई तो क्यों?
 
इस मामले से कोई भी समझ नहीं आया, लेकिन यह तो बिल्कुल सही लग रहा है कि महिला डॉक्टर का आरोप सच होना चाहिए। जैसे हमारे देश में कुछ भी गलत होता है, वहीं पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में तो ऐसी बातें लिखनी नहीं आती। यह वाकई एक बड़ा झूठ है।

एक और चीज़ जिस पर विचार करने की जरूरत है कि क्या हम अपने समाज में ऐसे दुष्ट लोगों को इतना सहजता से छुपा रहे हैं? और कैसे? यह तो हमारी नस्ल की भलाई नहीं है।

ज़रूर इस मामले पर बहुत ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
 
मुझे लगता है कि यह मामला बहुत ही गंभीर है और मैं उसके पीछे की स्थिति को समझने की कोशिश कर रही हूँ। सतारा की महिला डॉक्टर ने कहा है कि उनके दामाद अजिंक्य ने उनसे दबाव डाला और उन्हें आत्महत्या करने के लिए कहा। लेकिन मुझे लगता है कि यह बहुत ही संदिग्ध है और मैं इसके पीछे के कारणों को समझने की कोशिश कर रही हूँ। 🤔

लेकिन मुझे लगता है कि इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि महिलाओं की सुरक्षा कैसे की जाए। हमें पता होना चाहिए कि घर में कैसे रहने वाली महिलाओं को खतरे में डाला जा सकता है। और हमें यह भी पता होना चाहिए कि आत्महत्या कैसे रोकने के लिए काम किया जाए। 💔

मुझे लगता है कि इस मामले से सबक निकल सकता है और हमें महिलाओं की सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए। और हमें यह भी पता होना चाहिए कि घर में रहने वाली महिलाओं को खतरे में डालने वालों को सजा मिलनी चाहिए। 🚫
 
ये तो बहुत अजीब है कि आत्महत्या करने वाली महिला डॉक्टर ने अपनी स्वयं की मौत की जांच में उसकी बेटी की हत्या का दावा कर दिया। यह तो बहुत ही गहरा मुद्दा है, और मुझे लगता है कि पुलिस वाले अभी भी पूरी सच्चाई नहीं जानते। भाग्यश्री जी का दावा है कि उनकी बेटी को परेशानियों से छुटकारा न मिलने दिया गया, और इसके लिए उसकी हत्या की गई। यह तो बहुत ही गंभीर आरोप है, और मुझे लगता है कि पुलिस वाले इस मामले को बेहतर ढंग से जांचने चाहिए। 💔
 
मैं तो लगता है कि इस मामले से पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर और भी सवाल उठने चाहिए। दावा है कि वह महिला डॉक्टर फर्जी मेडिकल रिपोर्ट देने के लिए दबाव में थी, लेकिन इसके लिए कौन जिम्मेदार है? और पुलिस ने यह सुनिश्चित कैसे किया कि यह आरोपी सही थे? मुझे लगता है कि इस मामले पर और भी गहराई से पड़ताल करने की जरूरत है।

ज़रूर, मैं तो आशा करता हूँ कि इस मामले को पूरी तरह से सुलझाया जाएगा।
 
दमलदेम! यह तो बहुत बड़ा मामला है। ऐसा लगता है कि सतारा में एक बड़ा खेल चल रहा है, जहां नियम और सच्चाई दोनों टकराते हैं। क्या यह महिला डॉक्टर अपनी जान लेने के बाद आत्महत्या करने वाली महिला को बचाने की कोशिश कर रही थी, या फिर उसने खुद को भी मिलकर दम पर रखा है? यह तो बहुत बड़ी साजिश लगती है।
 
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