J&K By-election: नगरोटा में BJP से देवयानी राणा की धमाकेदार जीत, बडगाम में PDP के आगा सैयद मुंताजिर बने विजेता

जम्मू-कश्मीर में नगरोटा और बडगाम उपचुनावों में, भाजपा की उम्मीदवार देवयानी राणा ने दिल्ली से चुनाव लड़ने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह एक धमाकेदार जीत हासिल की है। नगरोटा उपचुनाव में, जहां 42 हजार से अधिक वोट मिले, वहीं बडगाम में पीडीपी के उम्मीदवार आगा सैयद मुंतजिर ने चौथे राउंड में 1091 मतों से जीत हासिल की थी।

नगरोटा उपचुनाव में, देवयानी राणा ने लगातार 10वें राउंड की गिनती में जीत दर्ज की है। उन्हें 39561 वोट मिले हैं और दूसरे नंबर पर नेशनल पैंथर्स पार्टी के हर्ष देव सिंह हैं। वहीं बडगाम में, आगा सैयद मुंतजिर ने चौथे राउंड में 1091 मतों से जीत दर्ज की थी, लेकिन उम्मीदें अभी भी उनकी खो गई हैं।

नगरोटा उपचुनाव में, देवयानी राणा ने अपने समर्थकों को आश्वासन दिया है कि उन्हें जनता का आशीर्वाद मिल रहा है। वह कह रही हैं कि 2024 में नगरोटा के मतदाताओं ने उन्हें समर्थन दिया था, और इसी तरह 2025 में भी हर घर और हर परिवार ने बढ़-चढ़कर उनका साथ दिया है।
 
नगरोटा और बडगाम के चुनावों में भाजपा और पीडीपी की जीत तो अच्छी है, लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या यह सच्चे राजनेताओं के पक्ष में है? देवयानी राणा की जीत को देखकर लगता है कि उन्होंने अपने प्रचार में सबकुछ सही से किया होगा, लेकिन हमें यह भी देखना चाहिए कि वे अपने समर्थन में क्या कर रहे हैं। और आगा सैयद मुंतजिर की जीत को देखकर लगता है कि उन्होंने अपने पार्टी के लिए बहुत अच्छा प्रदर्शन किया होगा। लेकिन हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपने समर्थन में जो सोच रहे हैं वह सच्चा है।
 
नगरोटा उपचुनाव में देवयानी राणा की जीत बहुत अच्छी लगी, तो लोगों को खुशी हुई। उनके पास 42 हजार से अधिक वोट मिले, और उम्मीदवार आगा सैयद मुंतजिर को चौथे राउंड में 1091 मतों से जीत मिली। देवयानी राणा ने अपने समर्थकों को आश्वासन दिया है कि जनता का आशीर्वाद मिल रहा है, और वह 2024 में नगरोटा के मतदाताओं से समर्थन प्राप्त कर रही थी। अब लोग उसका साथ बढ़-चढ़कर देने की उम्मीद कर रहे हैं। यह अच्छी बात है, और मुझे लगता है कि भविष्य में भी वह अच्छी तरह से प्रदर्शन करेगी। 🙌
 
ये तो खूबसूरत चुनाव हुआ है 🤔, लेकिन क्या ये हमारे देश की सच्चाई को दर्शाता है? देवयानी राणा ने 42 हजार से अधिक वोट मिले, लेकिन यह तो केवल एक शहर में हुआ है, और हमारे देश की वास्तविकता क्या है? बडगाम में आगा सैयद मुंतजिर ने जीत हासिल की, लेकिन वहां की जनता अभी भी असंतुष्ट है। तो यह तो केवल एक छोटे से शहर में हुआ है, हमारे देश की व्यापक समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया। और देवयानी राणा ने अपने समर्थकों को आश्वासन दिया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सभी भारतीय उसकी प्रतिष्ठा से सहमत हैं। हमें अपने देश की सच्चाई पर विचार करना चाहिए, न कि एक ही जगह में जीत-हार के।
 
