Exclusive: शाहीन के पिता बोले- बेटी ऐसी हरकत नहीं कर सकती, फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल से है कनेक्शन

उत्तर प्रदेश के फरीदाबाद में हुए आतंकवादी हमले के संबंध में जांच जारी है, और इसी दौरान गिरफ्तार डॉ. शाहीन शाहिद के परिवार को अपनी बेटी की हरकतों से जुड़ने का नाम लेने से इनकार करना पड़ रहा है।

डॉ. शाहीन के पिता, शाहिद अंसारी, ने कहा, मेरी तीन बच्चें हैं, और बड़ा बेटा शोएब वहीं रहता है, दूसरी शाहीन जिसके बारे में चर्चा हो रही है उसका मुझे लगता है कि मैंने उसे एक महीने पहले बुलाया था, और हर हफ्ते परवेज से बात करती रहती है।

उन्होंने कहा, शाहीन ने इलाहाबाद से मेडिकल पढ़ाई की थी, और वह तीसरे नंबर पर परिवार का एक सदस्य है जिसका घर आज भी छापेमारी हुई। फिर से फरीदाबाद में शाहीन ने नौकरी की थी और उसकी शादी महाराष्ट्र के एक व्यक्ति से हुई थी।

डॉ. शाहिद अंसारी ने कहा, मुझे लगता है कि मेरी बेटी ऐसी हरकतों में नहीं पड़ सकती, और मैं उसकी इस तरह की गतिविधि में लिप्त होने की बात नहीं स्वीकार करूंगा।

इस दौरान, उत्तर प्रदेश पुलिस ने डॉ. शाहीन के घर पर भी छापा मारा, और उसकी बेटी, जो फरीदाबाद में रहने वाली है, उस पर संदेह बढ़ गया है।
 
मैं समझता हूँ कि आतंकवादी हमले के संबंध में चिंता होना योग्य है, लेकिन इस मामले में डॉ. शाहीन के परिवार को ऐसी बातों का नाम लेने से पहले सोचना जरूरी है। देखिए, डॉ. शाहीन की बेटी पर संदेह बढ़ गया है तो वह वाकई ऐसी हरकतों में नहीं पड़ सकती, और उसके पिता की बातों में कुछ सच्चाई भी हो सकती है। लेकिन इसके साथ ही हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि जांच जारी होनी चाहिए ताकि सच्चाई का पता चले।

मैं डॉ. शाहीन के परिवार को उनकी बेटी की सुरक्षा और अच्छाई के प्रति ध्यान रखने की सलाह देता हूँ, और उन्हें एक-दूसरे की सहायता करनी चाहिए। यह भी जरूरी है कि हम आतंकवादी गतिविधियों से निपटने में मदद के लिए सरकार और पुलिस को समर्थन दें।
 
ये तो बहुत बड़ी चीज़ है , डॉ. शाहीन के पिता ने अपनी बेटी को आतंकवादी गतिविधियों में फंसाने का दावा नहीं किया, लेकिन जांच जारी है तो यह सवाल उठता है कि क्या उसकी बेटी वास्तव में ऐसी हरकतों में शामिल थी। डॉ. शाहीन की शादी महाराष्ट्र के एक व्यक्ति से हुई थी, और उसकी नौकरी फरीदाबाद में तो यह सब कुछ हो रहा है . लेकिन पुलिस ने डॉ. शाहीन के घर पर भी छापा मारा, तो यह सवाल उठता है कि क्या वहाँ कुछ भी गलत था।
 
सिर्फ इतना तो कह सकते हैं कि डॉ. शाहीन के परिवार को यह सब समझाना बहुत मुश्किल होगा, क्योंकि उनकी बेटी से ऐसी हरकतें लिंग विशेषज्ञ होने की बात करने से इनकार कर देना बड़ी मुश्किल है। लेकिन तो यह तो समझना भी जरूरी है कि पुलिस की जांच अच्छी तरह से चल रही है, और अगर वे कुछ गलत होने की बात कहते हैं तो उनकी जांच में ध्यान देना पड़ेगा। 🤔
 
अरे, यह तो बहुत दुखद, देखिए पुलिस ने डॉ. शाहीन की छोटी बेटी को भी संदेह में डाल रही है, और जानबूझकर उनका नाम लेने से इनकार करना तो सही नहीं है । यह तो उनके परिवार के लिए बहुत मुश्किल होगा, और पुलिस को भी गलत जानकारी देने से बचना चाहिए। शायद डॉ. शाहीन की बेटी को कुछ गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने की स्थिति नहीं है, और उन्हें न्याय दिलाने की जरूरत है।
 
