उत्तराखंड में वेस्टर्न कमांड इलाके में सैन्य अभ्यास राम प्रहार शुरू हो गया है, जिसमें लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कटियार ने बयान भी दिया है। उन्होंने कहा, 'हमारी लीडरशिप ने पहले ही यह बता दिया है कि दुश्मन की किसी भी गलत हरकत या उकसावे का जवाब पहले से कहीं ज़्यादा कड़े तरीके से दिया जाएगा।'
लेफ्टिनेंट जनरल ने बताया, 'हमारा लक्ष्य है पाकिस्तान में घुसकर टेरर कैंप को तबाह करना। ये पूरी ट्रेनिंग उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए है। हमने टेक्नोलोजी आज लड़ाई में शामिल हो गई है, टैंक से लेकर एयरक्राफ्ट तक।'
उन्होंने कहा, 'हमें ये मान कर चलना है कि दुश्मन के पास भी ड्रोन हैं, उनके पास भी तकनीक हैं। हम इस बात का भी ख्याल रखते हैं कि दुश्मन भी हमें देख रहा है।' लेफ्टिनेंट जनरल ने आगे कहा, 'हमारी ट्रेनिंग का हिस्सा है कि कैसे हम नदी पार कर के दुश्मन के इलाके पर कब्जा करें।'
उन्होंने बताया, 'अगर दुश्मन हमारे इस अभ्यास को देखकर, हमारी तैयारी हमारी क्षमता को देखकर कोई सबक लेता है और कोई दुस्साहस नहीं करता है तो यह अच्छी बात है। अगर ये सब देखने के बाद भी दुश्मन कोई हरकत करता है तो हमें ऑपरेशन सिंदूर से भी बढ़कर एक्शन लेना होगा।'
लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा, 'साइबर, न्यूक्लियर, केमिकल सभी तरह की लड़ाई की हमारी तैयारी है। हम ये मानते हैं कि अगली लड़ाई सिर्फ एक डोमेन में नहीं होगी, लेकिन जीत जमीन पर ही हासिल ही होगी, जब तक हम जमीन पर कब्जा नहीं करेंगे, पाकिस्तान मानेगा नहीं कि हम जीत गए हैं।'
उन्होंने बताया, 'हम टेक्नोलॉजी को अपने सिस्टम में शामिल कर रहे हैं, तो हम इस चीज को ध्यान में रखते हैं कि दुश्मन इस चीज को कैसे शामिल करेगा। एआई आने से हमारी लड़ने की काबिलियत में इजाफा हुआ है।'
लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा, 'आपने जो हथियार यहां देखे हैं, वो सब भारत में ही बनाए गए हैं, ड्रोन हमने खुद बनाए हैं। जो हथियार हमने इस्तेमाल किया है वह स्वदेशी हैं, और लड़ाई के लिए हम पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैं।'
इस अभ्यास में भाग लेने वाले अधिकारियों ने कहा, 'हमें यह जानने की जरूरत नहीं है कि दुश्मन किस तरह का हमला कर रहा है, हमें बस यह जानने की जरूरत है कि हमें लड़ने के लिए तैयार रहना है।'
लेफ्टिनेंट जनरल ने बताया, 'हमारा लक्ष्य है पाकिस्तान में घुसकर टेरर कैंप को तबाह करना। ये पूरी ट्रेनिंग उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए है। हमने टेक्नोलोजी आज लड़ाई में शामिल हो गई है, टैंक से लेकर एयरक्राफ्ट तक।'
उन्होंने कहा, 'हमें ये मान कर चलना है कि दुश्मन के पास भी ड्रोन हैं, उनके पास भी तकनीक हैं। हम इस बात का भी ख्याल रखते हैं कि दुश्मन भी हमें देख रहा है।' लेफ्टिनेंट जनरल ने आगे कहा, 'हमारी ट्रेनिंग का हिस्सा है कि कैसे हम नदी पार कर के दुश्मन के इलाके पर कब्जा करें।'
उन्होंने बताया, 'अगर दुश्मन हमारे इस अभ्यास को देखकर, हमारी तैयारी हमारी क्षमता को देखकर कोई सबक लेता है और कोई दुस्साहस नहीं करता है तो यह अच्छी बात है। अगर ये सब देखने के बाद भी दुश्मन कोई हरकत करता है तो हमें ऑपरेशन सिंदूर से भी बढ़कर एक्शन लेना होगा।'
लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा, 'साइबर, न्यूक्लियर, केमिकल सभी तरह की लड़ाई की हमारी तैयारी है। हम ये मानते हैं कि अगली लड़ाई सिर्फ एक डोमेन में नहीं होगी, लेकिन जीत जमीन पर ही हासिल ही होगी, जब तक हम जमीन पर कब्जा नहीं करेंगे, पाकिस्तान मानेगा नहीं कि हम जीत गए हैं।'
उन्होंने बताया, 'हम टेक्नोलॉजी को अपने सिस्टम में शामिल कर रहे हैं, तो हम इस चीज को ध्यान में रखते हैं कि दुश्मन इस चीज को कैसे शामिल करेगा। एआई आने से हमारी लड़ने की काबिलियत में इजाफा हुआ है।'
लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा, 'आपने जो हथियार यहां देखे हैं, वो सब भारत में ही बनाए गए हैं, ड्रोन हमने खुद बनाए हैं। जो हथियार हमने इस्तेमाल किया है वह स्वदेशी हैं, और लड़ाई के लिए हम पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैं।'
इस अभ्यास में भाग लेने वाले अधिकारियों ने कहा, 'हमें यह जानने की जरूरत नहीं है कि दुश्मन किस तरह का हमला कर रहा है, हमें बस यह जानने की जरूरत है कि हमें लड़ने के लिए तैयार रहना है।'