Explained: क्या है व्हाइट कॉलर मॉड्यूल? अब फिदायीन डॉक्टरों से खौफ! पूरी कहानी समझिए

दिल्ली में 30 अक्टूबर को हुए विस्फोट में, जिसमें एक i20 कार में बम लगाकर तीन लोगों की जान गई, उसमें डॉ. उमर नबी, अल-फलाह यूनिवर्सिटी से डॉक्टर डॉ. मुजम्मिल और एक अन्य व्यक्ति शामिल थे. अब यह सवाल है कि क्या इस हमले के पीछे कोई विशेष एजेंसी या संगठन था, जिसने इन तीनों लोगों को चुना।

डॉ. उमर नबी, दिल्ली में बम फटने वाली कार के ड्राइवर के रूप में, अपने जीवन पर एक बड़ा प्रभाव छोड़ गए हैं। यह तीनों लोग शीर्ष स्तर की शिक्षा पूरी करने वाले थे, और अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डॉ. उमर ने अपने पेशेवर जीवन में बहुत सकारात्मक योगदान दिया। लेकिन क्या हम उन्होंने कभी सोचे थे कि उनकी शिक्षा और उनकी पेशेवर उपलब्धियां आतंकवादी गतिविधियों में जुटाने का कारण बनेंगी।

डॉ. उमर नबी, एक विशेषज्ञ डॉक्टर थे, जो जम्मू-कश्मीर के स्थानीय हिस्से में पैदा हुए थे। उनकी शिक्षा अल-फलाह यूनिवर्सिटी से पूरी हुई, जहां वह एक विशेषज्ञ डॉक्टर बने। लेकिन यह सवाल उठता है कि उन्होंने कभी सोचे थे कि उनकी शिक्षा और उनकी पेशेवर उपलब्धियां आतंकवादी गतिविधियों में जुटाने का कारण बनेंगी।

डॉ. उमर नबी, कार ड्राइवर के रूप में, अपने जीवन पर एक बड़ा प्रभाव छोड़ गए हैं। यह तीन लोग शीर्ष स्तर की शिक्षा पूरी करने वाले थे, और अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डॉ. उमर ने अपने पेशेवर जीवन में बहुत सकारात्मक योगदान दिया। लेकिन क्या हम उन्होंने कभी सोचे थे कि उनकी शिक्षा और उनकी पेशेवर उपलब्धियां आतंकवादी गतिविधियों में जुटाने का कारण बनेंगी।
 
मैंने देखा है की दिल्ली में वह विस्फोट तो बहुत ही सड़कों पर लोगों को घबराया था, और अब यह सवाल उठता है कि वाह, जिसके पीछे बैठा हुआ था उसे कैसे पता चला की हमारे जीवन में गिरने का सही मौका तो खोजना ही है?
 
मुझे लगता है कि यह हमला बहुत दुखद है। लेकिन मैंने हमेशा सोचा था कि यूरोप में ताजिकिस्तानी भोजन तो बहुत अच्छा होता है, मैं जब भी मुम्बई जाऊंगा, वहां ताजिकिस्तानी भोजन को जरूर आज़मूँगा। और फिर मैं सोचता हूं कि अगर मैं जम्मू-कश्मीर जाऊं तो वहाँ का खासा जलेबा कैसा होगा, मुझे बिल्कुल लगने वाला है।
 
क्या यह दिल्ली में बम फटने वाली कार के ड्राइवर डॉ. उमर नबी को लेकर ऐसा ही सवाल है जो हमें हर समय परेशान करता रहता है। उनकी शिक्षा और पेशेवर उपलब्धियां ने उन्हें एक विशेषज्ञ डॉक्टर बनाया, लेकिन आज यही उसी शिक्षा और उपलब्धि को एक आतंकवादी गतिविधि में जुटाने का कारण बन गया। यह सवाल उठता है कि हमारी शिक्षा और पेशेवर उपलब्धियां हमें वास्तव में कहाँ ले जाती हैं, और क्या हमने कभी सोचे थे कि हमारी ये उपलब्धियां कुछ भी गलत काम करने का कारण बन सकती हैं। 🤔