डॉ. शाहीन की बेटी के साथ ऐसी हरकतों में लिप्त होने की बात तो बड़ी दूरी पर नहीं जानी चाहिए। पिताजी ने कहा है कि वह अपनी बेटी को ऐसी हरकतों में नहीं देखना चाहते, लेकिन यह सवाल उठना जरूरी है। पुलिस ने घर पर छापा मारा तो भी उसकी बेटी को साफ-सफाई का मौका नहीं मिला।
 
मुझे बहुत दुख है जो हुआ, और पुलिस का काम सही करना होगा। लेकिन मुझे लगता है कि परिवार की समस्याएं तो सब कुछ नहीं हैं कि उनकी बेटी दोषी है। शायद वे गलत जानकारी के साथ चल रहे हों।
 
मुझे यह जानकारी सुनकर बहुत अजीब लगा 🤔। लेकिन इतना सोचते समय मैंने एक सवाल उठाया, क्या फरीदाबाद में आतंकवादी हमले की बात करने पर किसी को तुरंत गिरफ्तार नहीं किया गया था? जैसे ही हमारा देश और लोगों की जान बचाने की कोशिश कर रहे थे। 🙏

अब मैं सोच रहा हूँ, डॉ. शाहीन की बेटी पर इतनी सवाल उठने क्यों? मुझे लगता है कि पुलिस को अपने फैसले को अच्छी तरह से समझने की जरूरत है। और यह तो एक दुर्भाग्यपूर्ण चीज है, जब व्यक्ति की जान पर सवाल उठते हैं।

मुझे लगता है कि इस मामले में अधिकारियों को अपने पास हुए सबूतों को अच्छी तरह से देखना चाहिए, और फिर ही बात करनी चाहिए। तो यह बात जानने के लिए कि क्या वे सही पक्ष पर हैं या नहीं।
 
आज तो आतंकवादी हमले की बात करने से पहले, डॉ. शाहीन की बेटी की हरकतों को देखना मुझे थोड़ा अजीब लग रहा है 🤔। अगर वो उसकी बेटी है, तो क्या वहीं रहती है? क्या वह उसके पिता से बात करने आती है? मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक डॉक्टर की बेटी अपने परिवार की हरकतों को दूसरों के सामने लाने के लिए तैयार होगी। लेकिन फिर भी, जीवन में कभी-कभी ऐसी चीजें होती हैं जिनका हम समझ नहीं पाते।
 
मुझे यह देखकर बहुत दुख हुआ, डॉ शाहीन की बेटी पर ऐसी गंभीर आरोप लगना तो बहुत बड़ा झटका है 🤕। मैं समझता हूँ कि पुलिस ने सब कुछ साफ कराने की कोशिश कर रही है, लेकिन इस तरह की गतिविधियों में लिप्त होने की बात करना आसान नहीं है। डॉ शाहीन के परिवार को यह समय बहुत मुश्किल होगा, और मैं उनके साथ दुख के साथ खड़ा हूँ। पुलिस जैसे तेजी से काम करने वाले संसाधनों का उपयोग न करें, और सब कुछ धीरे-धीरे और सावधानी से करें। शहीद डॉ. शाहीन की बेटी को भी सहारा देना होगा, उसके जीवन पर ऐसी चोट लगने से बचाना होगा।
 
शहीद की बेटी को आतंकवादी होने का नाम देने से पहले उसने अपनी जिंदगी के हर मोड़ को बताना पड़ता है 🤣। वह इतनी ही अच्छी लड़की नहीं थी, लेकिन फिर भी उसने अपने बड़े बेटे को छुड़ावा दिया और वह तो अब हमारे सामने खड़ी है। मुझे लगता है कि पुलिस वालों को पता चल जाना चाहिए कि शहीद की बेटी भी अपनी जिंदगी को सुधारने के लिए नहीं है, बल्कि अपने बड़े बेटे को छुड़ावा देने के लिए है 🤸‍♀️
 