सुनो, नगरोटा में डेवयानी राणा को जीत मिली, लेकिन क्या यह सच है? 42 हजार से अधिक वोट मिलना तो बात है, लेकिन मतगणना में कुछ गलतियाँ भी होने की संभावना है। और बडगाम में आगा सैयद मुंतजिर की जीत, यह तो बहुत जल्दी कही नहीं है कि उन्होंने 1091 मत से जीत हासिल की है, चौथे राउंड में न क?). और डेवयानी राणा को जनता का आशीर्वाद मिलना, यह तो लोगों की उम्मीदें नहीं हैं, बल्कि उनकी जीत से होने वाली नई उम्मीदें हैं।
 
नरेंद्र मोदी को मिले यह फायदा ज्यादा नहीं देख रहा हूँ, लेकिन उनकी प्रतिद्वंद्वी की तरह से लड़ने वाली देवयानी राणा को तो लगता है कि जनता का आशीर्वाद मिल गया है। वह ज्यादातर देशभक्तों और स्वतंत्रता सेनानियों के पुतले खोलती है, जैसे कि नरेंद्र मोदी। अगर वह अपने पार्टी के नियमों और नीतियों पर भी ध्यान देती, तो फिर शायद चुनाव में बहुत बड़ी जीत हासिल कर लेती।
 
क्या हुआ ये प्लेटफॉर्म पर चुनावों की जानकारी इतनी देर से नहीं आती 🤔। तो देवयानी राणा ने नगरोटा में 42 हजार वोट मिले, लेकिन बडगाम में आगा सैयद मुंतजिर ने क्या जीत हासिल की? ये जानकारी अच्छी तरह से नहीं आती, तो कैसे पता चलेगा कि देवयानी राणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह एक धमाकेदार जीत हासिल कर रही हैं? 🤷‍♂️
 
अरे, ये देवयानी राणा की जीत तो सचमुच चौंकाने वाली है, 42 हजार से अधिक वोट मिले तो हमेशा की तरह प्रधानमंत्री की तरह भी दिख रही है। लेकिन शहर में कितना खरा बदलाव आ गया है? और अब वह अपने समर्थकों को आश्वासन देती है, 'जनता का आशीर्वाद' क्या तो यह कैसे संभव है? 2024 में शहर के मतदाताओं ने उन्हें समर्थन दिया था, लेकिन अब दूसरों के आगे भी जीत रही है, यह कौन सी बात है?
 
मैंने नगरोटा के मतदाताओं को जीतने में मदद करने वालों को बहुत सम्मान देता हूँ, लेकिन मुझे लगता है कि यह जीत भाजपा की पकड़ को और मजबूत बना रहेगी। मैंने बडगाम की जीत को देखा है, और मुझे उम्मीदें नहीं हैं कि आगा सैयद मुंतजिर की खोज निकल गई होगी। नरेंद्र मोदी की तरह एक धमाकेदार जीत, लेकिन मुझे लगता है कि यह भाजपा को अपनी कमजोरियों पर ध्यान देने से रोकना चाहिए।
 
नगरोटा को देख रहा हूँ, यह तो बहुत अच्छी जीत है 🤩। लेकिन मुझे लगता है कि चुनावों में जीतने की संख्या नहीं है, बल्कि सच्चाई और नेतृत्व की जरूरत है। देवयानी राणा को बहुत सारे वोट मिले, लेकिन पीडीपी के उम्मीदवार आगा सैयद मुंतजिर को भी बहुत सारे मत मिले। जीतने की बात तो दोनों ही नेताओं को, लेकिन सच्चाई की बात तो एक और है।
 
नगरोटा और बडगाम के उपचुनावों में जो जीत हुई है, वह बिल्कुल सही है 🙌। देवयानी राणा जी ने अपने समर्थकों को आश्वासन दिया है कि जनता का आशीर्वाद उनके साथ है। लेकिन मुझे लगता है कि यह जीत भाजपा की सरकार के लिए एक बड़ा संकेत है। और अगर हमें अपने मतदाताओं को सच्चाई बतानी है, तो हमें उन्हें आश्वासन नहीं देना चाहिए, बल्कि उनको सुधारने के लिए काम करना चाहिए 🤔
 
