Employment: भारत को हर साल 80 लाख नई नौकरियों की जरूरत, CEA बोले- AI से सेवाएं मजबूत होंगी, रोजगार नहीं घटेगा

भारत में रोजगार की जरूरत 80 लाख तक बढ़ जाएगी, AI सेवाओं को मजबूत करने पर जोर दिया गया है। भारत में आबादी के विशाल फायदे को उठाने के लिए हर साल 10-15 वर्षों में 80 लाख रोजगार पैदा करने की जरूरत है, न कि 2.5 करोड़, जैसा देश में वर्तमान में कहीं नहीं है।

भारत को इस बढ़ती आबादी का फायदा उठाने के लिए हर साल 80 लाख रोजगार पैदा करने की जरूरत है, न कि अन्य देशों जैसे अमेरिका या चीन की तरह। मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन ने इस बात पर बल दिया है कि सेवाओं को मजबूत करने पर ध्यान देना जरूरी है, रोजगार नहीं घटेगा।

उन्होंने कहा, रोजगार सृजन पर जोर देने से न सिर्फ लोगों को आजीविका के साधन उपलब्ध होंगे, बल्कि चुनौतियों के बीच अर्थव्यवस्था की रफ्तार मजबूत करने में भी मदद मिलेगी। इस बात पर जोर देने से न केवल लोगों को आजीविका के साधन उपलब्ध हों, बल्कि चुनौतियों के बीच अर्थव्यवस्था की रफ्तार मजबूत करने में भी मदद मिलेगी।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को खासकर हेल्थकेयर और शिक्षा जैसे क्षेत्र में मानवीय श्रम को बदलने के बजाय इन सेक्टर में कार्यरत पेशेवरों के काम को बेहतर बनाने में अपना सहयोग देना चाहिए। उन्होंने कहा, फ्रंटलाइन प्रोफेशनल्स को गुणवत्ता वाली सेवा के विस्तार को एआई के जरिये समर्थन दिया जाना चाहिए, खासतौर पर दूरदराज के इलाकों के लिए।

सीमित जीपीयू क्षमता एआई के घरेलू विकास में बाधक हो सकती है। भारत के पास वर्तमान में अमेरिका और चीन की तुलना में सीमित कंप्यूटिंग एवं ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) क्षमता उपलब्ध है, जो कहीं न कहीं देश के बड़े पैमाने पर एआई मॉडल्स को घरेलू स्तर पर विकसित एवं प्रशिक्षित करने की क्षमता को प्रभावित कर रहा है।

एआई अडॉप्शन के लिए मासिक योजना को एक सिंगल एवं कम शुल्क वाले सालाना सदस्यता प्लान के साथ पेश किए जाने का उदाहरण दिया। इस तरह की योजना से विदेशी एआई सिस्टम्स की ओर से कैप्चर किए जा रहे भारतीय डाटा का वॉल्यूम भी बढ़ जाएगा।

उत्पादकता बढ़ाने में काफी मददगार होंगे एआई साधन। कार्यक्रम में नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर डेरॉन ऐसमोग्लू भी शामिल हुए, जिन्होंने कहा, ऐसे एआई साधन जो टेक्निशियन्स, नर्स और शिक्षकों को मदद कर सकें, वे उत्पादकता को बढ़ाने में मददगार होंगे। लेबर रिप्लेसमेंट को प्राथमिकता देने वाले एआई के साथ मिडल स्किल्ड वर्कफोर्स वाले देशों के लिए आर्थिक दबाव पैदा हो सकता है।
 
क्या कभी सोचे था कि भारत में इतनी बड़ी आबादी है तो हमारे पास इतने रोजगार की जरूरत होगी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमें अमेरिका या चीन की तरह बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की आवश्यकता होगी।

मुझे लगता है कि अगर हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सही तरीके से इस्तेमाल करें, तो हमारे देश में बहुत सारे नए रोजगार बन सकते हैं। जैसे कि स्वास्थ्य और शिक्षा में हमारे पेशेवरों को मदद करने वाली एआई टेक्नोलॉजी।
 
रोजगार बढ़ने की बात तो अच्छी है, लेकिन अगर हमें रोजगार सृजन पर ध्यान देना है तो इससे पहले हमें अपने शिक्षा और प्रशिक्षण स्तर को भी सुधारना होगा। अगर हमारे शिक्षा के माध्यम से लोगों को अच्छे कौशल और ज्ञान दिया जाए, तो रोजगार बढ़ने की बात अधिक प्रभावी होगी।
 
अगर भारत 10-15 वर्षों में 80 लाख रोजगार बनाना चाहती है तो हमें पहले अपने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना होगा। 🤔

हमारे देश में कई छोटे शहरों में 10 लाख से अधिक लोग रहते हैं लेकिन वहां कोई अच्छी सुविधाएं नहीं हैं। हमें ऐसे शहरों में रहने वाले लोगों को भी रोजगार देना चाहिए।

एआई को हमारे देश की शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में मदद करना चाहिए, न कि केवल रोजगार बनाने के लिए। हमें अपने पूरे देश को मजबूत करने के लिए एकजुट होना चाहिए। 💪
 
क्या भारत की आबादी बढ़ने की वजह से हमें केवल रोजगार पैदा करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए? 🤔 ये सवाल खुद वी. अनंत नागेश्वरन जी ने भी पूछा है। लेकिन मैं सोचता हूँ कि हमें रोजगार के साथ-साथ दूरदराज क्षेत्रों में लोगों को उचित स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाएं पहुंचाने पर भी ध्यान देने की जरूरत है।

