India-Israel: FTA पर भारत-इस्राइल की बड़ी पहल, पीयूष गोयल ने कहा- ट्रेड, निवेश और साझेदारी को मिलेगा नया आयाम

भारत और इस्राइल ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसे भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 'स्टेपिंग स्टोन' के रूप में बताया है।

इस समझौते ने दोनों देशों के बीच आर्थिक और रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इस परिवेश में, गोयल ने कहा कि भारत और इस्राइल अपने व्यापारिक समृद्धि को बढ़ाने के लिए सहयोग करेंगे।

भारतीय कंपनियों के लिए, इस समझौते में शहरी परिवहन और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भारी निवेश की संभावना है। गोयल ने कहा कि भारत-इस्राइल की सहयोग की दिशा में, कृषि, सिंचाई और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में नए अवसर बन सकते हैं।

पीयूष गोयल ने अपने इस्राइल दौरे पर भारतीय व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठकों में भाग लिया और इस्राइल के आगामी मेट्रो प्रोजेक्ट्स में भारतीय कंपनियों की संभावित भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि शहरी परिवहन और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में दोनों देश मिलकर नए अवसर बना सकते हैं।

इस समझौते से, गोयल ने कहा कि भारत और इस्राइल अपने व्यापारिक समृद्धि को बढ़ाने के लिए सहयोग करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि शहरी परिवहन और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में दोनों देश मिलकर नए अवसर बना सकते हैं।
 
मुझे लगा की ये समझौता हमारे व्यापारिक जीवन को बेहतर बनाएगा। 🤝📈 बहुत सी भारतीय कंपनियां इस्राइल के शहरी परिवहन और इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश करने की संभावना है। यह हमारी आर्थिक वृद्धि में मदद करेगी। 💼🚂
 
ਇਹ ਬੋਝा ਕਾਲੀ ਨਹੀਂ... 😊 #ਭਾਰਤ-ਇਸਰੈਲ_ਮੁਦਰਾ

ਅਜੇ ਵੀ ਬਹੁਤ ਘਟੀਆ ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਇਹ ਸਮਝ ਚੱਲ ਗਈ ਕਿ ਦੋਨੋਂ ਦੇਸ਼ਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ, ਪਾਣੀ ਆਦਿ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨ ਦੇ ਸਮੇਂ 'ਟੈਂਡਬਲ' ਅੱਗੇ ਫੁੱਟ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। #ਵਰਤੋਂ_ਨਿਯੰਤਰਣ

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ਕੌਣ ਕਹਿ ਸਕਦਾ ਹੈ ਕਿ ਇਸ ਫੁੱਟ ਜਾਣ 'ਤੇ ਅਸੀਂ ਉਪਰ-ਖੇਡ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਆਏ? #ਦੂਜਾ_ਭਾਗ

ਮੈਂ ਅੱਗੇ ਕਾਲਣ 'ਤੇ ਆਵਾਂ, ਬਿਨਾਂ ਇਸ ਫੁੱਟ ਜਾਣੇ... 😊 #ਚਾਲ_ਹੈ
 
मुझे लगता है कि इस समझौते से हमारे देश की अर्थव्यवस्था को बहुत बड़ा फायदा होगा। शहरी परिवहन और इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश करने से हमारी रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। तो फिर, यह समझौता हमारे देश के लिए एक अच्छा विकल्प है। 🤝
 
तो वाह! इस समझौते से हमारे देश के लिए बहुत कुछ हो सकता है... भारतीय कंपनियों को निजी परिवहन और इन्फ्रास्ट्रक्चर में बड़े सौदे करने का मौका मिलेगा, यह तो बिल्कुल अच्छा होगा। और फिर इस्राइल की टेक्नोलॉजी से हमारी कृषि और सिंचाई जैसे क्षेत्रों में भी बदलाव आएंगे। लेकिन हमें यह ध्यान रखना होगा कि यह समझौता हमारे देश की अर्थव्यवस्था पर कैसा प्रभाव पड़ेगा, इसकी सावधानीपूर्वक जांच करनी जरूरी है।
 
🤪🇮🇳🇮🇱

[गोयल साहब की बोली समझने में क्या गलत है? 😅]