क्या ये सच है कि परिवार की हरकतों पर नज़र रखने से हम अपने बच्चों को गलत दिशा में ले जाते हैं? मेरे भाई की बहनने कभी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल नहीं होने वाली है, लेकिन अभी तक पुलिस ने उसके घर पर छापा मारा है तो मुझे लगता है कि हमें अपने बच्चों के प्रति अधिक समझदार होना चाहिए।
 
मुझे यह तो बहुत दुखद है कि डॉ. शाहीन के परिवार को ऐसा सामना करना पड़ रहा है। उनकी बेटी ने जो गलती कर गई है, उसके लिए मैं उन्हें मजबूती से अपनाने की बात नहीं करता। लेकिन यह सवाल उठता है कि अगर हमारे देश में आतंकवादी हमलों की वजह से इतनी जासूसी और दबाव बढ़ गया है, तो इससे हमारे नागरिकों पर ऐसी चुनौतियाँ उत्पन्न नहीं करनी चाहिए। पुलिस को अपनी जानकारी को साफ करें, और डॉ. शाहीन के परिवार को उनकी जिंदगी से कुछ भी निकाले क्यों?
 
मुझे यह सब बहुत दुखद लग रहा है 🤕, जब तक हम अपनी परिवार के प्रति सहानुभूति नहीं दिखाते हैं तो कुछ ऐसा जरूर होता है जिससे हमें दर्द होता है। डॉ. शाहीन के परिवार को यह सब सुनकर मेरी खूब नीरसाहट महसूस हुई 😔, लेकिन मैं समझती हूँ कि उन्हें अपनी बेटी की हरकतों के प्रति सहज होना ज़रूरी है। मुझे लगता है कि सब कुछ वास्तविकताओं से सामने आते ही उनके दिल में धारण हो जाएगी। 💔
 
सच तो यह है कि पुलिस ने पहले से ही गलत तरीके से सबूत इकट्ठा करने की कोशिश कर रही है, और अब वो उसकी बेटी पर भी आरोप लगा रही हैं? नहीं तो डॉ शाहीन का परिवार बिल्कुल सही कर रहा है, और वो अपनी बेटी की स्वतंत्रता के प्रति सम्मान दिखाते जा रहे हैं। लेकिन मुझे लगता है कि सच्चाई यही होगी कि पुलिस ने पहले से ही सब कुछ पक्का कर लिया है, और अब वो उस पर अहमदनिर्भर है।
 
🤣👀 दोस्तों की बात तो यही है 🤑 किसी भी खलनायक को फंसाने के लिए जांच जारी करते हैं और उसकी परिवार को डराना चाहते हैं 😳

[मेम: एक आतंकवादी हमलावर को पकड़ते हुए, उसके पीछे एक चुटकुला है - "असल में मैं बस खाना खाता था!" 🍔]

😂 और जब परिवार के लोग बोलते हैं तो सुनने वालों की सोचने को भी मिलता है 🤔

[मेम: एक मजाकिया चित्र है - "पापा जी की बेटी दोस्ताना नहीं है, पापा जी की बेटी आतंकवादी नहीं है!" 👯]

😂 दोस्तों तो ऐसे मामलों में हमेशा सोच-समझकर बात करनी चाहिए 🤓
 
वह हमले तो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण थे, लेकिन लगता है कि पुलिस बहुत ही अच्छी तरह से जांच कर रही है, और डॉ. शाहीन की बेटी पर भी ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है। वह लड़की तो बस अपने माता-पिता के प्रति सच्ची भावनाओं से भरी हुई होगी, और उनकी हरकतों को तो बस समझने की जरूरत है 🤗
 
अगर आतंकवादी हमले के लिए कोई संदिग्ध पुरुष या महिला नहीं मिल रही तो क्यों डॉ. शाहीन की बेटी पर संदेह करना पड़ रहा है? यह बहुत जरूरी है कि हम सभी के लिए सम्मान और न्याय का रास्ता ढूंढें। डॉ. शाहिद अंसारी जी की बात सुनने के बाद लगता है कि उनकी बेटी ऐसी हरकतों में नहीं पड़ सकती, और हमें उसकी इस तरह की गतिविधि में लिप्त होने की बात स्वीकार करनी चाहिए। 🤔💡
 
मैंने देखा है कि बहुत से लोग अपने प्रियजनों को आसानी से खलल देने लगते हैं। यह तो सच है कि एक छापेमारी हुई, लेकिन सब कुछ जानकारी पर विचार करना जरूरी है।
 
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