और यह तो अच्छी बात है कि हम AI सेवाओं को मजबूत करने पर ध्यान देंगे। लेकिन मैं सोचता हूँ कि हमें एआई को मानवीय श्रम के सहयोग से चलाने की जरूरत है, न कि उसके बजाय। 🤝
 
ये तो बहुत ही दिलचस्प बात है! 80 लाख रोजगार बनाने की जरूरत निकलने से पहले, हमें अपनी शिक्षा और तकनीकी प्रशिक्षण में सुधार करना होगा। वर्तमान में भारत में इतनी मांग तो नहीं है, लेकिन अगर हम अपनी शिक्षा को और बेहतर बनाएं, तो हम इस मांग को पूरा कर सकते हैं।
 
बहुत बड़ा फायदा होगा अगर हम AI सेवाओं को मजबूत करें ताकि हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत हो जाए, और रोजगार बढ़े। मेरे अनुसार, एआई का सहयोग हमारे शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में बहुत मददगार होगा, अगर हम इसे सही तरीके से उपयोग करें।
 
आजकल देश में नौकरी खोज में बहुत दिक्कत हो रही है और जैसे ही सरकार ऐसे स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग कर रही है, तभी हमारे देश में बहुत से लोग नौकरियों की तलाश में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं 🤔। सरकार को ऐसे रोजगार पैदा करने पर ध्यान देना जरूरी है जिससे हमारी आबादी का फायदा उठाया जा सके। हमें एआई का सहयोग लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा, और अन्य क्षेत्रों में नौकरियां पैदा करने पर ध्यान देना चाहिए।
 
आज तो देखिए, सरकार ने 80 लाख रोजगार की जरूरत कही, लेकिन फिर भी ये सोच रही है कि हमें अमेरिका और चीन जैसे देशों की तरह चलना होगा। यह तो बहुत ही अनुचित है, हमें अपने खुद के तरीके से चलने देना चाहिए, अपने लोगों को आजीविका के साधन प्रदान करने के लिए... 💡
 
अरे, ये बात सच है... भारत में रोजगार की जरूरत तो बढ़ रही है, लेकिन हमें सोचते समय यही ध्यान रखना चाहिए कि हम अपने पुराने रोजगारों को स्थिर बनाए रखें। 🤔

अब, अगर हमने सेवाओं को मजबूत करने पर ध्यान दिया, तो लोगों को आजीविका के साधन मिलेंगे, और अर्थव्यवस्था की रफ्तार मजबूत होगी। लेकिन साथ ही, हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि हम अपने पुराने नौकरियों को सुरक्षित रखें। 👍

और, एआई को हम तेजी से विकसित कर रहे हैं, लेकिन हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारे पास अभी भी कम जीपीयू क्षमता है। 🤖 इसलिए, हमें अपने एआई साधनों को ऐसे बनाना चाहिए कि वे हमारी वर्तमान क्षमताओं में रह सकें। 💻

मुझे लगता है कि एआई अडॉप्शन के लिए एक सिंगल और कम शुल्क वाला सदस्यता प्लान बहुत अच्छा होगा। इससे हमारी रोजगार की जरूरतें और एआई की आवश्यकताएं मेल करेंगी। 💸
 
ये तो बहुत बड़ा मौका है भारत के लिए, अब हमारी आबादी का फायदा उठाने के लिए। AI सेवाओं को मजबूत करना जरूरी है, ताकि हमारे शिक्षकों और नर्सों को मदद मिल सके। लेकिन यह जरूरी नहीं कि हमारे पास अन्य देशों की तरह बड़े पैमाने पर एआई सिस्टम्स हों। मैं चाहता हूँ कि हमारे एआई सिस्टम्स भारतीय शिक्षकों और नर्सों को मदद कर सकें, न कि उनकी जगह लें।
 
AI और भारत 🤖
क्या कभी नहीं सोचा था कि AI हमारी रोजगार की जरूरत को 80 लाख तक बढ़ा देगी? और अब यह बात सच होने वाली है! मेरा ये सवाल है कि क्या हमें अपने लोगों की मदद करने के लिए AI को स्थापित करने का सही तरीका नहीं पता है? 🤔

लेकिन मुझे लगता है कि मैंने इसी बात पर पहले ही कहा था... 😉👍
 
ये तो बहुत अच्छी बात है कि भारत में रोजगार की जरूरत 80 लाख तक बढ़ जाएगी। लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी युवा पीढ़ी को आजीविका के साधन उपलब्ध हों और वे अपने शौक और रुचियों के अनुसार काम कर सकें। एआई सेवाओं को मजबूत करने पर जोर देना जरूरी है, लेकिन हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हमारे विदेशी सहयोगियों के एआई सिस्टम्स के खिलाफ हम अपने डाटा को बचाए रख सकें।
 
रोजगार की बढ़ती जरूरतों पर ध्यान देने से हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, तो #रोजगारकाबिलेटी #आजीविकाबनामा 🤝 और लोगों की आजीविका में सुधार होगा, तो #आजीविकासुधार #आर्थव्यवस्थामजबूत।

सीमित जीपीयू क्षमता के बावजूद हम अपने एआई साधनों को विकसित और प्रशिक्षित करने पर ध्यान देना चाहिए, तो #एआईकाबिलेटी #जीपीयूसुधार 🖥️

हमें ऐसे एआई साधनों को विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए जो हमारे लेबर फोर्स को मदद कर सकें, तो #एआईकाबिलेटी #लेबरफोरेसहेल्प।
 
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