[पीयूष गोयल ने इज्राइल के आगामी मेट्रो प्रोजेक्ट्स में भारतीय कंपनियों की संभावित भूमिका पर चर्चा की, लेकिन उन्होंने नहीं बताया कि क्या वे अपने देश के युवाओं को इस तरह के प्रोजेक्ट्स में शामिल करने के लिए कहेंगे? 🤔]

[भारतीय कंपनियों के लिए शहरी परिवहन और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भारी निवेश की संभावना है, लेकिन क्या उन्हें अपने देश के प्रदूषण को कम करने के लिए नहीं निवेश करना चाहिए? 🌎]
 
देखो, इस समझौते से हमारे देश को बहुत बड़ा फायदा होगा। 🤩 भारतीय कंपनियों के लिए यह एक बहुत बड़ा मौका है, जैसे कि टाटा वेजिटेबल मैकेनिकल्स ने भी कहा था, कि इस समझौते से हमारी कंपनी को बहुत बड़ी आय मिलेगी। और गोयल जी ने शहरी परिवहन और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में दोनों देश मिलकर नए अवसर बना सकते हैं, यह तो सिर्फ एक अच्छी बात है। 🚀
 
ਅੱਜ ਦੀ ਗੋਤੀ ਕਿ ਭਾਰਤ-ਇਸਰਾਏਲ ਦੇ ਬਹੁਤਮ ਵਣਜ ਸੰਧੀ 'ਤੇ ਹੱਸਖ਼ੈਲ ਕੀਤੀ ਗਈ ਪਰ ਮੈਂ ਦੱਸਣਾ ਚਾਹੁੰਦਾ ਹਾਂ ਕਿ ਇਸ ਨਾਲ ਜ਼ਿੰਡਗੀ ਦੇ ਆਏ ਫ਼ੈਸਲੇ ਸਹੀ-ਸਹੀ ਹਨ ਕਿ ਬਾਅਦ 'ਤੇ ਭਾਰਤ ਉਪਰਾਂਤ ਹੋਰ ਦੇਸ਼ਾਂ ਵੱਲ ਵੀ ਕਿਸੇ ਅਜ਼ਮਾਨੀ ਸੰਧੀ ਕਰਵਾ ਸਕਣਗੇ।
 
अर्थ में बात करने के लिए, एक पेंसिल जरूरी नहीं होती, अगर आप अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करेंगे।
 
अरे भाई, ये समझौता तो बहुत अच्छा साबित होगा। हमारी कंपनियां इस्राइल के शहरी परिवहन और इन्फ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश कर सकती हैं और नए अवसर ढूंढ सकती हैं। यह समझौता हमारे दोनों देशों को मजबूत आर्थिक संबंध बनाने में मदद करेगा।
 
क्या ये समझौता वास्तव में फायदेमंद साबित होगा? भारतीय कंपनियों को शहरी परिवहन और इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश करने के लिए ताकत मिलेगी या बस बड़े बिजनेस के लिए? इसके लिए मुझे जानकारी चाहिए।
 
पीयूष गोयल जी का सोच तो बहुत ही अच्छा है 🤝, यह समझौता न केवल आर्थिक रूप से लाभदायक होगा, बल्कि हमारे देश में नए अवसरों की भी बारिश करेगा। शहरी परिवहन और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्र में निवेश करने का यह समझौता हमारे युवाओं को नई career pathों के साथ लेकर आ रहा है। मुझे लगता है कि इस दौरान हमारी भारतीय कंपनियां अपनी प्रतिभा और तकनीक का उपयोग करके दुनिया भर में अपना नाम बनाएंगी।
 
अरे भाई, ये समझौता तो हमारे व्यापारिक जीवन को और भी बेहतर बनाएगा। हमारे निर्यात-निर्यात पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा, और फिर से हमारे देश में रोजगार के नए अवसर आ गए होंगे। यह एक बहुत बड़ा कदम है भाई, जिससे हमारी आर्थिक वृद्धि तेजी से होगी।
 
