‘डॉ. अंबेडकर न दलित, न उन्होंने संविधान बनाया’: कौन हैं बाबा साहेब को अंग्रेजों का एजेंट बताने वाले एडवोकेट अनिल मिश्रा

डॉ. अंबेडकर पर सवाल उठाने वाले एडवोकेट अनिल मिश्रा ने बताया कि उनका संदेह यह है कि भीमराव अंबेडकर संविधान बनाने वाले प्रमुख थे, लेकिन उनकी दलित पहचान पर सवाल उठाए गए हैं।
 
अरे भाई, यह बहुत अजीब है कि एक बार फिर से उसकी पहचान पर सवाल उठा रहे हैं... ये तो बस न्याय की दुनिया में कुछ गलत हो गया हूँ 🤔। अगर हमें जानना होता, तो शायद हम उस समाज का अंग बन सकते, जिसमें राम और श्याम, या बhai और बहन सभी एकजुट हों 💕। लेकिन यह सवाल उठाना... मुझे लगता है कि यह संविधान बनाने वाले पुरुषों को खेद नहीं होगी, जिनके दिल में न्याय का इंसाफ ही था ❤️
 
🤔 अगर उनकी दलित पहचान पर सवाल उठाए जाते तो क्या उनके अनुभवों से समझने का मौका नहीं मिलता? डॉ. अंबेडकर ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया, लेकिन वह हमेशा संविधान बनाने की दिशा में बढ़ते रहे। यह सवाल उठाने से उनकी उपलब्धियों पर रुख नहीं लगना चाहिए, बल्कि हमें उनकी बिरादरी की मजबूती और भारतीय समाज में बदलाव लाने की उनकी प्रतिबद्धता को समझना चाहिए।
 
मेरे दोस्तों #भीमरावअंबेडकर जी की कहानी हमेशा मुझे प्रेरित करती है! #संविधान बनाने वाले प्रमुख कौन से थे, यह सवाल उठना तो जरूरी है, लेकिन उनकी दलित पहचान पर सवाल उठाना? #नहीं_toh #हमें उनकी जान, उनकी लड़ाई और उनके संघर्षों को याद रखना चाहिए! 🙏 #अंबेडकरजी_की_याद में #संविधान_भीमरावअंबेडकर
 
मुझे लगता है कि अगर हम संविधान बनाने वालों को अलग करके देखें, तो भीमराव अंबेडकर की भूमिका थोड़ी मुश्किल हो जाती है। वह एक सच्चे राजनेता और समाज सेवक थे, लेकिन कुछ लोग उनकी दलित पहचान को कभी नहीं भूल पाए।

अगर हम याद दिलाते हैं कि अंबेडकर जी ने अपनी जिंदगी में बहुत सारे सामाजिक परिवर्तन लाने का साहस किया, तो उनकी पहचान को सवाल करना थोड़ा गलत लग सकता है। लेकिन फिर भी, अगर हम उन्हें संविधान बनाने वालों में से एक के रूप में देखते हैं, तो यह सवाल जरूर उठाया जाना चाहिए।

मुझे लगता है कि हमें अपनी ऐतिहासिक परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत को समझने की जरूरत है, न कि उन्हें नकारने की।
 
अmbadekar ji ke baare mein bata raha hai, unka soch kiya jaa raha hai, par unki samajh nahi aayi. Unhonein sarkar ko, yeh kehne mein majboor karna chahiye ki Bhimrao Ambedkar ek bahut hi important vyakti the, jo desh ka veena banaya tha.

Aur phir bhi unki dalit samajh par bataa raha hai, par yeh to sirf ek baat nahi hai, yeh ki humare desh mein bachpan se hamesha aarthik asamanta ke saath jude hue rahe hain.

Mere khayal me is baate ko samjne ke liye humein apni sarkar aur rajneeti par ek naya drishtikon dekhna chahiye.
 
बिल्कुल सही लगा, न किसी नेता को फांसी देना चाहिए, बल्कि उनके जीवन से सबक लेना चाहिए। ये सरकारी आदेश ठीक है नहीं, परिवार के पुराने विवादों और गलतफहमी में हम अपने नेताओं को खेद करना चाहिए। अंबेडकर जी ने संविधान बनाने में बहुत बड़ा योगदान दिया, लेकिन उनकी पहचान पर सवाल उठाना गलत है। हमें उनकी बात और उनके संघर्षों को समझना चाहिए।
 
😬 बिल्कुल सही कह दीजिए, एडवोकेट अनिल मिश्रा की बात सुनकर मुझे बहुत खेद हुआ 😔। डॉ. अंबेडकर एक महान नेता थे, जिन्होंने समाज में बदलाव लाने के लिए बहुत संघर्ष किया था। उनकी दलित पहचान को नकारना और उन पर सवाल उठाना उनके सबके विरोध है 🙅‍♂️

मुझे लगता है कि हमें अपने इतिहास को सही संदर्भ में समझना चाहिए, ताकि हमें डॉ. अंबेडकर की भूमिका और उनके संघर्षों को पूरी तरह से समझ में आ सके 🤔। उनकी दलित पहचान एक महत्वपूर्ण पहलू है, जिस पर हमें ध्यान देना चाहिए, न कि उन पर सवाल उठाना या नकारना 😕

हमें अपने समाज में बदलाव लाने के लिए एक साथ आने और एक दूसरे की मदद करनी चाहिए 🤝। डॉ. अंबेडकर की विरासत हमें प्रेरित करती है, लेकिन उनकी पहचान पर सवाल उठाना उनकी विरासत को कमजोर कर रहा है 💔
 
बस मुझे लगता है कि ये सब कुछ बहुत ज्यादा टांग बुलाया गया है। डॉ अंबेडकर स्वामिनारायण कॉलेज में पढ़ते समय उन्होंने कितनी बातें सुनाईं, वो सोचते हम तो यहीं रुक जाएंगे लेकिन वो आगे बढ़ गए और अपना सपना पूरा कर लिया। वह तो मेरे दादाजी के साथी थे।
 
मुझे लगता है कि यह एक दिलचस्प मुद्दा है। 🤔
मैंने डॉ. अंबेडकर जी के बारे में बहुत सोचा है, वो एक महान नेता थे। उनकी संघर्षों और समर्पण से हमारा संविधान बन गया।
लेकिन आजकल पूछा जा रहा है कि उन्होंने अपनी दलित पहचान को क्या मान्यता दी थी। मुझे लगता है कि यह एक गहरा सवाल है, लेकिन इससे हमें विशेष रूप से उनकी पहचान पर नहीं ध्यान देना चाहिए, बल्कि उनके योगदान और समर्पण पर।
मैंने एक छोटी सी diagram बनाई है जो उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को दर्शाती है:

```
+---------------+
| संघर्ष |
+---------------+
|
|
v
+---------------+
| संविधान |
+---------------+
|
|
v
+---------------+
| नेतृत्व |
+---------------+
```

मुझे लगता है कि यह हमें उनकी सच्ची पहचान और योगदान को समझने में मदद करेगा। 📚
 
Back
Top