जब ईरान ने 53 अमेरिकियों को बंधक बनाया: अमेरिका गिड़गिड़ाता रहा, छुड़ाने गए 8 कमांडोज की लाश लौटी; 444 दिनों के जद्दोजहद की कहानी

'ऑपरेशन आर्गो', जिसने ईरान की 444 दिनों तक चली बंद हुई सैन्य मिशन को समाप्त कर दिया, ने अमेरिका और ईरान के बीच पूर्ण बदलाव लाया।
 
ऑपरेशन आर्गो का समापन तो एक अच्छी बात है, लेकिन यह सोचिए, 444 दिनों तक चली मिशन को समाप्त कर देने से ईरान को कुछ न कुछ दोस्ती की भावना होगी, जिसे अमेरिका अपनी बढ़िया रणनीति से खत्म कर गया। 🙃

अब तो ईरान को यह समझना होगा कि अमेरिका उसके लिए कितना दिलचस्प है। पहले ऐसा लग रहा था कि अमेरिका बस ईरान पर आर्मी बेस स्थापित करने वाला है, लेकिन मुझे लगता है अब वह ईरान को अपना खास सैन्य सहयोगी बनाना चाहता है। 🤔

चल, ईरान को तो यह बदलाव अच्छा लगेगा, फिर भी मुझे लगता है कि अमेरिका ने इस बार बहुत बड़ी जीत हासिल कर ली।
 
उदाहरण की तरह, अब अमेरिका और ईरान के बीच ऐसे विवाद होने पर पहले हिम्मत करने वाले नहीं मिले थे। ऑपरेशन आर्गो का नाम तो याद कर देना चाहिए। तो इन दोनों देशों की सुरक्षा के लिए अब कोई नया तरीका ढूंढने पर मजबूर हैं। शायद इसके बाद अमेरिका और ईरान के बीच फिर से सामाजिक संबंध बन जाएंगे।
 
सुनिए, इरान सेना ने 444 दिनों तक जूझा हुआ यह लड़ाई कितनी मुश्किल थी, दोस्तो! अब ऑपरेशन आर्गो समाप्त होते ही अमेरिकी-इरान संबंध में तो पूरी तरह से बदलाव आया है 🔄

मुझे लगता है, इस बार यमन में इरान की सेना पर अमेरिका ने अपना हाथ मजबूत कर दिया है। अब स्थिति में कोई भी बड़ा बदलाव नहीं आ सकता, लेकिन अभी तो इस पर बहुत सी बातचीत जारी है और फिर कुछ समय लगेगा कि सब ठीक हो जाए।
 
ऑपरेशन आर्गो की तरह तेजी से चलने वाले ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफ़ॉर्म्स में भी थोड़ी सुधार की जरूरत है। इन प्लेटफ़ॉर्म्स पर उत्पादों की जाँच करने और ऑर्डर देने में बहुत समय लग जाता है, इसीलिए व्यस्त लोगों को यह प्लेटफ़ॉर्म्स पसंद नहीं आते। शॉपिंग को आसान बनाने के लिए इन प्लेटफ़ॉर्म्स पर जल्दी और सटीक निर्देशिका और सर्च फ़िक्शन की जरूरत है।
 
बिल्कुल सही किया गया... यह ऑपरेशन आर्गो तो बहुत ही रोमांचक था, खासकर जब देश के नागरिकों को इसके बारे में पता हुआ तो... 😒 उनका मनोबल साफ़ साफ़ कम हो गया। लेकिन फिर भी, यह ऑपरेशन ईरान की रक्षा करने और अमेरिकी विचारधारा के खिलाफ खड़े रहने का एक अच्छा संदेश देता है। मुझे लगता है कि यह ऑपरेशन हमें एक नई दिशा में ले जाने का एक अच्छा अवसर प्रदान करता है, खासकर जब हम अपने नागरिकों की सुरक्षा और उनके भविष्य को लेकर चिंतित होते हैं। तो फिर, इस ऑपरेशन से हमें कुछ सीखने का मौका मिलेगा, जैसे कि हमारी सैन्य शक्ति और राजनीतिक समझ को और भी मजबूत बनाने के लिए... 💪
 