मुझे लगता है कि इससे हमारे स्कूल के छात्रों को भी फायदा होगा, जैसे विभिन्न छोटे व्यवसाय शुरू करने में मदद करेगा, और हमारे स्कूल की परियोजनाओं में भी सहायता मिल सकती है। इससे हमारे देश में आर्थिक विकास में मदद मिलेगी, जो न केवल हमारे देश के लिए बल्कि हमारे स्कूल के छात्रों के भविष्य के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होगी।
 
अरे, ये समझौता तो अच्छा सुनाई देगा, लेकिन क्या वास्तव में भारतीय कंपनियां इस्राइली प्रतिस्पर्धा के सामने टिक पाएंगी? शहरी परिवहन और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में दोनों देशों को निवेश करने वाली भारतीय कंपनियों की ताकत कितनी है? और इस्राइली कंपनियों का सामना करते समय भारतीय कंपनियां सहज महसूस कर पाएंगी? यह समझौता फिर भी एक बड़ा जोखिम है... 🤔
 
बतौरा यह समझौता टूटने से पहले तो नहीं हुआ, लेकिन फिर भी इसका मनोबल बहुत अच्छा है। पीयूष गोयल की बातों से लगता है कि यार दोनों अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए मिलकर काम करेंगे। शहरी परिवहन और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्र में निवेश करने की बात है अच्छी है, इससे भारतीय कंपनियों को अपना बाजार बनाने में मदद मिलेगी।

कुछ लोगों को लगता है कि इस समझौते से हमारे देश के पास अब तक नहीं था, इसलिए यह अच्छी बात है।
 
मुझे ये समझौता बहुत अच्छा लगता है! 😊 बीते समय से हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कुछ नया करना चाहिए और यह समझौता हमें अच्छी दिशा में बढ़ने का मौका देता है। शहरी परिवहन और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में निवेश करना बिल्कुल सही रहेगा। इसके साथ ही, कृषि, सिंचाई और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में भी नए अवसर बन सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि इससे हमारे देश की अर्थव्यवस्था में बहुत बदलाव आएगा। यह समझौता न सिर्फ हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि हमारे देश की छवि को भी बेहतर बनाएगा। 🙌
 
अरे बेटा, तो ये समझौता सिर्फ एक बड़ा फायदा है! हमारी भारतीय कंपनियों के लिए, इस समझौते में शहरी परिवहन और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भारी निवेश की संभावना है। जैसे कि हमारी कंपनियां टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड अह्लूवालिया, आदि इन्फ्रास्ट्रक्चर और शहरी परिवहन में नए अवसरों को देख रही हैं। और इस्राइल के आगामी मेट्रो प्रोजेक्ट्स में भारतीय कंपनियों की संभावित भूमिका पर चर्चा करने से हमारी कंपनियां बहुत रुचि लेंगी।
 
बस यह समझौता एक बड़ा कदम है 🤔, दोनों देशों को अपनी अर्थव्यवस्थाओं में फायदा होगा। लेकिन, क्या हमारे वातावरण और संसाधनों की परवाह किए बिना इतना बड़ा समझौता कर सकते हैं? 🌎 हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे देश में लोगों को भी फायदा हो।
 
मुझे लगता है कि भारत और इस्राइल के बीच यह समझौता अच्छा है, लेकिन मैं इसकी शर्तों को थोड़ा अधिक स्पष्ट नहीं देख रहा हूँ। जैसे कि शहरी परिवहन और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भारी निवेश, यह तो अच्छा है, लेकिन इसके बाद क्या होगा? क्या दोनों देश वास्तव में अपने व्यापारिक समृद्धि को बढ़ाने के लिए सहयोग करेंगे या यह तो बस एक झूठी बात होगी।

मुझे लगता है कि सरकार ने इस समझौते के बाद कुछ प्रत्यक्षता दिखानी चाहिए, जैसे कि क्या वास्तव में शहरी परिवहन और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भारतीय कंपनियों को सहायता मिलेगी। अगर नहीं, तो यह समझौता बहुत ही अयोग्य है।

मुझे लगता है कि हमें इस समझौते की शर्तों पर नज़र रखनी चाहिए और देखना चाहिए कि वास्तव में दोनों देश अपने व्यापारिक समृद्धि को बढ़ाने के लिए सहयोग करेंगे या नहीं।
 
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