मुझे लगता है कि यह सवाल दिल्ली में बम फटने वाली कार के ड्राइवर डॉ. उमर नबी को लेकर हमें सोचने पर मजबूर करता है, और हमें यह भी पूछने पर मजबूर करता है कि हम अपनी शिक्षा और उपलब्धियों को कैसे उपयोग कर सकते हैं।
 
मुझे यह सवाल लगने पर बहुत गुस्सा आ गया कि क्या ये तीन लोग आतंकवादी संगठन में जुड़ने के पहले किसी और कार्य में नहीं रुचि रखते थे। डॉ. उमर नबी, अल-फलाह यूनिवर्सिटी से डॉक्टर बने, लेकिन फिर वे आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हो गए। मुझे लगता है कि हमें अपने देश में ऐसी स्थितियां पहचाननी चाहिए जिससे लोग आतंकवादी गतिविधियों में आकर फंस सकें। क्या हमारे पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं जो युवाओं को विकल्प देते हैं?
 
ये तो बहुत ही दुखद घटना। मुझे लगता है कि हमें यह सोचकर नहीं रहना चाहिए कि यह हमले केवल किसी एक व्यक्ति या समूह द्वारा किया गया, बल्कि हमें यह भी समझना चाहिए कि आतंकवाद जैसी समस्याओं को हल करने के लिए हमारे समाज में सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। 🤕
 
अगर तो यह सवाल है कि क्या डॉ. उमर नबी को कभी ऐसा सपना देखने वाले थे कि उनकी शिक्षा और पेशेवर उपलब्धियां आतंकवाद में पड़ जाएंगी। लेकिन लगता है कि अगर हम अपने देश की सुरक्षा पर ध्यान न देते, तो ऐसा ही होता। 🤔

किसने उन्हें एक बम डालने के लिए कहा, जिससे 3 जान जाएं? और कोई जवाब नहीं है? यह बहुत अजीब है कि हमारे देश में इतनी सुरक्षा मौजूद है, लेकिन ऐसा ही होता है। 🚫

यह तो एक बड़ा सवाल है कि क्या हमारी शिक्षा प्रणाली और सरकार की सुरक्षा प्रणाली पर कुछ गलत है? या फिर यह सिर्फ एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी? 🤷
 
जीने का एक बड़ा सबक यह है कि हमारी सुरक्षा तो दूसरों की बुराई के लिए नहीं होती, बल्कि अपने आप की सुरक्षा और उनके लिए जिम्मेदारी भरने के लिए होती। ये तीन लोग अपने जीवन में इतने सकारात्मक थे कि उन्होंने आतंकवादी गतिविधियों में जुटाने का रास्ता भी नहीं छोड़ा, और उनकी शिक्षा और पेशेवर उपलब्धियां उनके लिए सिर्फ एक व्यवसाय था। हमें अपने जीवन को ऐसे बनाने की कोशिश करनी चाहिए कि वह हमें और दूसरों को भी सकारात्मक रास्ते पर ले जाए।
 
ये तो बहुत दुखद बात है … क्या यह हमला किसी विशेष समूह या एजेंसी का था, मुझे नहीं पता … लेकिन यह तीन लोग, डॉ. उमर नबी, अल-फलाह यूनिवर्सिटी से डॉक्टर डॉ. मुजम्मिल और अन्य व्यक्ति, उन्हें आतंकवादी गतिविधियों में कैसे जोड़ा गया … उनकी शिक्षा और पेशेवर उपलब्धियां इतनी अच्छी थी, लेकिन फिर भी यह हुआ … मुझे लगता है कि किसी बड़े विश्लेषण की जरूरत है, ताकि हम समझ सकें कि यह हमला कैसे हुआ और इसके पीछे क्या था।
 
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