यह तो बहुत ही बड़ा फैसला है! चाहे वो हमारे देश से भी जुड़वा देश में हो, या फिर कोई अन्य देश, अगर हम अपने नेताओं को एकजुटता और समझदारी दिखाते हैं तो हम कुछ भी हासिल कर सकते हैं। ऑपरेशन आर्गो जैसे बड़े सैन्य कदम लेने से पहले हमें सोचना चाहिए कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था, हमारे नागरिकों की सुरक्षा... सबकुछ सही से चल रहा है या नहीं।
 
मुझे लगता है कि इस तरह से तेल की चोरी पर फिर से ध्यान देना जरूरी है। भारत में हमारे खुद के तेल व्यापार को कैसे प्रभावित करेगा और इससे भारत के आर्थिक भविष्य पर कैसा असर पड़ेगा। मुझे लगता है कि इस पर फिर से चर्चा करनी जरूरी है, ताकि हम अपने देश को सही दिशा में ले सकें।
 
ऑपरेशन आर्गो की समाप्ति से पहले तो हमारे देश में कोई बात नहीं थी, पर अब तो यह जानकर हैरत में रह गया है कि अमेरिकी-ईरान के बीच क्या खेल होता था। 444 दिनों तक चली इस सैन्य मिशन को समाप्त करने से हमारे देश की आर्थिक स्थिति भी ज्यादा बिगड़ गई है, तीन दशक से चले आयात प्रतिबंध को अब तो एक नई पहचान मिल गई है।
 
ऑपरेशन आर्गो की जानकारी पढ़कर लगा कि युद्ध की स्थिति बहुत ही खतरनाक थी, तो फिर भी अमेरिका ने ईरान पर दबाव डाला और मिशन समाप्त कर दिया। अब सोचते हैं कि ईरान कैसे प्रतिरोध करेगा, लेकिन एक बात जरूर है, यह सब कुछ बहुत ही जटिल है। 🤔

ऑपरेशन आर्गो के माध्यम से अमेरिका ने अपनी ताकत दिखाई, लेकिन इसके परिणामस्वरूप ईरान का भी बदलाव आया होगा। तो अब सोचते हैं कि दोनों देश कैसे आगे बढ़ेंगे, और हमें क्या उम्मीद करनी चाहिए? यह एक बहुत ही बड़ा सवाल है। 🤝

नए संयुक्त समझौते को लेकर तो अभी तक जानकारी नहीं मिली है, लेकिन अगर ऐसा होगा तो बहुत अच्छी बात होगी। दोनों देश एक-दूसरे के साथ और भी खास संबंध बनाने की कोशिश करेंगे।
 
ईरान की ताकत कम होने की बात तो सब जानते थे, लेकिन 444 दिनों तक चलने वाले सैन्य मिशन को समाप्त करना थोड़ा अच्छा लगा। अब अमेरिका का मतलब ईरान से लड़ने का नहीं बनना चाहिए, समझने का समय है।
 
ऑपरेशन आर्गो की समाप्ति का मतलब यह नहीं है कि भारत-ईरान संबंधों में खलल डालेगा। हमें यह समझना चाहिए कि अमेरिका-ईरान विवाद एक बड़े पैमाने पर सांकेतिक तनाव को जन्म दिया है, जिसे हम सब समझने और समाप्त करने में सक्षम होना चाहिए।

भारत की बुद्धिमत्ता और विश्वसनीयता इस तरह की स्थितियों में हमेशा बहुत महत्वपूर्ण साबित होती है। हमें ऐसे संबंध बनाए रखने पर ध्यान देना चाहिए जो एक-दूसरे की जरूरतों और हितों को समझने और पूरा करने में सक्षम हो।
 
ऑपरेशन आर्गो के बाद तो फिर भी कुछ बातें नहीं ठीक हुईं। पहले, यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए था कि ईरान के सैनिकों को जरूरat मिल जाए, लेकिन अबतक कुछ ऐसा नहीं दिखा। और फिर, अमेरिकी सरकार ने ईरान पर इतना आरोप लगा दिया? यह तो बहुत ही अस्वस्थ स्थिति है। क्या हमें अपने देश की खैरात में अमेरिका की राजनीति में खेलना पड़ेगा?

और इसके अलावा, ऑपरेशन आर्गो से कुछ भी नया बदलाव नहीं आया। जितनी बार कुछ करने की बात कही जाती है, उतनी ही बार एक ही दिल्ली परिवार की बातें चलने लगती हैं। तो फिर, हमें खुश रहना चाहिए?
 
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