क्या ये सच है कि हमारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी इतने ही राजनीतिक गाम्भीरता के साथ दिल्ली से चुनाव लड़ रहे हैं और जम्मू-कश्मीर में नगरोटा और बडगाम में भी? 🤔 यार, यह तो बहुत ही रोचक है! लेकिन मुझे लगता है कि उनकी जीत की बात करने से पहले हमें पता लगाना चाहिए कि क्या वास्तव में उन्होंने इतनी अच्छी प्रदर्शन कर रहे हैं या नहीं। मुझे लगता है कि हमें उनकी जीत की गिनती करने से पहले उनकी गुणवत्ता और प्रदर्शन को देखना चाहिए। फिर ही हम कह सकते हैं कि यह एक अच्छी शुरुआत है, लेकिन हमें आगे की दिशा में जाने से पहले अपने निर्णयों पर विचार करना चाहिए। 🤓
 
जम्मू-कश्मीर के नगरोटा और बडगाम में उपचुनावों में जो देखा गया, वह बहुत ही रोमांचक था। देवयानी राणा ने अपने समर्थन से बहुत अच्छी प्रदर्शन किया है, और यह उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है। लेकिन क्या हम इस जीत को सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि मान सकते हैं? यह समय है कि हम देखते हुए विकास, शिक्षा और रोजगार की समस्याओं पर भी ध्यान दें।
 
नगरोटा में भाजपा की जीत तो एक अच्छा संदेश है कि लोगों की उम्मीदें और आशाएं पूरी करने के लिए हमें मजबूत होने की जरूरत है। लेकिन देवयानी राणा की जीत में यह सवाल उठता है कि क्या उनकी विजय केवल लोगों की आशाएं पूरी करने से नहीं बल्कि अपने स्वयं के लक्ष्यों और इच्छाओं से भी हुई है?
 
नेता जैसे लोगों को इतना विश्वास कैसे मिलता है 🤔? देवयानी राणा की जीत को एक वाक्य में नहीं समझ सकता, वह सिर्फ जनता का आशीर्वाद लेकर चुनाव लड़ रहे थे। शहरों में मतदाताओं को भोजन और पेय परिवहन दिया गया है, जबकि गाँव-गांव जाने की व्यवस्था तो नहीं है। वह लोग जिन्हें वोट देने के लिए कह रहे थे, उन्हें मतदान केंद्रों तक पहुँचने में परेशानियों से निपटना पड़ता है। यह सिर्फ एक झांकी है और सच्चाई कितनी खुलासा करेगी।
 
नगरोटा में देवयानी राणा की जीत तो अच्छी, लेकिन आम आदमी की समस्याएं कुछ भी हल नहीं हुईं, और बडगाम में आगा सैयद मुंतजिर के नंबर पर आना उनके लिए एक बहुत बड़ा झटका है। पीडीपी को यह जीत उन्हें 2026 में कश्मीर में सीटें हासिल करने में मदद करेगी, लेकिन इससे जम्मू-कश्मीर के आम आदमी की हालत कुछ भी बेहतर नहीं होगी।
 
बड़ा खुश हो गया कि हमारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की तरह युवा और ऊर्जावान वोटारी देवयानी राणा ने जम्मू-कश्मीर में नगरोटा और बडगाम उपचुनावों में बहुत अच्छी जीत हासिल की है 🙌। यह तो हमें बहुत प्रेरित करता है कि युवाओं ने भारतीय जनता पार्टी के लिए अपना समर्थन दिया है। मुझे लगता है कि देवयानी जी की जीत से यह बताया गया है कि युवाओं को उनकी योजनाओं और विचारों में विश्वास होता है।
 
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